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डब्ल्यू-सिटिंग : कुछ ऐसे छुड़ाएं बच्चे की इस पोजीशन में बैठने की आदत को!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/11/2021

    डब्ल्यू-सिटिंग : कुछ ऐसे छुड़ाएं बच्चे की इस पोजीशन में बैठने की आदत को!

    बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं होती। इसमें माता-पिता को बहुत से समझौते करने पड़ते हैं और मुश्किलें उठानी पड़ती हैं। शिशु के स्वास्थ्य को लेकर माता-पिता का चिंतित होना भी स्वभाविक है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) के मुताबिक शिशु के जीवन के पहले कुछ साल उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसका अर्थ है कि इस दौरान बच्चे को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है।

    परिवार के साथ समय बिताना, खेलना, पढ़ना, डांसिंग, सिंगिंग आदि सभी कुछ उसके लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन, इन सब के लिए जरुरी है शिशु का सही तरीके से बढ़ना। जिसमें उसके माता-पिता मुख्य भूमिका निभाते हैं। आज हम बच्चों की एक सिटिंग पोजीशन जिसे डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) कहा जाता है, उसके बारे में आपको जानकारी देने वाले हैं। आपने भी कई लोगों से सुना होगा कि शिशु के लिए कौन सी पोजीशन में बैठना सही होता है और कौन सी में बैठना गलत? क्योंकि, इनका प्रभाव बच्चे की डेवलपमेंट पर पड़ता है। आइए, जानते हैं डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) के बारे में विस्तार से।

    डब्ल्यू-सिटिंग क्या है? (W-Sitting)

    डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) बैठने की उस पोजीशन को कहा जाता है, जब शिशु अपने बॉटम पर घुटनों को मोड़ कर बैठता है और पैर उनके कूल्हों की स्थिति से बाहर की तरफ होते हैं। अगर आप इस स्थिति में बैठे हुए बच्चे को ऊपर से देखोगे, तो ऐसा लगेगा जैसे आपके शिशु की टांगे और शरीर मिल कर डब्ल्यू की शेप बना रहे हैं। इसीलिए इस स्थिति को डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) कहा जाता है। अगर अपने बच्चे को इस सिटिंग पोजीशन में नहीं देखा है तो अब से नोटिस जरूर करें। खासतौर पर जब आपका बच्चा जमीन पर बैठा हो। बच्चों को इस स्थिति में बैठना आरामदायक लगता है। क्योंकि, बच्चे वास्तव में वयस्कों की तुलना में आसानी से अपने कूल्हों को रोटेट कर सकते हैं और उनके मोशन की रेंज भी अधिक होती है।

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    इसलिए इस स्थिति में बैठने से उन्हें कोई दर्द नहीं होता है। हालांकि, बच्चों का इस स्थिति में बैठना बहुत ही सामान्य है और यह डेवलपमेंट का हिस्सा है। बच्चे इस स्थिति में इसलिए भी बैठना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें खेलते और अन्य गतिविधियां करते हुए सहारा मिलता है। इस स्थिति में, उन्हें सीधे बैठने के लिए अपनी कोर मसल्स का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है। जानिए क्या यह पोजीशन शिशु के लिए हानिकारक है या नहीं?

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    डब्ल्यू-सिटिंग बच्चों के लिए हानिकारक है?

    अक्सर बच्चे खेलते हुए इस स्थिति में बैठना पसंद करते हैं । अगर बच्चे कभी-कभी इस पोजीशन का प्रयोग करते हैं तो यह हानिकारक नहीं है, लेकिन अगर बच्चा इसका प्रयोग नियमित रूप से करता है। यानी, उसे इसी पोजीशन में बैठ कर खेलना पसंद आता है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। बच्चे के लम्बे समय तक इसी स्थिति में बैठने के साथ कई रिस्क जुड़े हुए हैं। ऐसा माना गया है कि तीन साल तक के बच्चे इस पोजीशन का अधिक प्रयोग करते हैं। लेकिन, जैसे जैसे वो बड़े होते जाते हैं उनकी यह आदत छूट जाती है। हालांकि, कई डॉक्टर और थेरेपिस्ट इस स्थिति को बच्चों के लिए चिंताजनक बताते हैं। जब बात डब्ल्यू- सिटिंग की आती है तो अक्सर माता-पिता के मन में यह सवाल आता है कि क्या इस सिटिंग पोजीशन के साथ कुछ रिस्क-फैक्टर्स भी जुड़े हुए हैं? जानिए इसका जवाब।

