अमेरिकन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी (American College of Allergy, Asthma, & Immunology) में पब्लिश्ड रीसर्च के अनुसार 20 प्रतिशत बच्चे फूड प्रोटीन इंड्यूस्ड एंटरोकोलाइटिस सिंड्रोम (Food protein-induced enterocolitis syndrome) के शिकार होते हैं। फूड प्रोटीन इंड्यूस्ड एंटरोकोलाइटिस सिंड्रोम यानी FPIES रेयर डिजीज की लिस्ट में शामिल है। इसलिए हो सकता है की आप इस बीमारी के बारे में नहीं जानते हों। FPIES बच्चों एवं नवजात शिशुओं में होने वाली समस्या है। पेरेंट्स अपने बच्चों की सेहत का पूरा ध्यान रखते हैं, ऐसे में बच्चों में FPIES (FPIES in Babies) से जुड़ी जानकारी भी रखना बेहद जरूरी है।
- बच्चों में FPIES की समस्या क्या है?
- बच्चों में FPIES के लक्षण क्या हैं?
- बच्चों में FPIES के कारण क्या हैं?
- डॉक्टर से कब करें कंसल्टेशन?
- बच्चों में FPIES का निदान कैसे किया जाता है?
- बच्चों में FPIES का इलाज कैसे किया जाता है?
- डॉक्टर से कंसल्टेशन कब करना जरूरी है?
चलिए अब एक-एक कर बच्चों में FPIES (FPIES in Babies) से जुड़े इन सवालों का जवाब क्या है, यह जानने और समझने की कोशिश करते हैं। बीमारी के बारे में जानकर ही, तो आप अपने लाडले या लाडली को बीमारियों से दूर रख पाएंगे।
बच्चों में FPIES की समस्या क्या है?
FPIES जिसे फूड प्रोटीन इंड्यूस्ड एंटरोकोलाइटिस सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। FPIES की समस्या ज्यादातर बच्चों और नवजात शिशुओं में होने वाली समस्या है। बच्चों में FPIES एलर्जी के कारण होता है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Gastrointestinal tract [GI]) में होने वाली समस्या है। बच्चों में FPIES की समस्या होने पर अत्यधिक उल्टी (Vomiting) और डायरिया (Diarrhea) की समस्या होती है। दरअसल ऐसा जब बच्चों को दूध या सोया फूड दिया जाता है तब होता है। वहीं नवजात शिशुओं को दूध पिलाने के बाद FPIES की समस्या देखने को मिलती है। जिन बच्चों में FPIES की समस्या होती है, उनके स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके बारे में आगे जानेंगे।
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बच्चों में FPIES के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of FPIES in Babies)
बच्चों में फूड प्रोटीन इंड्यूस्ड एंटरोकोलाइटिस सिंड्रोम (Food protein-induced enterocolitis syndrome [FPIES]) के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- सीवियर डायरिया (Severe Diarrhea) की समस्या।
- 2 से 3 घंटे के अंतराल पर उल्टी (Vomiting) करना।
- बच्चे का सुस्त (Lethargy) रहना।
- बच्चा थका हुआ या कमजोर (Weak) नजर आना।
- डिहाइड्रेशन (Dehydration) की समस्या होना।
- बॉडी का टेम्प्रेचर (Body temperature) कम या ज्यादा होना।
- बच्चे का ब्लड प्रेशर (Blood pressure low) लो होना ।
- वजन कम (Weight loss) होना।
- बच्चे का आश्चर्यचकित पोज में रहना।
- बेहोश (Faint) होना।
- पल्स रेट (Pulse rate) तेज चलना।
बच्चों में FPIES के लक्षण किसी अन्य बीमारियों के कारण भी देखे जा सकते हैं। इसलिए डॉक्टर बच्चे के हेल्थ कंडिशन को और भी गहनता से समझने की कोशिश करते हैं। अगर आपके बच्चे में ऐसे कोई भी लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्ट करें। आर्टिकल में आगे जानेंगे कि बच्चों में FPIES के कारण क्या हैं।
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बच्चों में FPIES के कारण क्या हैं? (Cause of FPIES in Babies)
बच्चों में FPIES के मुख्य कारण फूड प्रोटीन को ही माना जाता है। FPIES फाउंडेशन (FPIES Foundation) के अनुसार गाय का दूध, सोया प्रोटीन या फॉर्मूला मिल्क के कारण बच्चों में FPIES यानी फूड प्रोटीन इंड्यूस्ड एंटरोकोलाइटिस सिंड्रोम की समस्या होती है। हालांकि कुछ केसेस में नवजात शिशुओं को ब्रेस्टफीडिंग के कारण भी FPIES की समस्या हो सकती है, लेकिन यह कभी रेयर कंडिशन हो सकता है। इसके अलावा बच्चों में FPIES के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- बार्ली (Barley)
- अंडा (Eggs)
- हरी बीन्स (Green beans)
- दूध (Milk)
- मटर (Peas)
- चिकन या टर्की (Chicken or turkey)
- सोया (Soya)
- स्क्वाश (Squash)
- स्वीट पोटैटो (sweet potatoes)
