“आज हर दूसरा व्यक्ति डायबिटीज (Diabetes) का शिकार हैं। ये बात बड़ों में सुनने में काफी सामान्य लगती है। लेकिन, यही बात अगर बच्चों के लिए कही जाए तो! शायद आप थोड़ा सोच में पड़ जाएंगे। लेकिन, वर्तमान में बच्चे को डायबिटीज हो रहा है। बच्चे को डायबिटीज का कारण है अनहेल्दी लाइफस्टाइल और जंक फूड्स। डायबिटीज के कारण इंसुलिन हॉर्मोन बनाने वाले बीटा सेल्स सही से काम नहीं करते हैं।
बच्चे को डायबिटीज के साथ जिंदगी थोड़ी मुश्किल हो जाती है। वहीं, जब बच्चे को डायबिटीज हो तो और भी ध्यान देना पड़ता है। इसके लिए हैलौ स्वास्थ्य ने वाराणसी स्थित सृष्टि क्लीनिक के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पी.के. अग्रवाल से बात की। डॉ. अग्रवाल ने डायबिटीज के साथ बच्चे के जीवन को सामान्य बनाने के लिए कुछ बातें बताई हैं।
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क्या है डायबिटीज (Diabetes)?
डायबिटीज को मेडिकल भाषा में डायबिटीज मेलिटस कहते हैं यह मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बहुत पुरानी और आम बीमारी है डायबिटीज में, इंसान का शरीर इंसुलिन नाम के हॉर्मोन को बनाने और उसे इस्तेमाल करने की क्षमता खो देता है डायबिटीज की बीमारी होने पर आपके शरीर में ग्लूकोस की मात्रा का बढ़ जाती है
डायबिटीज के क्या लक्षण होते हैं? (Signs of Diabetes)
- बार-बार प्यास लगना जिसे पॉलीडीप्स्या कहते हैं।
- ज्यादा मात्रा में पेशाब होना, इस स्तिथि को पॉल्यूरिया कहते हैं।
- वजन घटना (Weight loss)।
- जल्दी थक जाना।
डायबिटीज का इलाज (Diabetes Treatment)
- डायबिटीज के इलाज के लिए बच्चे को अगर मोटापा है तो उसे कम किया जाए। इसके लिए बच्चे को एक्सरसाइज कराएं।
- बच्चे को जॉगिंग कराएं और व्यायाम से अतिरिक्त कैलोरी बर्न कराने की कोशिश करें।
- बच्चे के खान-पान ध्यान दें।
- समय-समय पर बच्चे की डॉक्टर से नियमित जांच कराएं।
- बच्चे का वजन हर हफ्ते नापते रहें।
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बच्चे को डायबिटीज है तो अपनाएं ये टिप्स
बच्चे का शुगर लेवल नियंत्रित रखें (Control Sugar level)
अपने बच्चे को समय-समय पर डॉक्टर के यहां ले कर जाएं। इसके साथ ही बल्ड शुगर टेस्ट (Blood sugar test) भी कराते रहें। अमूमन बच्चे सूई से डरते हैं। लेकिन, आप बच्चे को बहला फुसला कर उनका ब्लड आसानी से निकलवा कर टेस्ट करा सकती हैं। बच्चे को अगर सूई लगाने से डर लगता है तो ब्रिथिंग एक्सरसाइज कराएं। बच्चे को कहें कि वह लंबी सांस ले और बाहर छोड़े। इसके अलावा बच्चे को प्यार से समझाए कि ये सब उसके अच्छे के लिए हो रहा है।
बच्चे को डायबिटीज में हेल्दी खाना खिलाएं (Healthy Diet)
बच्चे को डायबिटीज में खाने में कई तरह के परहेज करने होते हैं। इसलिए पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चे के लिए जो भी खाना बनाएं वो हेल्दी बनाएं। जिससे उसका शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा। इसके अलावा कोशिश करें कि आप भी बच्चे के साथ वही खाना खाएं। ताकि बच्चा कुछ ऐसा खाने की जिद ना करे, जो उसके लिए नुकसानदेह है। अगर बच्चे का जन्मदिन है तो कोशिश करें कि उसके लिए शुगर फ्री केक और मिठाइयां लेकर आएं।
बच्चे को एक्सरसाइज कराएं
बच्चे को डायबिटीज हो तो उसके लिए मोटापा घातक साबित हो सकता है। इसलिए बच्चे को एक्सरसाइज कराते रहें। इससे बच्चे का शुगर लेवल निय़ंत्रित रहने में मदद मिलती है। उसे किसी ना किसी स्पोर्ट्स में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
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स्कूल में बच्चे के डायबियिक होने की जानकारी दें