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    डब्ल्यू-सिटिंग के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं? (Risk Factors of W-Sitting)

    जैसा की आपको पहले ही बताया गया है कि इस स्थिति को आमतौर पर चिंताजनक नहीं माना जाता है। लेकिन, अगर बच्चा लम्बे समय तक इस स्थिति में बैठता है। तो उसे यह समस्याएं होने का जोखिम बना रहता है:

    • हिप डिस्लोकेशन (Hip Dislocation) – अगर बच्चे को कूल्हों से जुड़ी कोई समस्या है तो डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) में बैठने से उनके हिप्स और जोड़ों पर दबाव पड़ सकता है और डिस्लोकेशन होने की भी संभावना बढ़ सकती है।
    • कोर स्ट्रेंथ में समस्या (Problem in Core Strength) – इस स्थिति में लम्बे समय तक बैठने से शरीर को सीधा रखना आसान हो जाता है। ऐसे में इस स्थिति में बैठने से बच्चों को कोर मसल्स का अधिक प्रयोग नहीं करना पड़ता और न ही वो कोर मसल्स को उस तरह से विकसित कर पाते हैं। जैसा वो अन्य स्थितियों में कर पाते हैं। जिससे उनकी कोर स्ट्रेंथ में समस्या होती है।
    • क्रॉस बॉडी मूवमेंट में कमी (Lack of Cross Body Movements) –लगातार डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) पोजीशन में बैठने से बच्चों को अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को घुमाने में मुश्किल होती है। यही नहीं इसके कारण वो प्रत्येक एक या दोनों बाजुओं के साथ दोनों ओर घुमाने में समस्या का अनुभव कर सकते हैं।
    • ओर्थोपेडिक इशू (Developing Orthopedic Issues) : इस स्थिति में अधिकतर बैठने से टांगों और कूल्हों के मसल्स टाइट हो सकते हैं। अगर मसल्स तंग होंगे तो इससे सामान्य मूवमेंट में परेशानी होगी। जिससे बच्चे की डेवलपिंग कोऑर्डिनेशन और बैलेंस पर प्रभाव पड़ सकता है। जिन मसल्स पर प्रभाव पड़ सकता है उनमें हैमस्ट्रिंग, हिप अड़क्टर (hip adductor), अकिलिस टेंडॉन्स (Achilles tendons) शामिल है।
    • मसल्स की जकड़न बढ़े (Increased Muscle Tightness) :यदि किसी बच्चे को मांसपेशियों में जकड़न या हाइपरटोनिया (Hypertonia) होने का खतरा है, तो डब्ल्यू स्थिति में बैठने से कूल्हों, घुटनों और टखनों में जकड़न बढ़ जाएगी।
    • अन्य समस्याएं (Other Problems ): डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) तब भी मुसीबत बन सकती है, जब आपके बच्चे को मसल टोन में बढ़ोतरी या खास न्यूरोलॉजिकल समस्याएं (Neurological) हों। इन मामलों में इस स्थिति में बैठने से उनके मसल्स टाइट हो जाते हैं और उनके लिए अन्य स्थितियों में बैठना मुश्किल हो जाता है। अगर बच्चा इस पोजीशन में बैठना जारी रखता है, तो उसकी संपूर्ण डेवलपमेंट पर प्रभाव पड़ता है। अब जानते हैं कि बच्चे को इस स्थिति में बैठने से रोकने के लिए माता-पिता को क्या करना चाहिए?

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    डब्ल्यू-सिटिंग की स्थिति को सुधारने के लिए क्या करें?

