backup og meta

ब्रेस्ट मिल्क बाथ से शिशु को बचा सकते हैं एक्जिमा, सोरायसिस जैसी बीमारियों से, दूसरे भी हैं फायदे

ब्रेस्ट मिल्क बाथ से शिशु को बचा सकते हैं एक्जिमा, सोरायसिस जैसी बीमारियों से, दूसरे भी हैं फायदे

ब्रेस्ट मिल्क का इस्तेमाल सिर्फ शिशु को पिलाने के लिए ही नहीं होता, बल्कि इसके कई और फायदे हैं। ब्रेस्ट मिल्क में वे तमाम तत्व होते हैं जिससे कई प्रकार की बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। ब्रेस्ट मिल्क का इस्तेमाल बच्चों को नहाने के लिए करने को ही ब्रेस्ट मिल्क बाथ कहा जाता है। कान के इंफेक्शन को दूर करने, दांतों के दर्द को दूर करने, शरीर में होने वाले रैशेस (rash) के साथ कई समस्याओं को हल करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। ब्रेस्ट मिल्क बाथ का शिशु की देखभाल के लिए किस तरह इस्तेमाल किया जाता है जानेंगे इस आर्टिकल में।

यह भी पढ़ें: MTHFR गर्भावस्था: पोषक तत्व से वंचित रह सकता है आपका शिशु!

ब्रेस्ट मिल्क पोषक तत्वों का खजाना

ब्रेस्ट मिल्क में विटामिन, न्यूट्रियंट और फैट के साथ लॉरिक एसिड, इम्युनोग्लोबिन ए, पैलमिटिक एसिड और ऑलिक एसिड होता है। एक्सपर्ट डाक्टर सियर्स के मुताबिक ब्रेस्ट मिल्क की एक बूंद में करीब एक मिलियन व्हाइट ब्लड सेल्स होते हैं। इन ब्लड सेल्स को मेक्रोफेजेस (macrophages) कहा जाता है, वहीं इसमें क्रश बैक्टीरिया व कई खतरनाक कीटाणु भी होते हैं। ब्रेस्ट मिल्क में लॉरिक एसिड होता है। वहीं इसमें फैटी एसिड होते हैं जो शिशु को प्राकृतिक तौर पर रोग से लड़ने में मदद करते हैं।

ब्रेस्ट मिल्क में इम्मयुनोग्लोबिन ए की मात्रा होती है, जो शिशु को कीटाणुओं से बचाने में मददगार है। शिशु के जन्म के बाद के कुछ दिनों में मां के स्तन से जो दूध निकलता है उसे कोलोस्ट्रम (colostrum) कहा जाता है। इसमें शिशु के विकास के लिए काफी पोषक तत्व होते हैं। जो शिशु के विकास में मदद करते हैं।

यह भी पढ़ें: बच्चे को कैसे और कब करें दूध से सॉलिड फूड पर शिफ्ट

ब्रेस्ट मिल्क बाथ के फायदे :

ब्रेस्ट मिल्क बाथ के फायदों की बात करें तो कई शोध बताते हैं कि ब्रेस्ट मिल्क में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो शिशु को कई प्रकार की स्किन इरीटेशन के साथ बीमारियों से बचाते हैं। ब्रेस्ट मिल्क का इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसे बाथ टब में डालकर इस्तेमाल किया जाए।

एक्जिमा, सोरायसिस से नवजात को बचा सकता है ब्रेस्ट मिल्क बाथ 

ब्रेस्ट मिल्क बाथ से नवजात को एक्जिमा (eczema), सोरायसिस (psoriasis) से बचाया जा सकता है। अनुमानित करीब 50 फीसदी शिशु एक्जिमा की बीमारी से पीड़ित होते हैं। ऐसे में कई महिलाएं बच्चों को ब्रेस्ट मिल्क बाथ देकर एक्जिमा के लक्षणों के साथ व दूसरी बीमारियों को कम करती हैं। ऐसे कई सारे नतीजे सामने आ चुके हैं जिसमें माताएं यदि शिशु को ब्रेस्ट मिल्क बाथ देती हैं तो एग्जीमा के लक्षण काफी हद तक कम हो जाते हैं व खत्म हो जाते हैं। शिशु को सूखी स्किन व खुजली होने पर ब्रेस्ट मिल्क बाथ काफी मददगार साबित होता है।

