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फीवर में शिशु के लिए खाना: डायट में रखें इन बातों का ध्यान!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/08/2021

    फीवर में शिशु के लिए खाना: डायट में रखें इन बातों का ध्यान!

    बदलते मौसम के साथ बच्चे जल्दी सर्दी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ जाते हैं। बच्चे बुखार में केवल कमजोर ही नहीं, बल्कि चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। तो ऐसे में मेडिकेशन के अलावा बच्चे की डायट का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। फीवर में शिशु के लिए खाना (Baby food during fever) बहुत महत्वपूर्ण होता है। कई ऐसे फूड होते हैं, जो इंफेक्शन को दूर करने का काम करते हैं। इसी के साथ ही बच्चे की इम्यूनिटी भी अच्छी होती है। बच्चे के बुखार को ठीक करने में डायट भी फायदेमंद होता है। तो आइए जानें कि फीवर में शिशु के लिए खाना (Baby food during fever) कैसा हो? इसी के साथ जानें, बच्चों में बुखार के कारणों के बारे में।

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    बच्चों में बुखार के कारण (Causes)

    कुछ बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि कि इम्यूनिटी पॉवर काफी कमजोर होती है, इसलिए वो आसानी से संक्रमण की गिरिफ्त में आ जाते हैं। ये संक्रमण शिशुओं में बुखार का कारण बन सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • वायरल संक्रमण (Viral infection) : कुछ वायरस बच्चों में बुखार का कारण बन सकते हैं, जैसे कि मलेरिया व फ्लू वायरस आदि।
  • बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection): कई बार जीवाणुओं के संपर्क में आने के कारण भी बच्चे बैक्टीरियल इंफेक्शन के शिकार हो जाते हैं। जिस कारण उनमें हाय फीवर की समस्या या ब्रेन में फीवर की समस्या हो जाती है।
  •  टीकाकरण (Vaccination) : कई बार बच्चों में वैक्सीनेशन के बाद भी बुखार आ जाता है
  • डायरिया (Diarrhea) : डायरिया और उल्टी भी कई बच्चों में बुखार का कारण बन सकती है।
  • दांत निकलने पर (Tooth): शिशु के पहली बार दांत निकलने या नए दांत निकलने पर भी बच्चे को बुखार आ सकता है।
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    बच्चों में बुखार के लक्षण (Symptoms)

    यदि आपके बच्चे को बुखार हो तो उनमें इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • माथा और शरीर का अत्यधिक गर्म होना (Fever)
  • बच्चे को अधिक कंपकंपी होना (Baby shivering excessively)
  • चेहरा लाल हो जाना (Red face)
  • दांत कटकटाना (cleavage)
  • पसीना आना (Sweating)
  • थकावट (Exhaustion)
  • कमजोरी (weakness)
  • अधिक ठंड लगना (Cold)
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    फीवर में शिशु के लिए खाना (Baby food during fever)

    बच्चे का बुखार से रिकवरी के लिए उनकी डायट की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिस दौरान बच्चे को बुखार हो उस दौरान पेरेंट्स को बच्चों के खानपान में ऐसे फूड को शामिल करना चाहिए, जो एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होने के साथ शरीर को विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्व भी प्रदान करे।

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    फीवर में शिशु के लिए खाना: सूप (Soup)

    बच्चे के लिए सब्जियों का सूप काफी फायदेमंद होता है। इससे बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ती है और उसे विटामिन जैसे पोषक तत्व भी प्रॉप्त होता है। फीवर में शिशु का खाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। फीवर में  बच्चे के लिए एक कटोरी गर्म सूप देना फायदेमंद होता हैइसे बनाना बहुत आसान होता है और इसमें सभी आवश्यक विटामिन और खनिज की भरपूर मात्रा होती है। गर्म सूप बच्चे के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। आप बच्चे को पालक का सपू भी दे सकते हैं। इसके सभी सब्जियों को बारीक काटकर डाल दें। 

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    फीवर में शिशु के लिए खाना: दलिया(Oats)

    फीवर में शिशु के लिए खाना (Baby food during fever)

    ओट्स प्रोटीन का अच्‍छा स्रोत माना जाता है। इससे बच्‍चे को ताकत मिलती है और यह पाचन में भी आसान होता है। ओट्स के सेवन से इम्युनिटी (Immunity) बढ़ती है। केवल बच्‍चों के लिए ही नहीं बड़ों के लिए भी दलिया बहुत हेल्दी माना  जाता है। इसमें कई मिनरल्स पाए जाते हैं, जैसे कि खनिज  फास्‍फोरस, मैग्‍नीशियम (Magnesium) और आयरन होता है। ये सभी पोषक तत्‍व शिशु के विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। ये बच्‍चे की मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

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    फीवर में शिशु के लिए खाना: वेजिटेबल एंड फ्रूट स्मूदि (Vegetable & Fruit Smoothie)

    फीवर में शिशु के लिए खाना (Baby food during fever)

