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अनन्या की सिर्फ मीठा खाने की आदत को मैंने कुछ इस तरह बदला

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/10/2021

    अनन्या की सिर्फ मीठा खाने की आदत को मैंने कुछ इस तरह बदला

    संध्या अय्यर की 4 साल की बेटी अनन्या कोई भी सब्जी नहीं खाती थी। एप्पल जूस को छोड़कर उसे कोई भी फल पसंद नहीं है। बच्चों में हेल्दी खाने की आदत बनाने की परेशानी सिर्फ संध्या ही नहीं बल्कि, हर दूसरे माता-पिता की समस्या होती है। संध्या कहती है, “हमें लगा था कि अनन्या खाने के मामले में अपनी बड़ी बहन की तरह नखरे नहीं दिखाएगी, क्योंकि बचपन में वह अलग-अलग तरह की चीजें खाती थी।” लेकिन अपने दूसरे जन्मदिन के बाद से उसे कोई सब्जी और फल पसंद नहीं आता था। उसने कच्ची या पकी हुई सब्जियां और यहां तक की स्मूदी खाना भी बिल्कुल बंद कर दिया। वह हमेशा मीठा खाना चाहती थी।

    बच्चों में हेल्दी खाने की आदत (Healthy eating in children)

    अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद संध्या को समझ आया कि शायद सब्जियां न खाने या कोई एक ही सब्जी खाना जैसे कि गाजर और दूसरा कुछ ट्राई नहीं करने का यह चरण कुछ समय के लिए ही है। डॉक्टर ने संध्या से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, बस बच्चों में हेल्दी खाने की आदत (Healthy eating habits in kids) के लिए उसे सही डायट शेड्यूल अपनाना चाहिए। बच्चों में हेल्दी खाने की आदत की काउंसिलिंग के बाद संध्या ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की और बच्चों में हेल्दी खाने की आदत के डायट शेड्यूल को उसने अगले 6 महीने तक फॉलो किया। जिसके नतीजन उसकी बेटी में अब हेल्दी फूड्स खाने की आदत है।

    बच्चों में हेल्दी खाने की आदत के लिए डायट शेड्यूल (Diet for children)

    बच्चों में हेल्दी खाने की आदत डालने के लिए उन्हें कुकिंग में शामिल करें

    कुकिंग स्किल्स सिखाने के लिए बच्चे को किचन में हाथ बंटाने के लिए कहें। बच्चे उस चीज को खाना पसंद करते है जिसे बनाने में उन्होंने थोड़ी भी मदद की हो। अच्छा होगा कि आप बच्चे को बर्तन धोने और उसे सही ढंग से रखना आदि सिखाएं।

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    बच्चों में हेल्दी खाने की आदत डालने के लिए थोड़ी क्रिएटिविटी दिखाएं

    बच्चा यदि कोई सब्जी नहीं खाता है, तो उसे दूसरे तरीके से बनाकर दें। यदि आपके बच्चे को सेब पसंद नहीं है, तो उसे पीनट बटर में डिप करके दें। यदि बच्चे को मूली की सब्जी पसंद नहीं है, तो उसका परांठा या सलाद बनाकर उसे टेस्ट करने को कहें।

    खाने के रूप में उपहार न दें

    बच्चे से यह कभी न कहें कि, “ब्रॉकोली खाओ, नहीं तो तुम्हें आइसक्रीम नहीं मिलेगी।” इससे बच्चे को लगेगा कि ब्रॉकोली कोई बुरी चीज़ है, जिसे खाने के बाद उसे अच्छी चीज यानी आइसक्रीम मिलेगी। इससे आपका बच्चा खाने को भूख की बजाय तारीफ और भावनाओं से जोड़ने लगेगा।

    बच्चों में हेल्दी खाने की आदत के लिए मॉडरेशन सिखाएं

    बच्चे को सिखाएं कि यदि वह खाने में हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर चीज़ें खाते हैं, तो स्नैक्स टाइम में फास्ट फूड या मिठाई खा सकते हैं। बच्चे को यह समझाना जरूरी है कि सभी फूड अच्छे होते हैं, लेकिन उन्हें ज्यादा नहीं खाना चाहिए। कभी-कभार ठीक है, लेकिन अधिकांश समय उन्हें हेल्दी चीज़ें ही खानी चाहिए।

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    जानिए कब बच्चे को भूख लगी है

    बच्चे जब बोर होते हैं या थक जाते हैं तो मीठा खाने की चाह होती है, ज़रूरी नहीं है कि उस समय उन्हें भूख लगी हो। असल भूख और बस कुछ खाने की चाह के बीच अंतर करना सीखें। बच्चे की बोरियत दूर करने के अन्य तरीके ढूंढ़ें और उसकी कुछ खाने की इच्छा हो रही है तो नट्स दें।