यह भी पढ़ें: नवजात शिशु की नींद के पैटर्न को अपने शेड्यूल के हिसाब से बदलें

शिशु की स्किन पर होने वाले स्पॉट और एक्ने को मिटाता है ब्रेस्ट मिल्क बाथ

ब्रेस्ट मिल्क बाथ एक्ने (acne) को भी मिटाने में मददगार साबित होता है। बता दें कि ब्रेस्ट मिल्क में लॉरिक एसिड होता है, वहीं दूध में मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्वों के कारण यह एक्ने को दूर करता है। वहीं यह शिशु के स्किन पर मौजूद स्पॉट और डिसकलर को भी मिटाकर सामान्य करने में मदद करता है। ब्रेस्ट मिल्क बाथ का इस्तेमाल शिशु की ड्राई स्किन को सामान्य करने के लिए भी किया जा सकता है। वैसेनिक एसिड (vaccenic acid), लिनोलेइक एसिड (linoleic acid), पालमिटिक एसिड (palmitic acid), ओलिक एसिड (oleic acid) जैसे तत्व मां के दूध में होते हैं। यह सूजन को कम करने में भी यह मददगार है।

यह भी पढ़ें: नवजात शिशु का मल उसके स्वास्थ्य के बारे में क्या बताता है?

ब्रेस्ट मिल्क बाथ छोटे घाव और कीड़े के काटने को भी करता है ठीक

ब्रेस्ट मिल्क बाथ के फायदों में एक यह भी है कि यह छोटे घाव जैसे कटने और जलने को ठीक करने के साथ कीड़े मकौड़े के काटने पर होने वाले घाव को भी ठीक करता है। क्योंकि इंंसानों के शरीर में पाया जाने वाला इम्युनोग्लोबिन काफी खास है। इसमें एंटीबॉडीज होती हैं। जो बैक्टीरिया से लड़ने में काफी मददगार साबित होता है। यही वजह है कि इन प्रकार की दिक्कतों को ब्रेस्ट मिल्क बाथ देकर शिशु को सुरक्षित रखा जा सकता है।

डायपर के रैशेज को किया जा सकता है कम

ब्रेस्ट मिल्क बाथ का एक और फायदा यह भी है कि इसके इस्तेमाल से शिशु को डायपर पहनाने से होने वाले रैशेज को भी कम किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडीज होती हैं। ऐसे में ब्रेस्ट मिल्क बाथ देने से ये डायपर पहनाने के कारण होने वाले रैशेज और उसके कारण पैदा हुए बैक्टीरिया को तुरंत खत्म कर देता है। साल 2013 में जरनल पिडिएट्रिक डर्मेटोलॉजी के शोध में पाया गया कि डायपर के रैशेज को हटाने में मां का दूध कारगर है।

यह भी पढ़ें: गर्भावस्था में HIV और AIDS होने के कारण क्या शिशु भी हो सकता है संक्रमित?

शिशु को कैसे दें ब्रेस्ट मिल्क बाथ?

ब्रेस्ट मिल्क बाथ के लिए जरूरी है कि गर्म पानी लें। इसमें लगभग 170 ग्राम तक ब्रेस्ट मिल्क मिला लें। अब इसे 5-10 मिनटों के लिए छोड़ दें। अब पानी को शिशु की गर्दन के साथ ही मुंह और पांव पर धीरे-धीरे गिराएं। जरूरत पड़ने पर सिर पर भी इस पानी को डाल सकते हैं। शिशु को टब से निकालने के बाद उसे सूती कपड़े से ना रगड़ें, उसे ऐसे ही सूखने दें। इसके बाद तुरंत शिशु के शरीर पर मॉश्चराइजर लगाएं। वहीं शिशु को सूखी जगह पर ले जाकर कम वजनी कपड़े पहनाएं, ताकि स्किन और हवा का संपर्क बना रहे।

यह भी पढ़ें: दूध की बोतल भी बच्चे के दांत कर सकते हैं खराब, सीखें दांतों की देखभाल करना

ब्रेस्ट मिल्क के फायदे:

शिशु के दांतों के दर्द को मिटाने में मददगार

ब्रेस्ट मिल्क बाथ के बाद जानते हैं ब्रेस्ट मिल्क के कुछ फायदे। ब्रेस्ट मिल्क शिशु के दांतों के दर्द को मिटा सकता है। बता दें कि शिशु के जब नए नए दांत उगते हैं तो उसे काफी दर्द होता है। इसके अलावा यह शिशु के कान के इंफेक्शन  को दूर करने में भी उपयोगी है।

छह से लेकर 18 महीने के शिशु में कान का इंफेक्शन होना सामान्य है। वहीं छोटे बच्चों को दिए जाने वाली एंटीबायटिक्स के कारण भी कान का इंफेक्शन होता है। ऐसे में उन्हें तुरंत किसी दवा को देने के पहले ब्रेस्ट मिल्क का उपयोग करना चाहिए। ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद एंटीबाॅयोटिक इयर इंफेक्शन से लड़ने में मददगार साबित होते हैं। करीब 3 से 4 ड्राप ब्रेस्ट मिल्क शिशु के कान में डालने पर फायदा पहुंचता है। ऐसा कुछ घंटों के अंतराल पर किया जाए तो समस्या जल्द दूर हो जाती है और इंफेक्शन 24 से 48 घंटों में खत्म हो जाता है।

यह भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं दूध से एलर्जी (Milk Intolerance) का कारण सिर्फ लैक्टोज नहीं है?

