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बच्चों में खून की कमी कैसे दूर करें?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shivam Rohatgi द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/06/2021

    बच्चों में खून की कमी कैसे दूर करें?

    आज के दौर में बच्चों में खून की कमी होना बेहद आम बात है। भारत में करीब 62 फीसदी बच्चे खून की कमी से ग्रस्त हैं। खून की कमी यानी एनीमिया का मुख्य कारण आयरन की कमी होता है। शरीर में करीब 7 प्रतिशत खून होता है जिसमें 70 फीसदी लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं। खून की कमी से ग्रस्त बच्चों में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं को शरीर की अन्य कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने के कार्य में मदद करता है।

    बच्चों में खून की कमी (Anemia in Kids) क्या है?

    एनीमिया  के कुल 250 प्रकार होते हैं जिनमें से बच्चों में आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया, मेगालोब्लास्टिक एनीमिया, एनीमिया, सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया सामान्य रूप से पाए जाते हैं। बच्चों में खून की कमी के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि लाल रक्त कोशिकाओं की कमी, शरीर का लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में असक्षम होना और लाल रक्त कोशिकाओं को क्षति पहुंचना। यदि आपके बच्चे का वजन जन्म से ही कम है या संक्रमण, किडनी या गुर्दे रोग से ग्रस्त है तो बच्चे में खून की कमी होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा किसी सर्जरी या एक्सीडेंट के कारण खून की कमी हो सकती है। अगर बच्चे के माता या पिता में से किसी एक को एनीमिया की शिकायत रही हो तो अनुवांशिक रूप से वह बच्चे में भी आ सकता है।

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    तो चलिए अब जानते हैं कि बच्चों में खून की कमी हो तो क्या करें?

    शिशु में एनिमिया यानी खून की कमी का इलाज उसके कारण पर निर्भर कर सकता है। हालांकि, बच्चों में एनीमिया उनके आहार में आयरन की मात्रा की कमी के कारण हो सकता है। कुछ बच्चों को लाल रक्त कोशिकाओं की कमी को पूरा करने के लिए आयरन युक्त आहार के साथ आयरन सप्लीमेंट्स लेने की भी आवश्यकता हो सकती है। आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आपको अपने बच्चे के आहार में आयरन युक्त फल और सब्जियां शामिल करना चाहिए, ताकि आपका बच्चे के शरीर में खून की उचित मात्रा बनी रहे और उसका शरीर एनिमिया या आयरन की कमी से सुरक्षित रह सके।

    आमतौर पर एनिमिया के कारणों का इलाज करने से ही बच्चों में खून की कमी दूर हो जाती है और शरीर फिर से स्वस्थ हो जाता है। अधिकांश मामलों में यह गंभीर स्थिति नहीं मानी  जा सकती है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि समय रहते बच्चे का उपचार किया जाए।

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    उम्र के अनुसार बच्चों में आयरन की मात्रा की कितनी जरूरीत हो सकती है?

    जन्म के दौरान बच्चे के शरीर में आयरन की कुछ मात्रा लेकर पैदा होते हैं। लेकिन, शिशु के विकास के लिए अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चे के उचित शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उसे उसकी उम्र के अनुसार ही आयरन का उचित मात्रा में सेवन करवाएं, जिनमें उम्र के हिसाब से इनकी मात्रा शामिल हो सकती हैः 

    • 7 से 12 महीने के शिशु के लिए प्रतिदिन 11 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता हो सकती है।
    • 1 से 3 साल के शिशु के लिए प्रतिदिन 7 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता हो सकती है।
    • 4 से 8 साल के बच्चे के लिए प्रतिदिन 10 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता हो सकती है।
    • 9 से 13 साल के बच्चे के लिए प्रतिदिन 8 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता हो सकती है।
    • 14 से 18 वर्ष की लड़की के लिए प्रतिजिन 15 मिलीग्राम और लड़के के लिए प्रतिदिन 11 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता हो सकती है।

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    बच्चों को आयरन की कमी (Iron deficiency) में क्या खाना चाहिए?

    स्‍तनपान करने वाले 4 महीने तक के बच्चों कोजब तक वह आयरन युक्त आहार (Iron rich food) खाने लायक नहीं हो जाते हैं। सप्लीमेंट्स केवल डॉक्टर की सलाह पर ही खिलाए जाने चाहिए। जिन बच्चों को पाउडर मिल्क का सेवन कराया जाता है उन्हें किसी प्रकार के सप्लीमेंट की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि फार्मूला मिल्क में पहले से ही आयरन मिला होता है। 12 महीने से कम उम्र के शिशु को गाय या किसी अन्य जानवर का दूध नहीं पिलाएं।

    1 से 3 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को आयरन युक्त आहार खिलाएं। बच्चे को आयरन से भरपूर अनाज, लाल मांस और सब्जियां  खिलाएं। खून की कमी को दूर करने के लिए विटामिन सी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है। अपने शिशु को खट्टे फल जैसे संतरा, चकोतरा और नींबू का सेवन करवाएं।

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    शिशु में खून की कमी की दवा कौन सी है? (Medicine for Anemic kids)

    बच्चों में अगर खून की कमी केवल आहार की मदद से ठीक न हो पाए तो कुछ दवाओं का सहारा लिया जा सकता है।  आयरन की कमी को पूरा करने की दवाओं में आयरन की गोलियां और आयरन सिरप शामिल हैं जिन्हें खून में आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए कुछ महीनों तक लिया जाता है। आयरन की दवा पेट में जलन और बेरंग मल जैसी समस्या उत्पन्न कर सकती है इसलिए इसे खाली पेट या संतरे के जूस के साथ लेना चाहिए। संतरा शरीर में दवा को अवशोषित करने में मदद करेगा। यह केवल आहार से जुड़े बदलावों से कई गुना प्रभावशाली होती हैं।

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    बच्चों में खून की कमी का घरेलू इलाज क्या है? (Home remedies for Anemia in Kids)

    आयरन युक्त आहार बच्चों  में खून की कमी को पूरा करने का सबसे बेहतरीन इलाज माना जाता है। इसमें आप अपने बच्चे को हरी सब्जियां, फल और मांस-मछली का सेवन करा सकते हैं। यदि आपका बच्चा एनीमिया से ग्रस्त है तो आप उसे निम्न चीजे जरूर खिलाएं-

    • आयरन युक्त सीरियल, ब्रेड और चावल।
    • बकरे, मुर्गे, लिवर और अन्य पशुओं का मांस।
    • मछलियां जैसे शेलफिश, झींगा, साल्मन, क्लैम्स और ओएस्टर। 
    • पत्तागोभी, गोभी, ब्रोकली, केल और पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां
    • फलियां जैसे बींस और हरी मटर।
    • आटा ब्रेड।

    इन ऊपर बताये खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों का सेवन बच्चों को नियमित करवाएं। हालांकि अगर इनके सेवन के बावजूद भी पोषण की कमी होती है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर बच्चे की सेहत को ध्यान में रखकर सप्लिमेंट्स प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, जिससे बच्चों में हुए पोषण की कमी को दूर किया जा सकता है।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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