बच्चे के डॉक्टर से एक मेडिकल मैनेजमेंट प्लान बनवा लें और उसकी एक कॉपी बच्चे के स्कूल में दे दें। ये प्लान स्कूल में बच्चे की मदद कर सकता है। इसके अलावा क्लासरूम में टीचर्स बच्चे की देखभाल करेंगे।
बच्चे को डायबिटीज के साथ स्वतंत्रता से सामान्य जीवन जीने दें
आपका बच्चा अगर टीनएजर है तो उसे आप एक सामान्य जीवन जीने दें। उस पर भरोसा करें वो अपना ध्यान रख सकता है। अगर वह ऐसा नहीं कर पा रहा है तो आप उसे भरोसा दिलाएं कि वह कर सकता है। आप उसके साथ हमेशा हैं।
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बच्चे को डायबिटीज में कौन से फल खिलाएं? (Fruits in diabetes)
- सेब स्वाद में मीठा होता है शुगर फ्री भी होता है। बच्चे को डायबिटीज है तो सेब खाना फल खाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) के अनुसार, सेब में शुगर, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा होती है, हालांकि, सेब टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज (मधुमेह) के जोखिमों को कम करने में विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
- नाशपाती को भी आप बच्चे को डायबिटीज में फल के तौर पर दे सकते हैं। यह पौष्टिक गुणों से भरा एक फल है। इसका वानस्पातिक नाम पाइरस कम्यूनिस है। नाशपाती रोसेशिए (Rosaceae) परिवार का सदस्य है। इसका प्रयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। मिनेसोटा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. जोनने स्लाविन के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में पाया कि नाशपाती फाइबर का अच्छा स्रोत है। नाशपाती डायबिटीज के जोखिमों को कम करने, आंतों को तंदुरुस्त रखने, वजन कम करने, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने, दिल को स्वस्थ्य रखने, हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ कैंसर से भी शरीर का बचाव करता है।
- स्ट्रॉबेरी स्वाद में हल्का खट्टा-मीठा फल होता है। यह फ्रागर्या (Fragaria) जाति का एक पौधा होता है। इसके फल और पत्तियों का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए किया जाता है। स्ट्रॉबेरी मिनिरल्स से भरपूर होता है, साथ ही इसमें प्रोटीन, नियासिन और खनिजों का एक अच्छा प्राकृतिक स्त्रोत भी पाया जाता है। इसे बच्चे को डायबिटीज में फल के तौर पर दे सकते हैं।
- केले में 93 फिसदी कैलोरी कार्ब्स से आती है। ये कार्ब्स, शुगर, स्टार्च, एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर के रूप में होते हैं। एक मध्यम आकार के केले में 14 ग्राम शुगर और 6 ग्राम स्टार्च की मात्रा होती है। अगर बच्चे को डायबिटीज में फल का चुनाव कर रहें हैं, तो केला सबसे बेहतर विकल्प होता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, केला टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में बढ़ते ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।
इन टिप्स से बच्चे को डायबिटीज होते हुए भी वह सामान्य जीवन जी सकता है। इसके अलावा आप उसे ऐसा महसूस कराएं कि कुछ हुआ ही नहीं है। सब ठीक है, बस जरा सा अपना ध्यान रखना है। बच्चे को डायबिटीज होने पर घबराने की जरूरत नहीं है, इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि अगर बच्चे की जीवनशैली पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो भविष्य में उसे इससे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और जीवन जीने में काफी कठिनाई हो सकती है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव, डायट और एक्सरसाइज का तालमेल बैठा कर चलना पड़ता है, जो थोड़ा मुश्किल जरूर हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं।
स्वस्थ रहने के लिए बच्चे, बड़े या किसी भी उम्र के लोगों को नियमित योगासन करना चाहिए।
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