    चालाकी से काम नहीं बनेगा

    बहुत से पैरेंट्स चालाकी से बच्चे के खाने में सब्ज़ियां छुपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस तरह से बच्चा असल में सब्जियां खाना नहीं सीखेगा। बच्चे को बताएं कि आप उसी फल या सब्जी से दूसरी रेसिपी बना रही हैं।

    फैमिली फूड खिलाएं

    एक साल का होने के बाद सभी बच्चों को वही खिलाना चाहिए, जो परिवार के बाकी लोग खा रहे हैं। बच्चे को डायनिंग टेबल पर खाना निकालकर दें और उसे कौन सी चीज कितनी मात्रा में खानी है उसे ही तय करने दें। बच्चा कितना खा रहा है इस बारे में आपको कुछ बोलने की जरूरत नहीं है, उसे खुद ही यह तय करने दें।

    पॉटलक पार्टी अरेंज करें

    अपने परिवार या दोस्तों के साथ सोशियल गेट-टुगेदर अरेंज करें और दोस्तों से हेल्दी फूड लाने को कहें। इससे बच्चे को खाने की ढेर सारी वैरायटी मिलेगी जिसमें से वह अपनी पसंद के अनुसार चुनाव कर सकता है। इससे आपको बच्चे की पसंद-नापसंद के बारे में पता चलेगा और जो चीज़ उसे पसंद आई है उसे आप उसी तरह से फिर से बना सकती हैं।

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    बातचीत करें

    भूख लगने पर बच्चे से पूछें कि उसे क्या चाहिए। बच्चे को समझाएं कि स्नैक्स मिनी मील (कम भूख लगने पर खाने वाला) होता है जिसमें फल, नट्स, साबूत अनाज आदि शामिल होते हैं। स्नैक्स टाइम में मीठा और अनहेल्दी फूड खाने से एनर्जी लेवल और खाने की न्यूट्रीशनल वैल्यू कम हो जाती है।

    बच्चों में हेल्दी खाने की आदत के लिए प्रेरित करने के लिए ट्राय करें ये 6 रेसिपी (Healthy recipes for children)

    वेजीटेबल फ्रैंकी रोल

    रोटी पर टोमैटो केचअप या अपना कोई भी पसंदीदा सॉस लगाएं। उसके ऊपर सब्जियां डालकर रोटी को रोल करके फ्रैंकी बनाएं। बोरिंग रोटी-सब्जी की बजाय यह ज़्यादा आकर्षक दिखता है और बच्चे इसे तुरंत खा लेंगे।

    वेजीटेबल सूप

    यदि बच्चे को कुछ सब्जियां पसंद नहीं है, तो उसे सभी सब्ज़ियों के साथ मिलाकर कुकर में डालें, साथ में थोड़ा प्याज़ और लहसुन भी लें। उबालने के बाद इसे मिक्सर में पीस लें। अब पैन में बटर गरम करके हर्बस डालें और उबली सब्जियों का सूप मिलाएं। गार्लिक ब्रेड स्टिक और ब्रेड क्रम्बस के साथ सर्व करें।

    ट्रेल मिक्स

    बच्चे को अलग-अलग तरह के नट्स, सीड्स, ड्राई फ्रूट्स और भूना चना मिक्स करने के लिए कहें। इसमें थोड़ा गुड़ या पीनट बटर मिलाकर इससे न्यूट्रीबार बनाएं या फिर ऐसे ही सर्व करें। कुरकुरा ट्रेल मिक्स बच्चों को बहुत पंसद आएगा।

    डिप के साथ सब्जियां

    कुछ हेल्दी वेजीटेबल डिप बनाएं जैसे बीटरूट हम्मस, योगर्ट डिप और इसे कुछ सब्जियों के साथ सर्व करें। खाने के बीच के समय में जब बच्चे को भूख लगे तब स्नैक्स के रूप में ये उन्हें दें।

    क्रिस्पी वेजीटेबल चिप्स

    यदि आपके बच्चे को कुरकुरे स्नैक्स पसंद है तो यह आपके बहुत काम आएगा। ऑयली पोटैटो चिप्स की बजाय ज़ुकीनी बेक करें या स्वीट पोटैटो फ्राई करके दें। इसमें न सिर्फ नमक की मात्रा कम होती है, बल्कि यह फाइबर से भी भरपूर होता है और इसमें आपका प्यार भी मिला होता है।

    ग्रीक योगर्ट पार्फे

    क्या आपके बच्चे को दही पसंद है, लेकिन फल नहीं खाता है? ग्रीक योगर्ट में कुछ फल मिक्स करके स्मूदी या फ्रूट योगर्ट बनाएं। दही और फ्रूट की लेयर दिखे, इसलिए बच्चे को यह ट्रांस्पेरेंट ग्लास में दे। ऊपर से थोड़ा ग्रैनोला डालें और बच्चे को प्रोटीन व कैल्शियम से भरपूर स्नैक का आनंद लेने दें।

    हैलो स्वास्थ्य बच्चों में हेल्दी खाने की आदत के लिए किसी भी तरह की मेडिकली सलाह नहीं देता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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