डिलिवरी के बाद प्रजनन क्षमता (Fertility) कब वापस आती है?
पहले बच्चे को जन्म देने के स्तनपान कराने से कई महीनों तक महिला के पीरियड्स भी नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अब दोबारा मां नहीं बन सकती है। स्तनपान के दौरान प्रेगनेंसी ना होने के लिए हॉर्मोंस जिम्मेदार होते हैं। मेडिकल साइंस की भाषा में हम इसे लैक्टेशन एमिनॉरिया मैथेड भी कहते है। एक बार पीरियड्स अगर नियमित आने लगे तो आपकी प्रजनन क्षमता फिर से पहले जैसी हो जाती है।
क्या है लैक्टेशन एमिनॉरिया मैथेड (LAM)?
लैक्टेशन एमिनॉरिया मैथेड को शॉर्ट में एलएएम कहते हैं। इसे स्तनपान गर्भनिरोधक विधि (स्तनपान का फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है ऐसा समझा जाता है) के तौर भी जाना जाता है। यह स्वतः होने वाली एक प्रक्रिया है। डिलीवरी के तुरंत बाद महिला के योनि से रक्तस्राव शुरू हो जाता है जो लगभग एक माह तक चलता रहता है। एक माह रक्तस्राव के बाद मां को आने वाले कुछ माह (लगभग पांच या छह महीने) तक पीरियड्स नहीं आते हैं। जिससे महिला गर्भवती नहीं हो पाती है।
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क्यों जरूरी है अपनी फर्टिलिटी क्षमता को समझना?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक दो बच्चों में लगभग 33 से 36 महीने का अंतर होना चाहिए। ऐसा करने से मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहेंगे। पहले बच्चे और दूसरे बच्चे में पर्याप्त अंतर रखने से महिला के शरीर को मानसिक और शारीरिक रूप से रिकवर करने का मौका मिल जाता है। अगर आप अपनी प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) के लिए जागरूक नहीं रहेंगी तो आप और गर्भ में पलने वाला बच्चा दोनों कमजोर होंगे। इसलिए पहला पीरियड आने के बाद आप गर्भनिरोधक उपायों को अपनाना शुरू कर दें, ताकि आप और आपका परिवार दोनों स्वस्थ रहें। इसके बाद दोबारा मां बनने का निर्णय आप पर है।
दो बच्चों के बीच अंतर कैसे रखें?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे के बीच अंतर रखने जरूरी होता है। डॉक्टर्स की मानें तो दोनों बच्चों को बीच कम से कम दो साल का अंतर रखना जरूरी होता है। दोनों बच्चों के बीच अंतर रखने से न सिर्फ आपका शारीरिक स्वास्थ्य सही रहता है बल्कि आप दूसरे बच्चे के लिए मानसिक रूप से भी अच्छी तरह तैयार हो जाते हैं। यही नहीं, बच्चों में अंतर बनाए रखने से आप दोनों बच्चों की परवरिश भी ठीक से कर पाते हैं और उन दोनों पर ठीक से ध्यान दे पाते हैं। यही कारण है कि डॉक्टर भी दो बच्चों के बीच अंतर बनाए रखने की सलाह देते हैं। वहीं जब बात आती है बच्चों में अंतर बनाए रखने के तरीकों पर, तो दो बच्चों के बीच अंतर बनाए रखने का सही तरीका है गर्भनिरोधक उपायों को अपनाना। अगर आप पहले बच्चे को स्तनपान करा रही हैं तो गर्भनिरोधक गोलियां लेना आपके और बच्चे के लिए ठीक नहीं रहेगा। इसके अलावा बच्चों में अंतर बनाए रखने के और भी कई तरीके हैं, जैसे…
स्तनपान (Breastfeeding) भी है गर्भनिरोधक जैसा
डिलीवरी के बाद अगर लगातार और सही तरह से बच्चे को स्तनपान कराती है तो वह जल्दी गर्भवती नहीं हो सकती है। स्तनपान के दौरान उसके शरीर में प्रोलैक्टिन हॉर्मोन (Prolactine Hormone) बनते है। प्रोलैक्टिन हॉर्मोन बनने से ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन, फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हॉर्मोन, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन नहीं बन पाते हैं। जिससे गर्भधारण नहीं होने की संभावना बढ़ जाती है।