क्या आपके मसूड़े अजीब लगते हैं, क्या उनमें दर्द और तकलीफ होती है। जब आप ब्रश करते हैं या फ्लॉस करते हैं, तो मसूड़ों से खून आता है या उसकी सतह पर एक सफेद धब्बा देखा है। ऐसे कई मुद्दे हैं जो आपके मसूड़ों को प्रभावित कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि दांतों या मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों की बीमारी को हल्के में लिया जाए। आपको मामूली सी लगने वाली मसूड़ों की सूजन कैंसर का भी एक संकेत हो सकता है।
मसूड़ों में सूजन (Gum swelling) के संकेत
मसूड़ों की सूजन के लक्षण मौखिक या गम कैंसर के संकेतों से काफी अलग हैं, लेकिन इन स्थितियों में दो चीजें समान हैं। प्रारंभिक अवस्था में, न तो दर्द होता है और न लालिमा होती है, लेकिन आगे चलकर लालिमा के क्षेत्रों को कैंसर या मसूड़ों की सूजन से जोड़ा जा सकता है। जब किसी व्यक्ति को मसूड़े की सूजन होती है, उदाहरण के लिए, उसके मसूड़े आमतौर पर हल्के गुलाबी के बजाय हल्के काले या सांवले से होते हैं। दूसरे, मसूड़े की सूजन से मसूड़ों से खून आने की संभावना बन सकती है जिसका कारण कैंसर ग्रस्त गमलाइन हो सकती है।
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मसूड़ों की सूजन को अनदेखा न करें
यदि आप लगातार मसूड़ों में सूजन और दर्द की समस्या से परेशान हो रहे हैं तो थोड़ा सतर्क रहिए। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह आवश्यक नहीं है कि मसूड़ों की सूजन की यह समस्या सिर्फ दांतों में विकार के चलते हो, बल्कि यह एक्यूट ल्यूकेमिया का संकेत भी हो सकता है। यदि लगातार आपको मसूड़ों में सूजन, दर्द आदि की समस्या बनी रहती है तो ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करके जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकालें। इसको अगर काफी दिनों तक अनदेखा किया जाए तो कैंसर जैसी समस्या पैदा हो सकती है
मसूड़ों में सूजन (gum swelling) के अलावा ओरल कैंसर के लक्षण-
माउथ कैंसर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- मुंह के (होंठ से टॉन्सिल तक) अंदर सूजन आना
- मुंह से किसी भी वक्त खून आना
- मुंह में दर्द होना और चेहरे / गर्दन की त्वचा बहुत ज्यादा सॉफ्ट हो जाना
- मुंह में गांठ बनना
- पपड़ी बनना या फिर मसूड़ों पर कटे का निशान आना
- मुंह में लाल या सफेद पैच का निशान पड़ना
- गले में खराश या आवाज में बदलाव आना
- कान में दर्द महसूस होना
- मुंह में बार-बार छाले होना
- चेहरे, गर्दन या मुंह में घाव होना और घाव का जल्दी ठीक न होना और फिर से दोबारा होने की संभावना होना या बार-बार घाव होना
- चबाने, निगलने, बोलने, जबड़े या जीभ को हिलाने में भी कठिनाई महसूस हो सकती है
- अचानक से वजन कम हो जाना
- एचपीवी के संक्रमण से भी मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह खासकर युवा वर्ग में ज्यादा होता है
इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए किसी भी तरह के नकारात्मक बदलाव महसूस होने पर नजरअंदाज न करें।
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मसूड़ों की सूजन निदान
अपने दंत चिकित्सक से समय रहते इस समस्या को दिखाना मसूड़े की सूजन को खत्म करने में मदद कर सकता है और इसे पीरियडोंटल बीमारी के रूप में विकसित होने से रोक सकता है। आमतौर डॉक्टर रूटीन डेंटल एग्जाम के दौरान बहुत जल्दी कैंसर को पकड़ लेते हैं। वे फिर आपको एक दांत कान, नाक और गले के विशेषज्ञ या सिर और गर्दन के सर्जन को रेफर कर सकते है। निदान की पुष्टि कर हम डाॅक्टर की मदद से तुरंत उपचार शुरू कर सकते हैं। एक अच्छा मौका है कि हम कैंसर को खत्म कर सकते हैं। हर छह महीने में डेंटिस्ट के पास जाने के अलावा, दिन में दो बार ब्रश और फ्लॉस जरूर करें दांतों और मुंह को स्वस्थ रखने के लिए। प्लाक और टार्टर को दांतों में न जमने दें।
