शिशु का मल बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है। बच्चे के पैदा होने पर काला मल कई बार मां को या परिजनों को डरा सकता है, लेकिन ये डरने की बात नहीं होती है। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है, उसके मल के रंग में परिवर्तन देखने को मिल सकता है। शिशु का मल देखने के बाद कई बातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। शिशु के मल या पॉटी के रंग को देखकर कई बातों का पता चल जाता है। बच्चा जो भी खा रहा है, या फिर शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर शिशु के मल में अंतर देखने को मिलता है। बच्चे के तीन से चार साल होने पर भी उसके मल देखें जरूर। कई बार माएं बच्चों की पॉटी को नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में ये पता नहीं चल पाता है कि बच्चे का पेट सही है या फिर नहीं। बच्चों के पेट में कीड़े होने पर भी वो मल के साथ ही बाहर आते हैं। कीड़े का आकार छोटा या बड़ा भी हो सकता है। ये बेहतर रहेगा कि बच्चे के पॉटी करने के बाद मां एक बार जांच अवश्य करें। इस आर्टिकल के माध्यम से जानें कि कैसे पॉटी का रंग बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है।