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ओडीडी के कारण (Oppositional Defiant Disorder Causes)
ओपोजिशनल डिफाइएंट डिसऑर्डर (ओडीडी) का कोई निश्चित कारण नहीं है। लेकिन, इसे आसपास के विचार, बायोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल फेक्टर्स से पहचाना जा सकता है। यह उन परिवारों में अधिकतर देखा जाता है, जिनकी मेडिकल हिस्ट्री में ‘ध्यान की कमी और सक्रियता विकार’ (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) यानि एडीएचडी जैसी समस्या शामिल होती है।
एक थिओरी के मुताबिक, ओडीडी की समस्या टॉडलर्स (जब बच्चे पहली बार चलना शुरू करते हैं) समय ही शुरू हो जाती है। क्योंकि, ओडीडी से ग्रस्त बच्चे और किशोरों का टॉडलर्स जैसा ही व्यवहार होता है।
ओडीडी के अन्य कारणों में माता-पिता के प्रति सकारात्मक लगाव का अभाव, मजबूत इच्छाशक्ति और घर या दैनिक जीवन में भारी तनाव होना है। खुद को अकेलापन महसूस करने वाले लोग भी इस समस्या का शिकार हो सकते हैं।
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ओपोजिशनल डिफाइएंट डिसऑर्डर (ओडीडी) के जोखिम कारक (Oppositional Defiant Disorder Factors)
बच्चों, किशोर और व्यस्कों में ओडीडी की समस्या कैसे विकसित हो जाती है यह कहना और पहचानना थोड़ा मुश्किल है। यह एक जेनेटिक कारक भी हो सकता है। ओडीडी के कुछ जोखिम हैं , जिन्हें समझना बेहद जरूरी है।
- ऐसे लोगों में भाषा को समझने और बोलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, जो लंबे समय तक बनी रह सकती है।
- पारिवारिक लोगों के बीच संबंधों का अभाव होने लगता है।
- इस कंडिशन में बच्चा स्कूल में हर एक्टिविटीज में पीछे रह सकता है और उसकी परफॉर्मेंस भी कमजोर हो सकती है।
- ओडीडी से पीड़ित चीजों को सीखने के भी कच्चे हो सकते हैं।
- इनमें सोशल स्किल की कमी होती है। समस्याओं को जल्दी से हल नहीं कर पाते हैं। साथ ही इनको याद करने में दिक्कत होती है।
- एडीएचडी की समस्या से जूझना पड़ सकता है।