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गम स्वेलिंग को लेकर ध्यान देने योग्य मुख्य बातें
सिगरेट और तंबाकू उत्पादों से परहेज करना, भी आपको मसूड़ों के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। जितनी अधिक बार आपने तंबाकू का उपयोग किया उतना अधिक आपको सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा होता है। “धूम्रपान और धूम्रपान रहित तंबाकू दोनों ही हमेशा कैंसर को पैदा करने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाते हैं।” चबाने, धुआं रहित और सूंघने वाले टोबैकोस, जो सीधे मुंह में रखे जाते हैं, मुंह में ल्यूकोप्लाकिया नामक ग्रे-सफेद अल्सर बना सकते हैं जो कैंसर बन सकता है। धुआं रहित तंबाकू में जीन को नुकसान पहुंचाने वाले रसायन होते हैं
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ओरल केयर न की जाए तो हो सकती हैं ये समस्याएं
- दिल की समस्या
- ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर) का खतरा
- बैक्टीरियल निमोनिया का खतरा
- जन्म लेने वाले शिशु का वजन कम हो सकता है।
कुछ बातों को ध्यान में रखकर और अपनाकर आप मुंह की समस्याओं से बच सकते हैं। दांतों की नियमित साफ-सफाई आपको कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकती है। ये जरूर ध्यान रखें की डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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मसूड़ों की सूजन (गम स्वेलिंग) को दूर करने के लिए सुझाव
- इलाज होने के दौरान और इलाज के बाद भी मुंह की सफाई का ध्यान रखें।
- शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। एल्कोहॉल न पीने वालों की तुलना में पीने वाले लोगों में ओरल कैंसर होने की संभावना लगभग छह गुना अधिक बढ़ जाती है।
- तम्बाकू, गुटखा और सिगरेट आदि का सेवन बंद करें। माउथ कैंसर तंबाकू, गुटखा और सिगरेट पीने वालों में ज्यादा होता है।
- ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन सेहत के साथ-साथ किसी भी बीमारी से लड़ने में सहायक होता है।
- जंक फूड और पैक्ड जूस का सेवन नहीं करना चाहिए। दांतों की सफाई के लिए जिस तरह से फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट, सॉफ्ट टूथब्रश के आवश्यकता होती है ठीक वैसे ही फ्लॉसिंग का भी इस्तेमाल करने बेहद जरूरी होता है।
- इलाज के दौरान महसूस हो रही परेशानी को डॉक्टर को बताएं। इस बीमारी या किसी अन्य बीमारी से जुड़ी अगर कोई भी समस्या हो, तो डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें।
मसूड़ों की सूजन और गम कैंसर दो अलग-अलग स्थितियां हैं, लेकिन आपको दोनों को गंभीरता से लेना चाहिए औऱ नियमित रूप से डेंटिस्ट को दिखाकर ये सुनिश्चित करना चाहिए की सबकुछ ठीक है। कैंसर एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओरल कैंसर का इलाज पहले और दूसरे स्टेज में करने से इससे आसानी से लड़ा जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि मुंह में हो रहे किसी भी तरह के बदलाव को ज्यादा समय तक नजरअंदाज करना ठीक नहीं होता है। यदि मसूड़ों में कोई समस्या है चाहे फिर वह मसूडों की सूजन ही क्यों न हो उसका उपचार शुरू कर देना चाहिए। आशा करते है की इस लेख से आपको मसूड़ों की सूजन और उससे होने वाले खतरों को समझने में मदद मिली होगी। मसूड़ों की सूजन से जुड़ी और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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