    फीवर में शिशु के लिए खाना क्या होना चाहिए? अधिकतर पेरेंट्स के मन में यह सवाल होता है। तो आप हेल्दी डायट में बच्चे को वेजिटेबल या फ्रूट स्मूदि दे सकते हैं, जैसे कि बॉयल एप्पल की स्मूदि या चुकंदर की स्मूदि आदि। आप अपने बच्चे की पसंद के फल और सब्जियों से स्मूदि तैयार कर सकते हैं। सेब के अलावा आप उन्हें नाशपाती और गाजर की प्‍यूरी बुखार होने पर दे सकते हैं। यह पाचन में भी आसान होगा।

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    ​फीवर में शिशु के लिए मां का दूध (Mother Milk)

    छोटे शिशुओं में आहार के मुकाबले मां के दूध ज्यादा तकातवर होता है। मां के दूध और फॉर्मूला मिल्‍क (Formula Milk) में अ‍त्‍यधिक मात्रा में पोषण पाया जाता है। यह बच्चे की इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है। मां के दूध में एंटीबॉडीज होते हैं, जो बच्‍चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। मां के दूध से शिशु को बुखार से ही नहीं बल्कि कई अन्‍य बीमारियों में भी फायदा मिलता है।

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    ​फीवर में शिशु के लिए खाना: अदरक और अजवाइन (Ginger and Celery)

    फीवर में शिशु के लिए खाना (Baby food during fever)

    अदरक में कई एंटीऑक्‍सिडेंट गुण पाए जाते हैं। जो शरीर से संक्रमण को बाहर करते हैं। इसके लिए एक कप पानी में  थोड़ी-सी अदरक को डालकर उबाल लें। फिर इसमें शहद मिला लें। इस पानी को गुनगुना होने पर छानकर शिशु को पिलाएं। बीमारी से लड़ने में अजवायन को रामबाण माना जाता है। एक कप पानी में थोड़ी-सी अजवाइन को रातभर भिगोकर रख दें। यह बच्चे में सर्दी और जुकाम की समस्या को भी दूर करती है।

    फीवर में शिशु के लिए खाना: अन्य फूड (Other Food)

    कुछ अन्य फूड भी बच्चे के रिकवरी में जल्दी मदद कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

    • फलों का जूस
    • ग्लूकोज ड्रिंक
    • दूध
    • नारियल पानी
    • फ्रूट कस्टर्ड
    • अंडे
    • सब्जियों का रस
    • अनाज
    • बॉयल चिकन
    • कुक्ड फिश मछली
    • उबली हुई पत्तेदार सब्जियां
    • सलाद (गाजर, बीन्स, कद्दू, शकरकंद आदि)
    • सूखे मेवे या सूखे मेवे के साथ दूध
    • नारंगी और पीले फल (खट्टे फल)

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    फीवर में शिशु के लिए खाना: इन फूड्स का सेवन न करें (Avoid Food)

    जिन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए:

    • मक्खन
    • घी
    • रिफाइन ऑयल
    • रेशेदार खाद्य पदार्थ
    • ऑयली फूड
    • पेस्ट्री
    • पुडिंग
    • मसालेदार भोजन
    • तीखे भोजन

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    ध्यान रखने योग्य कुछ बातें:

    • यदि बच्चे का खाने का मन न हो तो उसके साथ खाना खाने के लिए बहुत जोर जर्बदस्ती न करें। इससे उसे उल्टी हो सकती है। जो थोड़ा बहुत खा रखा है, वो भी निकल जाएगा।
    • सुनिश्चित करें कि उन्हें भरपूर आराम मिले।
    • उन्हें हल्के वजन के कपड़े पहनाएं।
    • बच्चे के कमरे का सही तापमान बनाए रखें, न ज्यादा ठंडा और न ज्यादा गर्म।
    • यदि 2-3 दिनों तक बुखार लगातार 102-103 से ऊपर रहता है, तो आपको तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ को फोन करना चाहिए।

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    पहले दो या 3 दिन बच्चे को सूप, ग्लूकोज पानी और जूस जैसे लिक्विड फूड दें। नियमित अंतराल पर छोटे-छोटे भोजन दें, हर 2 घंटे में जिसे धीरे-धीरे हर 4 घंटे तक बढ़ाया जा सकता है। ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जो सॉफ्ट होने के साथ पाचन में भी आसान हो, जैसे कि  दूध, केला, पपीता, संतरा, मुसंबी, खरबूजे आदि जैसे नरम फल।  खिचड़ी या मैश किए हुए दही चावल या नरम उबली हुई सब्जियां भी शामिल की जा सकती हैं। आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ानी चाहिए, इसलिए दूध, अंडे और दाल जैसे उच्च पोषक तत्व प्रोटीन प्रदान करने में महत्वपूर्ण है

    वसायुक्त भोजन, मसालेदार और अत्यधिक रेशेदार भोजन को पचाना मुश्किल होता है और इससे बचना चाहिए। यह भी याद रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि बुखार के दौरान विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन और सोडियम जैसे कुछ पोषक तत्वों की आवश्यकता बढ़ जाती है। कुछ मामलों में संक्रमण के आधार पर उल्टी, दस्त, खांसी और सर्दी भी हो सकती है। लक्षणों को कम करने और बच्चे को सहज महसूस कराने के लिए इन सभी स्थितियों को  डॉक्टर से संपर्क करें।

     

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