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बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे: जानें क्या करें क्या न करें

बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे: जानें क्या करें क्या न करें

जन्म के बाद नवजात बच्चे लगभग 20 से 22 घंटे सोते हैं। नवजात बच्चे अक्सर भूख लगने पर ही जागते हैं और रोते हैं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसके सोने का समय कम होने लगता है। हालांकि, नवजात शिशुओं और दो-तीन साल तक के बच्चों को सुलाना काफी मुश्किल काम होता है। ज्यादातर महिलाओं का कहना होता है कि उनका बच्चा दिन के मुकाबले रात में ज्यादा जागता और रोता है। यहां तक की जब भी वो दिनभर के काम से थोड़ा फ्री होती है, उसी समय उनका बेबी नींद से जाग जाता है। जिसके कारण उन्हें आराम करने का मौका ही नहीं मिलता है। जिससे निपटने के लिए वे अक्सर बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे आजमाती रहती हैं।

हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में हम आपको बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आप अपने नवजात शिशु के नींद के घंटे काफी आसानी से मैनेज कर सकते हैं।

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बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे से पहले जानें शिशु के सोने के घंटे

  • एक नवजात शिशु जन्म के पहले दो सप्ताह में 20 घंटे या इससे भी अधिक समय के लिए सो सकता है।
  • अगर आपका नवजात 6 महीने तक का है, जो 18 से 20 घंटे की नींद ले सकता है। जिसमें रोजाना यह तीन से चार बार जाग सकते हैं।
  • 6 से 9 महीने के नवजात 15 से 18 घंटे तक की नींद ले सकते हैं। इस दौरान ये दो से तीन बार जाग सकते हैं।
  • 9 माह या 1 साल के बच्चे  दिन में एक या दो बार लंबी नींद ले सकते हैं।
  • 1 साल से 3 साल तक के छोटे बच्चे सामान्य तौर पर दिन एक ही बार सोते हैं। जो तीन से पांच घंटे की नींद हो सकती है। हालांकि, इनके सोने का समय रात में लंबा हो सकता है।

बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे

नोटिस करें बच्चे के सोने का तरीका

चाहे बच्चे हो या फिर वयस्क, हर किसी के सोने के अपने तरीके होते हैं। हर कोई सिर्फ जैसे पोश्चर में ही आरामदायक नींद नहीं ले सकता है। इसलिए बच्चे के जन्म के बाद आपको बच्चे से जुड़ी हर छोटे और बड़ी बात को ध्यान में रखना होगा। अगर आपका शिशु छह माह या उससे छोटा है, तो दूध पिलाने के लिए अपने बच्चे को तुरंत उसकी आरामदायक अवस्था में लिटा दें। इससे बच्चे को बहुत जल्दी नींद आ जाएगी और वह सो जाएगा। इसी तरह अगर आपका नवजात छह माह से बड़ा है, तो उसे भी आहार देने के बाद उसके सोने की जगह पर लिटा दें। कुछ देर बाद नवजात को नींद आ जाएगी।

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कमरे का तापमान

नवजात बच्चों की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। उन्हें गर्मी और ठंडी का एहसास किसी वयस्क के मुकाबले कई गुना ज्यादा महसूस हो सकता है। इसलिए उनके सोने और खेलने के कमरे का तापमान न ही बहुत ज्यादा ठंडा होना चाहिए और न ही बहुत ज्यादा गर्मी वाला होना चाहिए। नवजात के सोने या खेलने के कमरे में एसी का इस्तेमाल कम से कम करें। आप पंखा चला सकते हैं जिसकी स्पीड को धीमा रखना चाहिए। साथ ही, कमरे में खिड़कियां भी होनी चाहिए ताकि कमरे का तापमान आप वातारण के अनुकूल रख सकें। अगर आहार देने के बाद बच्चे को सुलाना चाहती हैं, तो उसे उसके कमरे में ले जाएं और उसके सोने वाली जगह पर उसे लिटा दें। पेट भरा होने और तापमान बेहतर होने से बच्चे को अच्छा महसूस होगा जिसे उसे नींद भी जल्दी आ जाएगी और बच्चा अगली बार भूख लगने पर ही जाग सकता है।

बच्चे की जम्हाई पर दें ध्यान

अक्सर लोग बहुत ज्यादा थकान और नींद के कारण जम्हाई लेते हैं। इसी तरह छोटे बच्चों को भी नींद आने पर जम्हाई लेते हैं। आमतौर पर छोटे बच्चे ब्रेस्टफीडिंग करते हुए ही जम्हाई लेने लगते हैं और सो भी जाते हैं। ऐसे में अगर बच्चा सो जाए, तो और ज्यादा ब्रेस्टफीडिंग कराने या आहार देने के लिए न जगाएं। बच्चे को बिना किसी शोर के साथ उसके सोने वाले स्थान पर लिटा देना चाहिए।

