हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी एक तरह का बैक्टीरिया है, जिसकी वजह से Hib डिजीज (Hib Disease) की समस्या बच्चों में हो सकती है। 5 वर्ष या इससे कम उम्र के बच्चों में Hib डिजीज का खतरा ज्यादा रहता है। हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Haemophilus influenzae type b) की वजह से उम्रभर डिसएब्लिटी यानी विकलांगता की समस्या हो सकती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि एचआईबी डिजीज का इलाज संभव नहीं है, बल्कि Hib वैक्सीन (Hib Vaccine) से बच्चों को हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी के इंफेक्शन से दूर रखा जा सकता है। बच्चों के लिए Hib वैक्सीन (एचआईबी वैक्सीन) से जुड़ी सारी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे, लेकिन सबसे पहले हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Haemophilus influenzae type b) को समझते हैं।
- हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी क्या है?
- Hib वैक्सीन क्या है?
- Hib वैक्सीन किस उम्र में दी जाती है?
- हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन की कीमत क्या है?
- Hib वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी एवं Hib वैक्सीन (Hib shot) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Haemophilus influenzae type b) क्या है?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी एक बैक्टीरियल इलनेस है, जो छोटे बच्चों में ब्रेन इंफेक्शन (Brain infection) का कारण बन सकते हैं। अगर शिशु में ऐसी समस्या होती है, तो शिशु के ब्रेन में इन्फ्लेमेशन (मस्तिष्क में अंदुरुनी सूजन) और स्पाइनल सूजन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा ब्लडस्ट्रीम इंफेक्शन (Bloodstream infections), निमोनिया (Pneumonia), अर्थराइटिस (Arthritis) एवं शरीर के अन्य अंगों में इंफेक्शन (Infections) की समस्या हो सकती है। अब जैसा की हमने आर्टिकल की शुरुआत में लिखा की Hib डिजीज (Hib Disease) से बचाव संभव है और इसके लिए Hib वैक्सीन बच्चों को दी जाती है। Hib वैक्सीन के बारे में आगे समझेंगे।
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Hib वैक्सीन (Hib Vaccine) क्या है?
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी के कारण होने वाली बीमारी जैसे टिटनेस (Tetanus), डिप्थेरिया (Diphtheria), काली खांसी (Hooping cough) एवं पोलियो (Polio) से बचाव में Hib वैक्सीन मददगार है। वहीं Hib वैक्सीन की पूरी डोज लेने के बाद शिशुओं किसी अन्य कारण से होने वाली मेनेंजाइटिस की समस्या से भी बचाव संभव है।
Hib वैक्सीन किस उम्र में दी जाती है? (Age for Hib Vaccine)
दि नेमोर्स फाउंडेशन (The Nemours Foundation) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन बच्चों के अलग-अलग उम्र पर दी जाने वाली वैक्सीन है। जैसे:
- पहली डोज- 2 माह के शिशु को
- दूसरी डोज- 4 माह के शिशु को
- तीसरी डोज- 6 माह के शिशु को
- चौथी डोज- हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन की चौथी एवं आखरी डोज 12 से 15 महीने की बच्चों को दी जाती है। इसे बूस्टर डोज माना जाता है।
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन 5 साल से ज्यादा उम्र वाले बच्चों एवं वयस्कों को नहीं दी जाती है। हालांकि अगर सिकल सेल डिजीज, ऑपरेशन के दौरान स्प्लीन को निकालने से पहले या फिर बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Bone marrow transplant) के बाद दी सकती है। वहीं नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 5 से 18 वर्ष के बच्चों एवं किशोरों को एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus) होने पर भी Hib वैक्सीन दिया जा सकता है।
नोट: अगर आप हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन शिशु को दिलवाना किसी भी कारण से भूल जाते हैं या बच्चे को Hib वैक्सीन नहीं लग पाती है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन की कीमत क्या है? (Price of Haemophilus influenzae type b vaccine)
भारत में हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन के अलग-अलग ब्रांड मौजूद हैं, जो इस प्रकार हैं-
- हाइब (Hibe) – 385 रूपए
- क्वॉड्रोवैक्स एसडी वैक्सीन (Quadrovax SD Vaccine) – 490 रूपए
- कोम्बीफाइव इंजेक्शन (Combefive Injection) – 640 रूपए
नोट: Hib वैक्सीन की ऊपर बताई कीमत एवं नाम सिर्फ आपकी जानकारी के लिए साझा की गई है। वैक्सीन के नाम एवं कीमत दोनों अलग-अलग हो सकते हैं।
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Hib वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Side effects of Hib Vaccine)
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन से कोई गंभीर समस्या नहीं होती है, लेकिन वैक्सीन लगने के बाद शिशु को निम्नलिखित शारीरिक हो सकती है। जैसे:
- वैक्सिनेशन के बाद बुखार (Fever) आना।
- इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द (Pain) होना, सूजन (Swelling) होना या लाल (Redness) पड़ना।
- अगर Hib वैक्सीन बड़ों को दी गई है, तो व्यक्ति में बेहोशी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन (Haemophilus influenzae type b vaccine) के बाद ऊपर बताई गई परेशानी हो सकती है, लेकिन अगर Hib वैक्सिनेशन (Hib Vaccination) के बाद ज्यादा चक्कर आये, देखने में समस्या हो या फिर कानों में टिन-टिन की आवाज सुनाई दे, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करना चाहिए।
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हिब टिका (Hib Vaccine) किसे नहीं लगवाना चाहिए?
हिब टिका 6 सप्ताह से कम उम्र के बच्चों को नहीं लगाई जाती है। इसके अलावा निम्नलिखित हेल्थ कंडिशन (Health Condition) होने पर भी हिब टिका (Hib Vaccine) नहीं लेना चाहिए। जैसे:
- हिब टिका लेने पर या पिछली वैक्सिनेशन के बाद गंभीर एलर्जी (Allergy) की समस्या होने पर नहीं दी जाती है।
- अगर वैक्सिनेशन डेट के दौरान कोई शारीरिक परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही हिब टिका लगवाना चाहिए।
इन ऊपर बताये दो शारीरिक स्थितियों में हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन (Haemophilus influenzae type b vaccine) नहीं लगाई जा सकती है।
ये हैं हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी। अगर आप Hib वैक्सीन (Hib Vaccine) या हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Haemophilus influenzae type b) से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं अगर आपके घर में शिशु का जन्म हुआ है या होने वाला है, तो शिशु के जन्म के बाद (After delivery) डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई दवाएं एवं वैक्सिनेशन डोज शिशु को समय-समय पर दें।
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