आपने यह नोटिस किया होगा कि जब घर में मौजूद किसी पुरानी वॉटर पाइप्स से पानी फ्लो होता है, तो उससे बहुत अधिक आवाज आती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? असल में यह आवाज तंग पाइप्स की वजह से आती है। इन तंग वॉटर पाइप्स के जैसे ही जब हमारे एयरवेज ब्रोन्कोस्पाज्म की वजह से तंग हो जाते हैं, तो सांस लेते हुए हमारे नाक से सीटी जैसी आवाज सुनाई देती है। आज हम बात करने वाले हैं पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के बारे में। पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) यानी बच्चों में ब्रोन्कोस्पाज्म की समस्या। आइए जानें इस परेशानी और इसके उपचार के बारे में।
पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म क्या है? (Pediatric bronchospasm)
पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म यानी बच्चों को ब्रोन्कोस्पाज्म की परेशानी होना। यह रोग तब होता है जब बच्चे के एयरवेज कॉन्सट्रिक्ट हो जाते हैं यानी तंग हो जाते हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में समस्या होती है। जब यह समस्या होती है, तो बच्चे को छाती में कसाव महसूस होता है और उन्हें लगातार खांसी की समस्या भी हो सकती है। अगर यह समस्या गंभीर हो जाए, तो बच्चे को अच्छे से सांस लेने में समस्या हो सकती है जिससे तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी हो जाती है। जिन बच्चों को अस्थमा, एलर्जी या अन्य लंग कंडिशंस होती हैं, उन्हें ब्रोन्कोस्पाज्म होने की संभावना अधिक रहती है।
बहुत छोटे बच्चे और साठ साल से अधिक उम्र के लोगों में भी इस समस्या का जोखिम अधिक रहता है। ब्रोन्कोस्पाज्म को संक्रामक नहीं माना जाता है लेकिन कई बार ब्रोन्कोस्पाज्म का कारण बनने वाले कुछ वायरस और बैक्टीरिया अन्य लोगों तक ट्रांसमिट हो सकते हैं। अब जानिए क्या हैं इस समस्या के कारण।
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पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म के कारण क्या हैं? (Causes of Pediatric bronchospasm)
पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के कई कारण हो सकते हैं। इसके कारणों में अन्य डिजीज भी शामिल हैं। पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) रोग एयरवे के नेरौ होने के कारण होता है। नैरो एयरवे, एयरवे के आसपास की मसल्स की स्पाज्म, सूजन और बलगम के बढ़ने की वजह से हो सकती है। आइए, जानें पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के कारणों के बारे में विस्तार से:
एलर्जी (Allergy)
जब कोई फॉरेन सब्स्टांस जैसे बैक्टीरिया, वायरस या टॉक्सिक सब्स्टांस शरीर में प्रवेश करते हैं, तो नेचुरल डेफेंसेस में से एक एंटीबॉडी का निर्माण होता है। यह मॉलिक्यूल अन्य फॉरेन सब्सटांसिस के साथ मिलकर उन्हें हानिरहित बनाते हैं। इस प्रोसेस को इम्युनिटी कहा जाता है। ऐसा मना जाता है कि जिन बच्चों को एलर्जी होती है, वो ब्रोन्कोस्पाज्म का अधिक शिकार होते हैं। एलर्जेंस जो एलर्जी का कारण बन सकते हैं, उनमें जानवरों की रुसी, परागकण, धूल-मिटटी, कुछ खाद्य पदार्थ आदि शामिल हैं।
व्यायाम (Exercise)
पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के अगले कारणों में व्यायाम भी शामिल है। यह अस्थमैटिक चिल्ड्रन में लक्षणों का सबसे सामान्य ट्रिगर है।