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आरामदायक कपड़े पहनाएं

नवजात शिशु को हमेशा आरामदायक कपड़े पहनाने चाहिए। गर्मी या सर्दी के सीजन में उन्हें एक बार में सिर्फ एक जोड़े कपड़े ही पहनाने ही चाहिए। गर्मियों की बात करें, तो नवजात शिशुओं के लिए कई तरह के स्टाइल कपड़े बाजार में आते हैं। जिन्हें आप बच्चे को तभी पहनाएं जब वो जाग रहा हो और कुछ समय के लिए खेलने के मूड में हो। लेकिन अगर आप बच्चे को सुलाना चाहते हैं, तो उसे हमेशा आरामदायक और कॉटन के हल्के कपड़े पहनाएं। हो सके तो, बच्चे को नाइट ड्रेस भी पहनाएं।

सोने के लिए बच्चे की निश्चित दिनचर्या बनाएं

बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे अपना रही हैं, तो हर दिन बच्चे के सोने, जागने और स्तनपान की एक निश्चित दिनचर्या बनाएं। ऐसा करने से बच्चा अपने एक फिक्स समय में उठेगा, ब्रेस्टफीडिंग करेगा और फिर गहरी नींद में सो जाएगा। एक ही समय पर बच्चे की इस सोने की आदत से धीरे-धीरे बच्चा खुद ही समझ जाएगा कि उसे इसी समय पर सोना है।

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सोने के कमरे में उजाला न रखें

बच्चे के सोने के कमरे में सामान्य तापमान के साथ-साथ अंधेरा भी रखें। अंधेरा नींद से जुड़े हार्मोन मेलाटोनिन को बढ़ाने में मदद करता है। और यही वजह है कि हमें अंधेरे कमरे में जल्दी और अच्छी नींद आती है।

आवाज करने वाली चीजें दूर रखें

बच्चा जिस भी कमरे में सोता हो, वहां पर टीवी, म्यूजिक सिस्टम सब बंद रखें। और अगर बच्चा सो रहा है, तो उसके आसपास मोबाइल फोन भी न रखें। अगर बच्चे के सोते समय आपको घर के काम करने हैं, तो ध्यान रखें कि ज्यादा आवाज न होने दें। शांति का माहौल बनाएं रखें।

सुलाने से पहले डायपर जरूर पहनाएं

बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे के लिए जरूरी है कि आप बच्चे को हमेशा सूखा रखें। बच्चे को हमेशा अच्छी क्वालिटी वाले डायपर पहनाएं, ताकि वो बच्चे की लंबी नींद के दौरान कम से कम 8 घंटे तक बच्चे द्वारा किए गए पेशाब को सोख लें और बच्चे को गिलापन का एहसास न हो। गीलापन होने के कारण बच्चे को ठंड महसूस हो सकती है, जिससे उसकी नींद जल्दी टूट सकती है और इसकी वजह से बच्चे को दाने और खुजली की भी समस्या हो सकती है।

बच्चे की मालिश करें

मालिश करने से बच्चे के शरीर में फुर्ती आती है और शरीर में खून के बहाव की प्रक्रिया भी बेहतर बनने में मदद मिलती है। दिन में जब भी बच्चा सोकर उठे तो मालिश जरूर करें। मालिश करने के बाद बच्चे बहुत जल्दी सो जाते हैं, क्योंकि मालिश की प्रक्रिया के दौरान उनका शरीर काफी थक जाता है।

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बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे के दौरान क्या न करें?

अगर आप बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे आजमा रही हैं, तो इसके साथ ही आपको कुछ जरूरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए, जिन्हें करने से आपको बचना चाहिए। जिनमें शामिल हैंः

  • बच्चे से लिपटकर न सोएं
  • बच्चे के जागने के तुरंत बाद उसे गोदी में न उठाएं न ही उससे बात करें
  • कई बार बच्चे सोते समय छींकते, खांसते या हिचकी लेते हैं। ऐसे में डरे नहीं, बल्कि कुछ सेकंड का इंतजार करें आपका बच्चा इस दौरान भी सोता ही रहेगा।
  • नवजात शिशु अक्सर सोते समय बीच-बीच में कुछ पल के लिए रोते भी हैं, जो बेहद स्वाभाविक होता है। ऐसे में उन्हें सोते ही रहने दें। बच्चे को गोदी में न उठाएं न ही उससे बात करने की कोशिश करें।
  • इसके अलावा, बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे आजमाते समय कभी भी सोते बच्चे को बाहर घुमाने के लिए न लेकर जाएं। अगर साथ में बाहर ले भी गए हैं, तो उसे कभी भी कार की सीट पर न सुलाएं। हमेशा बच्चे को कार के अंदर अपनी गोदी में सुलाएं।
  • हर बार सुलाने से पहले बच्चे को मुंह, नाक और कान जरूर साफ करें। ताकि बच्चो को सोते समय सांस लेने जैसी कोई परेशानी न हो।
  • बच्चे को झूले या गोद में सोने की आदत ना डालें। क्योंकि, ऐसी आदत के कारण बच्चे को सिर्फ गोद में ही नींद आ सकती है, जो आपके साथ-साथ बच्चे के लिए भी परेशानी बन सकती है।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

09/07/2020

Ankita mishra द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nikhil deore


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Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/07/2020

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