चाहे आपको लगता है कि वह गुस्सा है, उदास है, निराश है या शर्मिंदा अपने बच्चे से बात करें उससे पूछें कि वह क्या महसूस कर रहा है और उसकी भावनाओं के लिए सहानुभूति दें। ऐसे समय में कुछ मां बाप उल्टा बच्चों पर ही गुस्सा करने लगते हैं। ऐसा गलती आप न करें। अपने बच्चों के इमोशंस का ध्यान रखें।
बच्चों को यह समझने में मदद करें कि भावनाएं समय के साथ बदलती रहती हैं और जिस तरह से बच्चा अभी महसूस कर रहा है वह थोड़ी देर में बदल जाएगा। यह महसूस करते हुए कि उनकी भावनाओं और आंसू कुछ समय के लिए है और यह आते-जाते रहेंगे यह जानकर बच्चे को भावनात्मक पलों के बीच में थोड़ा शांत रहने में मदद मिलती है। शुरुआत में भले ही आपका बच्चा आपकी बात को नहीं समझेगा लेकिन धीरे-धीरे यह बात उसे समझ आने लगेगी।
ज्यादा भावनात्मक बच्चे का व्यवहार कभी-कभी निराशाजनक हो सकता है। अपने बच्चे को अपनी भावनाओं से निपटने और जरूरी बातें सिखाने के लिए बच्चे को आपके अधिक सर्पोट की जरुरत हो सकती है। इसलिए अपने बच्चे की उस समय जरूरत समझें और उनका उसी अनुसार ध्यान रखें। ऊपर बताए गए सभी टिप्स भावुक बच्चे की देख-रेख करने में आपकी मदद करेंगे। आपकी केयर का बच्चे के व्यवहार पर काफी असर पड़ता है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में भावुक बच्चे को हैंडल करने से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।
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