शिशु की आंखों की गंदगी हटाने में है मददगार

नवजाते की आंखों से निकलने वाले आंसू के कारण उनकी आंखें कीचड़ से भर जाती हैं। लगभग 20 फीसदी शिशु टियर डक्ट की समस्या के साथ जन्म लेते हैं। इसके कारण कंजेक्टिवाइटिस (conjunctivitis) जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में कई बार आंखों में व्हाइट व यल्लो डिस्चार्ज होता है। कई बार ब्लॉक डक्ट खुद ही निकल जाते हैं। वहीं कई केस में इंफेक्शन का कारण बनते हैं। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि कटोरी में हल्का पानी ले लें वहीं उसमें ब्रेस्ट मिल्क की कुछ बूंदें मिलाकर सूती के कपड़े में हल्का भिंगोकर शिशु की आंखों को साफ करें। ऐसा कई बार करने से आंखों की सफाई के साथ इंफेक्शन को रोका जा सकता है।

यह भी पढ़ें: पिता के लिए ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी है जरूरी, पेरेंटिंग में मां को मिलेगी राहत

अब जान लीजिए ब्रेस्टफीडिंग के फायदे भी

यदि महिलाएं शिशु को स्तनपान कराती हैं तो उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की 17 फीसदी कम संभावना रहती है। इसलिए महिलाओं के लिए जरूरी है कि शिशु को स्तनपान कराएं। इससे जच्चा व बच्चा दोनों ही सुरक्षित रह सकते हैं। शोध में यह पाया गया है कि जिनके दो से तीन भाई बहन होते हैं उनकी मांओं में ब्रेस्ट कैंसर के केस कम पाए गए हैं। हालांकि, ब्रेस्ट कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं। जींस और जेनेटिक कारणों से भी बीमारी हो सकती है।

ब्रेस्टफीडिंग इसलिए भी है लाभकारी

ब्रेस्टफीडिंग से शिशु व मां को कई प्रकार के फायदे होते हैं। इससे मां व शिशु के बीच फिजिकल कॉन्टैक्ट बढ़ता है। जिससे दोनों में बॉन्डिंग बढ़ती है। वहीं मां के दूध को शिशु आसानी से पचा लेता है। यह हर समय मौजूद रहने के साथ इसमें न्यूट्रिशन, कैलोरी और वैसे तरल पदार्थं होते हैं जिससे शिशु को स्वस्थ रखा जा सकता है। इससे कई प्रकार की बीमारियों से भी शिशु को बचाया जा सकता है। जैसे इयर इंफेक्शन, डायरिया, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस व अन्य। बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के साथ मेनिनजाइटिस से भी शिशु को बचाया जा सकता है।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान और उपचार प्रदान नहीं करता।

और पढ़ें:

नवजात शिशु की नींद के पैटर्न को अपने शेड्यूल के हिसाब से बदलें

जब घर में शिशु और पालतू जानवर दोनों हों तो किन-किन बातों का रखें ध्यान?

नवजात शिशु के लिए 6 जरूरी हेल्थ चेकअप

प्रीनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट से गर्भ में ही मिल जाती है शिशु के बीमारी की जानकारी

 

[embed-health-tool-vaccination-tool]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

https://www.westynbaby.com/blogs/westyn-baby/5-amazing-benefits-of-a-milk-bath-for-baby/ Accessed on April 2, 2020

https://www.healthychildren.org/English/ages-stages/baby/breastfeeding/Pages/Why-Breastfeed.aspx/Accessed on April 2, 2020

www.breastcancer.org/Accessed on April 2, 2020

Current Version

27/08/2020

Satish singh द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Sanket Pevekar


संबंधित पोस्ट

स्लीप सेक (Sleep sack) बेबी के लिए हो सकते हैं फायदेमंद, चुनाव करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

बच्चे के लिए सॉलिड डायट कैसी हो, जानिए यहां एक्सपर्ट से


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/08/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement