फैमिली थेरेपी (Family therapy) से दूर होंगे ऑटिज्म के लक्षण (Symptoms of autism)
फैमिली थेरेपी में ऑटिज्म रोगी के परिवार, उसके दोस्त और देखभाल करने वाले लोगों को सिखाया जाता है कि कैसे रोगी के साथ व्यवहार, बातचीत और खेलकूद करें। इसकी मदद से वो तेजी से चीजें सीखता है और रोगी में ऑटिज्म के लक्षण (Symptoms of autism) के तौर पर दिखने वाला नकारात्मक व्यवहार खत्म होता है।
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दवाइयां और अन्य तरीके
ऑटिज्म के लक्षण (Symptoms of autism) को कम करने में मददगार दवाईयां (Medications)
यूं तो ऑटिज्म के मरीजों पर दवाईयों का कम ही असर होता है पर ये इसके लक्षणों जैसे डिप्रेशन की समस्या, सोने के परेशानी, चिंता, मिरगी और व्यवहार संबंधी परेशानियों से निपटने में मदद करती हैं।
ऑटिज्म थेरेपी: फिजिकल थेरेपी (Physical therapy)
कुछ ऑटिज्म रोगियों को चलने फिरने में भी परेशानी आती है। ऐसी स्थिति में फिजिकल थेरेीप का सहारा लिया जाता है। इसमें रोगी को कुछ एक्सरसाइज सिखाई जाती हैं, जिससे उसके स्वास्थ, ताकत, बॉडी बैलेंस आदि में सुधार आए।
सामाजिक कौशल चिकित्सा (Social skills training)
इस तरह की ट्रेनिंग में ऑटिज्म रोगी को समाज में लोगों से बातचीत का तरीका और दैनिक जीवन की समस्याओं से निपटना सिखाया जाता है।