    बच्चे जिस काम को मना किया जाए, उसे करते ही हैं। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को इस स्थिति में न बैठने के लिए कहेंगे, तो हो सकता है कि वो इस बात को न मानें। बच्चों से जोर जबरदस्ती से कुछ भी करवाना मुश्किल होता है। इसकी जगह आप बच्चों को अन्य सिटिंग पोजिशन्स ट्राय करने को कहना चाहिए, जैसे

  • क्रॉस-लेग्ड सिटिंग (criss-cross sitting) — इस स्थिति में घुटनों को मोड़ा जाता है और शरीर के सामने लेग क्रॉस की जाती हैं ताकि यह पैरों के नीचे दब गए।
  • लेग्स इन फ्रंट (Legs in front) —इस स्थिति में पैर शरीर के सामने सीधे और एक दूसरे के समानांतर चिपके हुए होते हैं
  • लेग्स टू द साइड (Legs to the side) — इस स्थिति में घुटने मुड़े हुए और दोनों पैर शरीर के एक तरफ होते हैं।
  • बच्चों को राइट और लेफ्ट साइड सिटिंग में बैठने के लिए प्रोत्साहित करने से शरीर के दोनों साइड्स की डेवलपमेंट होती है। ऐसे में शिशु को डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) की जगह अन्य स्थितियों में बैठने के लिए प्रोत्साहित करें। जानिए बच्चे को इस पोजीशन में बैठने से रोकने के तरीके।

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    बच्चे को इस स्थिति में बैठने से रोकने के तरीके क्या हैं?

    माता-पिता को अपने बच्चे की इस स्थिति में बैठने की आदत को छुड़ाना बेहद जरूरी हैं ताकि भविष्य में किसी भी समस्या से बचा जा सके। वैसे तो बच्चों को जोर-जबरदस्ती से न तो आप उनकी इस आदत को छुड़ा सकते हैं न ही उन्हें मना कर सकते हैं। ऐसे में खेल-खेल में कुछ व्यायाम कराने से न केवल बच्चा खुश होगा, उसका व्यायाम होगा बल्कि वो डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) में बैठना भी भूल जाएगा। यह तरीके इस प्रकार हैं:

  • क्रैब पोजीशन (Crab position) : अपने बच्चे के पैरों को स्लाइडर्स या पेपर प्लेट पर रखें और उन्हें एक बार में एक ब्लॉक टावर को नष्ट करने, बॉलिंग पिन को हिट करने या बॉल को किक करने के लिए कहें। इससे न केवल उसकी स्थिति बदलेगी बल्कि वो नयी एक्टिविटी का मजा भी लेगा।
  • एंकल आर्ट (Ankle Art) : इसमें अपने बच्चे को अपनी पीठ के भार लेटने के लिए कहें और इस दौरान उनकी कोहनियों पर ऊपर की ओर हों। अब उनके टखनों के बीच एक गुब्बारा या गेंद रखें। अब उन्हें अपने घुटनों और कूल्हों को मोड़ मोड़ते हुए पैरों से कोई तस्वीर बनाने या अपना नाम लिखने को कहें।
  • डेड बग (Dead bug) : इसमें अपने बच्चे को पीठ के भार लेटने के लिए कहें। इस दौरान उसकी बाजु और टांगे ऊपर होनी चाहिए। अब उनके पैरों या पिंडलियों पर एक खिलौना या बीन बैग रखें और बच्चे को उसे बैलेंस करने के लिए कहें। इन खेलों के अलावा अन्य खेल भी बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ाएंगे, उनका शरीर मजबूत बनेगा और वो इन्हें एन्जॉय भी करेंगे।
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    अगर आपको अपने बच्चे में डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) के साथ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। जैसे लो मसल्स टोन (Low Muscle Tone) , लिमिटेड मोबिलिटी (Limited Mobility) , बैलेंस में कमी (Lack of Balance) ,फाइन मोटर स्किन में देरी (Delays in Fine Motor Skills) ,दर्द या हिप डिसप्लेसिया (Hip Dysplasia) आदि। बच्चे के इस स्थिति में अधिक बैठने से उसकी डेवलमेंट पर असर हो सकता है, उसे चोट लग सकती है या अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। हालांकि, यह सिटिंग बच्चों को आरामदायक लगती है। इसलिए बच्चों का इस पोजीशन में बैठना सामान्य है

    लेकिन, अगर आप यह बात नोटिस करते हैं कि बच्चा बस इसी स्थिति में बैठना चाहता है तो न केवल उसकी इस आदत को बदलने के तरीकों के बारे में विचार करें, बल्कि डॉक्टर की मदद भी लें। यदि आपको इससे जुड़ी कोई भी अन्य चिंता हैं या डब्ल्यू-सिटिंग (W-Sitting) के साथ आपको अतिरिक्त लक्षण भी दिखाई देते हैं, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

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