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इमोशंस (Emotions)
साइकोलॉजिकल स्ट्रेस भी लक्षणों को बढ़ा सकती है, लेकिन अस्थमा एक साइकोलॉजिकल डिजीज नहीं है।
अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शंस (Upper Respiratory Infections)
जब किसी अस्थमैटिक बच्चे को अपर रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है, तो इससे उस बच्चे में अस्थमा भी ट्रिगर हो सकता है।
इरिटेंट्स (Irritants)
ऐसी कई चीजें हैं जो हमारे नाक, गले और ब्रोंकाई bronchi. में समस्या का कारण बन सकती हैं। सिगरेट स्मोकिंग इनमें सबसे सामान्य है। हालांकि मिट्टी, एयरोसोल स्प्रे और तेज दुर्गन्ध भी समस्या का कारण बन सकती है। पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) से जुड़े कुछ रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- रिएक्टिव एयरवे डिजीज या अस्थमा की फैमिली हिस्ट्री होना
- एलर्जी की हिस्ट्री
- मोटापा
अब जानते हैं पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म के लक्षणों के बारे में।
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पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म के लक्षण (Symptoms of Pediatric bronchospasm)
पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि रोगी के एयरवेज़ कितने तंग हैं और कितना एयरफ्लो प्रभावित हुआ है? इसके लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। इस समस्या के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- छाती और पीठ में दर्द, अकड़न और कॉन्सट्रिक्शन का अनुभव होना
- पर्याप्त एयर प्राप्त करने या सांस लेने में समस्या
- सांस लेते हुए व्हीज़िंग या सीटी की आवाज आना
- बिना किसी कारण से थकावट होना
- चक्कर आना
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पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Pediatric bronchospasm)
पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले बच्चे में इस समस्या के लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी जाना जाएगा। उसके बाद डॉक्टर ब्रीद-इन और ब्रीद-आउट के समय रोगी के लंग्स की आवाज सुनेंगे। इसके साथ ही बच्चे के लंग्स कितने अच्छे से काम कर रहे हैं, यह जानने के लिए लंग फंक्शन टेस्ट्स भी किये जा सकते हैं। यह टेस्ट इस प्रकार हैं:
स्पिरोमेट्री (Spirometry)
इस टेस्ट में एक डिवाइस का प्रयोग किया जाता है, जिसे स्पिरोमीटर कहा जाता है। रोगी को इस डिवाइस से कनेक्टेड ट्यूब में ब्रीद करना होता है।
लंग वॉल्यूम टेस्ट (Lung volume test)
इस टेस्ट से यह जांचा जाता है कि रोगी के लंग्स कितनी ऑक्सीजन को होल्ड कर सकते हैं।
लंग डिफ्यूजर कैपेसिटी (Lung diffusion capacity)
इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर यह जानते हैं कि रोगी के खून में कितनी अच्छी तरह से ऑक्सीजन जाती है। इसके लिए रोगी को उस ट्यूब के माध्यम से ब्रीद-इन और ब्रीद-आउट करना पड़ता है। इस टेस्ट के माध्यम से हीमोग्लोबिन के लेवल के बारे में भी पता चलता है।
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पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse oximetry)
यह एक डिवाइस है जिसे बच्चे की उंगली में लगाया जाता है, ताकि खून में ऑक्सीजन लेवल को जांचा जा सके।
यूकेपनीक वोलंटरी हाइपरवेंटिलेशन (Eucapnic voluntary hyperventilation.)