इन ऊपर बताये खाद्य पदार्थों के सेवन से बच्चों में FPIES की समस्या हो सकती है। वहीं रिसर्च रिपोर्ट्स की मानें, तो बच्चों में अलग-अलग खाद्य पदार्थों के सेवन से भी एलर्जी का खतरा बना रहता है। अगर नवजात शिशु या बच्चों में FPIES के लक्षण समझ आयें और ऊपर बताये गए खाद्य पदार्थों या किसी भी खाने-पीने की चीजों के सेवन के बाद एलर्जी की समस्या होने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द कंसल्टेशन करना चाहिए।
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डॉक्टर से कब करें कंसल्टेशन? (Doctor consultation)
अगर नवजात शिशु को किसी दूध पीने के बाद उल्टी और डायरिया हो तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करें। वहीं अगर बच्चों को दूध पीने, सोया प्रॉडक्ट या किसी अन्य खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद तुरंत बाद उल्टी या डायरिया की समस्या हो, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन जरूरी है।
बच्चों में FPIES का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of FPIES in Babies)
बच्चों में FPIES के निदान के लिए जल्दी कोई टेस्ट की सलाह तो नहीं दी जाती है, लेकिन डॉक्टर बच्चे की सेहत को मॉनिटर करते हैं। इस दौरान डॉक्टर बच्चे के लक्षण एवं तकलीफों के बारे में समझने की कोशिश करते हैं। डॉक्टर पेरेंट्स से बच्चे या नवजात शिशुओं के हेल्थ कंडिशन एवं मेडिकल हिस्ट्री की भी जानकारी लेते हैं। वहीं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर एटोपी पैच टेस्ट (Atopy patch test) की जा सकती है।
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बच्चों के लिए मां का दूध सर्वोत्तम माना जाता है। नीचे दिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें और हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए ब्रेस्टमिल्क एवं फॉर्मूला मिल्क (Breast milk and formula milk) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
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बच्चों में FPIES का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for FPIES in Babies)
बच्चों में FPIES के लक्षण और कारणों को ध्यान में रखकर इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इस दौरान डॉक्टर FPIES की गंभीरता को ध्यान में रखकर अलग-अलग तरह से इलाज शुरू करते हैं। बच्चों में FPIES के इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्प अपनाये जा सकते हैं। जैसे:
स्टेरॉयड इंजेक्शन (Steroid injections)
बच्चे में FPIES की समस्या अगर ज्यादा गंभीर होती है, तो ऐसी स्थिति में स्टेरॉयड इंजेक्शन का विकल्प अपनाया जा सकता है। स्टेरॉयड इंजेक्शन बच्चे के इम्यून सिस्टम के कारण हो रही प्रतिक्रिया को कम करने में मदद करती है। इससे बच्चे में हो रहे बार-बार उल्टी और डायरिया की समस्या को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
आइवी फ्लूइड (IV fluids)
आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर बच्चे को आइवी फ्लूइड (Intravenous fluids) भी दे सकते हैं। इससे बच्चे में हो रहे डायरिया (Diarrhea), उल्टी (Vomiting), बॉडी टेम्प्रेचर (Body temperature) जैसी तकलीफों को दूर करने में मदद मिलती है।
फूड प्रोटीन इंड्यूस्ड एंटरोकोलाइटिस सिंड्रोम (Food protein-induced enterocolitis syndrome) के इलाज के लिए इन दो अलग-अलग ट्रीटमेंट के ऑप्शन बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर डॉक्टर अपनाते हैं।
नोट: कई बार बच्चों में उल्टी और डायरिया की समस्या को पेरेंट्स सामान्य मानते हैं और खुद से मेडिकेशन शुरू कर देते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में खुद से इलाज करना बच्चे के स्वास्थ्य पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है। इसलिए डॉक्टर से कंसल्टेशन बेहद जरूरी माना जाता है।
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नवजात शिशु (New born) बच्चों में FPIES (FPIES in Babies) से जुड़ी समस्या होने पर उसे आसानी से समझना कठिन हो जाता है, क्योंकि उल्टी और डायरिया अन्य कारणों से भी हो सकता है। इसलिए डॉक्टर बच्चों में FPIES की समस्या होने पर फिजिकल डायग्नोसिस एवं चेकअप के बाद बच्चों में FPIES का इलाज शुरू करते हैं। डॉक्टर द्वारा दिए गए एडवाइस को फॉलो करें। ध्यान रखें नवजात बच्चों और बढ़ते बच्चों को समय-समय कंसल्टेशन और मेडिकेशन की आवश्यकता पड़ती है, जिससे शारीरिक परेशानी से लड़ने और उससे बचने में मदद होती है। अगर आप बच्चों में FPIES (FPIES in Babies) या बच्चों के हेल्थ कंडिशन से जुड़े किसी तरह का कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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