छुट्टी के दिन को एंजॉय करने दें (Enjoy the day off)
लगातार छह दिनों तक क्लास करने से बच्चे मानसिक रूप से बहुत थक जाते हैं। जैसे आप ऑफिस से एक दिन की छुट्टी पर होते हैं, ठीक उसी तरह बच्चों को भी ब्रेक की जरूरत होती है। बच्चे भी चाहते हैं कि छुट्टी के दिन फ्री रहें। ऐसे में टाइम टेबल के हिसाब से चलना नामुमकिन है। आप छुट्टी के दिन के लिए अलग से टाइम टेबल बनाएं, जिससे होमवर्क न रह जाए और बच्चे छुट्टी का मजा भी मिले।
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बच्चों का टाइम टेबल (Children’s Time table) इस तरह बनाएं कि उन्हें ब्रेक मिले
बच्चे के स्कूल से लौटने के बाद उसे समय का ब्रेक दें। यह भी ध्यान दें कि इस ब्रेक में बच्चा न तो
टीवी,
इंटरनेट या वीडियो
गेम्स में न लग जाए। यह सब करने पर भी बच्चे को ब्रेक नहीं मिलेगा और उसका दिमाग शांत नहीं रहेगा। जरूरी है कि बच्चा कुछ समय के लिए अपने दिमाग को शांत रखे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि बच्चा अपना होमवर्क शाम से पहले ही खत्म कर ले। इसके लिए वह रात होने का इंतजार न करें उस समय घर के बाकी सदस्य भी घर पर होते हैं और ऐसे में बच्चे का अकेले बैठकर काम करने में मन भी लगेगा। बच्चे के लिए टाइम टेबल को इस तरह से बनाएं कि बह इस समय घर के बाकी सदस्यों के साथ समय बिता सके।
छुट्टी वाले दिन कहीं पढ़ाई न रह जाएं
बड़ों की ही तरह बच्चों को भी ब्रेक की जरूरत होती है। बच्चे भी चाहते हैं कि उनके पास एक दिन हो जब उनके ऊपर पढाई से लेकर किसी और एक्टिविटी का कोई दबाव न हो। साथ ही बच्चे इस दिन अपनी मर्जी से सोना और ऊठना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें एक दिन का ब्रेक देना जरूरी होता है। लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इस दिन उनकी पढ़ाई के लिए थोड़ा समय उन्हें उनकी सहुलियत के लिहाज से ही निकालने को कहें। इससे वे छुट्टी का मजा भी ले पाएंगे और होमवर्क भी नहीं छुटेगा।
बच्चों का टाइम टेबल (Children’s time table) सभी विषयों का ख्याल रखकर बनाएं
अपने बच्चे के सभी विषयों की सही तैयारी कराएं। हो सकता है कि बच्चा किसी एक विषय में कमजोर हो या फिर किसी और विषय में उसकी ज्यादा रुचि हो। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि बच्चे सारा समय अपने कमजोर विषय का ही होमवर्क करता रहें या जिस विषय में मजबूत हैं उसी को और पढ़ता रहे। पेरेंट्स को देखना होगा कि बच्चा सभी विषयों पर बराबर मेहनत करें।