यूकेपनीक वोलंटरी हाइपरवेंटिलेशन टेस्ट का इस्तेमाल एक्सरसाइज इंड्यूस्ड ब्रोन्कोस्पाज्म के निदान के लिए किया जाता है। पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के निदान के लिए इस टेस्ट की सलाह भी दी जा सकती है। इस टेस्ट के लिए रोगी को ऑक्सीजन और कार्बनडाइऑक्साइड के मिश्रण में ब्रीद करना पड़ता है ताकि एक्सरसाइज के दौरान ब्रीदिंग को स्टिमुलेट किया जा सके। इससे डॉक्टर यह चेक करते हैं कि क्या इस मिश्रण में सांस लेना रोगी के लंग फंक्शन को प्रभावित करता है या नहीं? इसके साथ ही डॉक्टर अन्य कुछ टेस्ट्स के लिए भी कह सकते हैं, जैसे
- चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray): यह टेस्ट एक्स-रे किसी अन्य कंडिशंस जैसे निमोनिया या इंफेक्शंस के निदान के लिए किया जाता है।
- सीटी स्कैन (CT scan): इस टेस्ट में एक्स-रे का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि जाना जा सके कि आपके लंग्स में कोई समस्या तो नहीं है। इस तरह से पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) का निदान किया जा सकता है। अब जानते हैं इस समस्या के उपचार के बारे में।
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पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म का उपचार (Treatment of Pediatric bronchospasm)
पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के लिए डॉक्टर कुछ दवाईयों की सलाह दे सकते हैं, जो आपके बच्चे के एयरवेज को चौड़ा कर सकें और उसे सांस लेने में आसानी हो। यह दवाईयां इस प्रकार हैं:
- शार्ट-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर्स (Short-acting Bronchodilators): पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) से जल्दी आराम पाने में यह दवाईयां लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। यह कुछ मिनटों में ही एयरवेज़ को चौड़ा करने का काम शुरू कर देती हैं। यही नहीं, इनका प्रभाव भी चार घंटे तक रह सकता है।
- लॉन्ग-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर्स (Long -acting Bronchodilators): यह दवाईयां एयरवेज़ को बारह घंटों तक ओपन रखने में मददगार होती है। लेकिन, यह काम शुरू करने में अधिक समय लेती हैं।
- इंहेल्ड स्टेरॉइड्स (Inhaled steroids): यह दवाईयां एयरवेज की सूजन को कम करने का काम करती हैं। ब्रोन्कोस्पाज्म के लॉन्ग-टर्म कंट्रोल के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ओरल या इंट्रावेनस स्टेरॉइड्स (Oral or intravenous steroids): इन दवाईयों को रोगी को तब दिया जा सकता है जब पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म की समस्या गंभीर हो। इसके अलावा सूजन से राहत पाने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids), मास्ट सेल स्टेबिलाइजर (Mast cell stabilizers) या ल्यूकोटरीन इन्हिबिटर्स को लेने की सलाह दी जा सकती है। रोगी की स्थिति के अनुसार किसी अन्य उपचार की सलाह भी दी जा सकती है। बच्चे की इस कंडिशन के दौरान माता-पिता के लिए कुछ खास चीजों का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। जानिए इस कंडिशन से जुड़ी कुछ अन्य बातों के बारे में।
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पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म की स्थिति में इन चीजों का रखें ध्यान
पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) कंडिशन माता-पिता के लिए चिंता का विषय हो सकती है। इस स्थिति में आपके लिए इन चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जैसे:
- डॉक्टर द्वारा बताएं गए इलाज और दवाईयों का पूरी तरह से पालन करें। इससे बच्चों को सांस लेने में आसानी होगी।
- इस समस्या से पीड़ित छह साल से कम उम्र के बच्चे को कोई भी खांसी या सर्दी-जुकाम की दवाई देने से तब तक बचें, जब तक डॉक्टर ने इसकी सलाह न दी हो।
- ब्रोन्कोस्पाज्म के लक्षणों को पहचानें। ताकि आप तुरंत मेडिकल हेल्प ले सकें।
- बच्चों को डिहायड्रेशन से बचाएं। इसके लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने के लिए दें।
- बच्चों को ऐसे किसी भी व्यक्ति के सम्पर्क में न आने दें, जो स्मोकिंग करता हो। सेकंडहैंड स्मोक या स्मोकिंग से इस समस्या के लक्षण बदतर हो सकते हैं।
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यह तो थी पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के बारे में जानकारी। पीडियाट्रिक ब्रोन्कोस्पाज्म (Pediatric bronchospasm) के जल्दी निदान और उपचार के लिए जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों में इसके लक्षणों को पहचानें। कई बार यह समस्या गंभीर हो सकती है इसलिए इसके बारे में पूरी इंफॉर्मेशन होना आवश्यक है। अगर इस समस्या के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इसके बारे में अवश्य जानकारी लें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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