बच्चों का टाइम-टेबल (Children’s time table) से पढ़ाई करना एक अच्छे स्टूडेंट की पहचान मानी जाती है। कई बच्चे सिर्फ एग्जाम में पास आते ही पढ़ाई का रूटीन तो बना लेते हैं। लेकिन, कुछ समय बाद ही इसे फॉलो नहीं कर पाते और साथ ही सारा पढ़ा-लिखा भी भूल जाते हैं। क्योंकि, बच्चे किताब या नोट्स में बताई गई बातों को रट लेते हैं, जो ज्यादा समय तक दिमाग में नहीं रह पाती है। ऐसे में यह जरूरी है कि पेरेंट्स पूरे साल की पढ़ाई के लिए बच्चों का टाइम-टेबल बना दें। यह बिलकुल न सोचें कि स्कूल में एग्जाम कब से हैं या फिर कब छुट्टियां हैं? बच्चों का रूटीन आप इस तरह बनाएं कि बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बिलकुल न पड़े और बच्चे हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके नई चीजें सीखते रहें।
हर सेशन के लिए नई योजना बनाएं (Create a new plan for each session)
टाइम-टू-टाइम अपने बच्चों के साथ बैठें और स्कूल और क्लास के करिकुलम के मुताबिक, पूरे साल की पढ़ाई के लिए टाइम-टेबल निर्धारित करें और उसी के अनुसार बच्चों के लिए इयर-प्लान करें। जिससे आप और बच्चे दोनों के पास भरपूर टाइम रहे। इयर-प्लान में अपने बच्चों की कमजोर कड़ी को हाईलाइट करें ताकि उसे किसी विषय पर ज्यादा गाइड कर सकें। इसके लिए पिछले साल का उनके रिपोर्ट कार्ड की मदद लें।
फन-एक्टिविटी को शामिल करें (Incorporate Fun-Activity)
कई बार बच्चे घर पर पढ़ने में रूचि नहीं लेते, ऐसी स्थिति में बच्चे को खेल-खेल में पढ़ाने की कोशिश करें। अपने बच्चे को माता-पिता ही सबसे अधिक जानते हैं। ऐसे नए तरीके खोजने की कोशिश करें, जिसमें बच्चे को पढ़ाने में आप भी परेशान न हो। इसके लिए आप उसकी पसंद की एक्टिविटी कराते हुए होम-वर्क भी आसानी से करा सकते हैं।
और पढ़ें : पेसिफायर की आदत कहीं छीन न ले बच्चों की मुस्कान की खुबसूरती
बच्चों का टाइम टेबल समय-समय पर एनालिसिस करें (Analyze children’s time table time to time)
सेशन की शुरुआत में बनाया गया इयर-प्लान या टाइम-टेबल हो सकता है कि कुछ महीनों बाद उतना हेल्पफुल न हो। इससे बचने का आसान सा तरीका यह है कि बीच-बीच में प्लान का एनालिसिस करते रहें। सभी प्रोब्लम्स पर अपने बच्चे से बात करें और जरूरी लगे, तो इसमें बदलाव भी करें।
टाइम-टेबल कभी मिस न हो (Never miss time table)
अगर सही टाइमटेबल मेंटेन नहीं किया जाए, तो बच्चों का ढेर सारा काम इकट्ठा हो जाता है और समस्या बहुत बढ़ जाती है। होमवर्क सही तरीके से होता रहे इसके लिए जरूरी है कि आप टाइम टेबल फॉलो होने पर ध्यान दें।
छुट्टी के दिन को एंजॉय करने दें (Enjoy the day off)
लगातार छह दिनों तक क्लास करने से बच्चे मानसिक रूप से बहुत थक जाते हैं। जैसे आप ऑफिस से एक दिन की छुट्टी पर होते हैं, ठीक उसी तरह बच्चों को भी ब्रेक की जरूरत होती है। बच्चे भी चाहते हैं कि छुट्टी के दिन फ्री रहें। ऐसे में टाइम टेबल के हिसाब से चलना नामुमकिन है। आप छुट्टी के दिन के लिए अलग से टाइम टेबल बनाएं, जिससे होमवर्क न रह जाए और बच्चे छुट्टी का मजा भी मिले।
और पढ़ें: जानें कितना सुरक्षित है बच्चों के लिए वीडियो गेम
बच्चों का टाइम टेबल (Children’s Time table) इस तरह बनाएं कि उन्हें ब्रेक मिले
छुट्टी वाले दिन कहीं पढ़ाई न रह जाएं
बच्चों का टाइम टेबल (Children’s time table) सभी विषयों का ख्याल रखकर बनाएं
बच्चों की नींद और डायट (Diet) का भी ख्याल रखें
बच्चों का टाइम टेबल (Children’s time table) बनाते समय गैजेट के लिए निर्धारित करें समय
पढ़ाई से लेकर एंटरटेनमेंट तक बच्चे आज गैजेट्स या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सहारा लेते हैं। लेकिन, जब पेरेंट्स बच्चों का टाइम टेबल बनाएं, तो इस बात का भी ख्याल रखें कि आप उनके लिए डिजिटल डिटॉक्स का भी समय निर्धारित करें। इस दौरान वे इन सभी गैजेट्स से दूरी बनाकर रखें। ऐसा करने से बच्चों का सोशल स्किल बढ़ती है। वे लोगों से सीधे बात करना सीखते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
नए संशोधन की समीक्षा डॉ. प्रणाली पाटिल द्वारा की गई
[embed-health-tool-vaccination-tool]