खाने के रूप में उपहार न दें
बच्चे से यह कभी न कहें कि, “ब्रॉकोली खाओ, नहीं तो तुम्हें आइसक्रीम नहीं मिलेगी।” इससे बच्चे को लगेगा कि ब्रॉकोली कोई बुरी चीज़ है, जिसे खाने के बाद उसे अच्छी चीज यानी आइसक्रीम मिलेगी। इससे आपका बच्चा खाने को भूख की बजाय तारीफ और भावनाओं से जोड़ने लगेगा।
बच्चों में हेल्दी खाने की आदत के लिए मॉडरेशन सिखाएं
बच्चे को सिखाएं कि यदि वह खाने में हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर चीज़ें खाते हैं, तो स्नैक्स टाइम में फास्ट फूड या मिठाई खा सकते हैं। बच्चे को यह समझाना जरूरी है कि सभी फूड अच्छे होते हैं, लेकिन उन्हें ज्यादा नहीं खाना चाहिए। कभी-कभार ठीक है, लेकिन अधिकांश समय उन्हें हेल्दी चीज़ें ही खानी चाहिए।
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जानिए कब बच्चे को भूख लगी है
बच्चे जब बोर होते हैं या थक जाते हैं तो मीठा खाने की चाह होती है, ज़रूरी नहीं है कि उस समय उन्हें भूख लगी हो। असल भूख और बस कुछ खाने की चाह के बीच अंतर करना सीखें। बच्चे की बोरियत दूर करने के अन्य तरीके ढूंढ़ें और उसकी कुछ खाने की इच्छा हो रही है तो नट्स दें।
चालाकी से काम नहीं बनेगा
बहुत से पैरेंट्स चालाकी से बच्चे के खाने में सब्ज़ियां छुपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस तरह से बच्चा असल में सब्जियां खाना नहीं सीखेगा। बच्चे को बताएं कि आप उसी फल या सब्जी से दूसरी रेसिपी बना रही हैं।
फैमिली फूड खिलाएं
एक साल का होने के बाद सभी बच्चों को वही खिलाना चाहिए, जो परिवार के बाकी लोग खा रहे हैं। बच्चे को डायनिंग टेबल पर खाना निकालकर दें और उसे कौन सी चीज कितनी मात्रा में खानी है उसे ही तय करने दें। बच्चा कितना खा रहा है इस बारे में आपको कुछ बोलने की जरूरत नहीं है, उसे खुद ही यह तय करने दें।