पोलियो का लेट इफेक्ट’ क्या होता है, आपके मन में ये प्रश्न जरूर होगा। पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक गंभीर और खरनाक बीमारी है। यह बीमारी पोलियो वायरस के कारण होती है और यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तक में फैल भी सकता है। जिससे लकवा हो सकता है यानि आगे जाकर इसके शिकार मरीजों को शरीर हिलाने में भी कठनाई हो सकती है। कुछ लोगों को नॉन पैरालिटिक पोलियो होता है। जिसके लक्षण आमतौर पर हलके फ्लू जैसे महसूस होते हैं। नॉन-पैरालिटिक पोलियो के लक्षण प्रभावित होने पर एक से दस दिन तक के लिए ही नजर आते हैं। 1% से भी कम मामलों में पोलियो, हाथ और पैर या सांस लेने में कठनाई का कारण बनता है। पहले पोलियो संक्रमण के 15 साल या उससे अधिक समय बाद शारीरिक लक्षण उभर सकते हैं। इन नए लक्षणों को ‘पोलियो का लेट इफेक्ट’ (Late Effects of Polio) कहा जाता है। उनमें नई मांसपेशियों की कमजोरी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं। जानिए पोलियो का लेट इफेक्ट क्या है?