हिमोरॉइड्स, पाइल्स या बवासीर, चाहे आप इस समस्या को जिस भी नाम से बुलाएं, लेकिन इससे होने वाली तकलीफ आपको लंबे समय तक परेशान करने के लिए काफ़ी है। पाइल्स एक आम बीमारी है, जो आमतौर पर वयस्कों को होती है। हालांकि हिमोरॉयड की समस्या महिला और पुरुषों दोनों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन जिन लोगों को क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन, डायरिया (Chronic constipation, diarrhea) की समस्या है, या जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं उन्हें हिमरॉइड (Hemorrhoids) होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
आज हम आपको हिमरॉइड से जुडी एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं, जो आपको चौंका सकती है। हम बात करने जा रहे हैं शिशु में हिमोरॉइड्स की। अगर आप सोचते हैं कि हिमोरॉइड्स की समस्या सिर्फ बड़ों में होती है, तो आप गलत है, क्योंकि शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) होना मुमकिन है। इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने से पहले जानते हैं हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids)के बारे में जरूरी बातें।
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शिशु में हिमोरॉइड्स : क्या है हिमोरॉइड्स की स्थिति? (Hemorrhoids in Babies)
हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रेक्टम या एनस के पास मौजूद वेंस में सूजन आ जाती है।इंटरनल हिमोरॉइड्स (Internal Hemorrhoids) में एनस में सूजन आती है, वही एक्सटर्नल हिमोरॉइड्स (External Hemorrhoids) में एनस की ओपनिंग के पास स्वेलिंग दिखाई देती है। हालांकि यह आपको असहजता दे सकता है, लेकिन इसे ठीक करने के कई तरीके मौजूद हैं। ज्यादातर केसेस में हिमोरॉइड्स की समस्या एनस के आसपास ज्यादा प्रेशर बढ़ने की वजह से होती है, इसके अलावा कॉन्स्टिपेशन (Constipation) एक ऐसी वजह है, जो हिमोरॉइड्स का कारण बन सकता है। हिमोरॉइड्स की समस्या में व्यक्ति को एनस के आसपास हार्ड लम्स दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें कभी-कभी सर्जरी के जरिए भी निकालना पड़ सकता है।यह तो थी हिमोरॉइड्स की बात, लेकिन अब बात करते हैं शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) का आखिर क्या कारण है। ऐसी कौन सी समस्याएं हैं, जिसके कारण शिशु में हिमोरॉइड्स की तकलीफ देखी जाती है।
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शिशु में हिमोरॉइड्स के क्या हैं कारण? (Hemorrhoids in Babies causes)
यदि आप बच्चों में हिमोरॉइड्स की समस्या देख रहे हैं, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि शिशु में हिमोरॉइड्स एक रेयर कंडिशन है, लेकिन इसे ठीक किया जा सकता है। शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सबसे पहला कारण है –
कॉन्स्टिपेशन : शिशु में कॉन्स्टिपेशन की वजह से रेक्टल एरिया (Rectal area) के आसपास मौजूद वेन्स पर दबाव पड़ता है। इसकी वजह से हिमोरॉइड्स हो सकता है।
डायरिया: यदि शिशु बार-बार स्टूल पास कर रहा है, तो उसकी वजह से हिमोरॉइड्स टिशू पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से पाइल्स (Piles) की तकलीफ हो सकती है।
बॉवेल मूवमेंट की खराब ट्रेनिंग : कई बार टॉडलर्स को गलत टॉयलेट ट्रेनिंग दी जाती है, जिसकी वजह से बच्चे हिमोरॉइड्स का शिकार हो सकते हैं।यदि टॉडलर्स को टॉयलेट में बैठकर मोशन के लिए जोर लगाने की ट्रेनिंग दी जाती है, तो ऐसी स्थिति में रेक्टल एरिया के आसपास सूजन की समस्या हो सकती है। ऐसे में शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) की समस्या देखी जाती है।
ये जानकारी थी शिशु में हिमोरॉइड्स के कारणों के बारे में, लेकिन अब जानते हैं शिशु में हिमोरॉइड्स के लक्षणों के बारे में।
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शिशु में हिमोरॉइड्स के क्या हैं लक्षण? (Hemorrhoids in Babies symptoms)
शिशु में हेमोरॉइड्स की समस्या समझना बेहद मुश्किल हो सकता है, क्योंकि बच्चे खुद की समस्या समझा नहीं सकते। इसलिए आपको ही शिशु में हिमोरॉइड्स पर ध्यान देने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि ये एक रेयर कंडिशन है, लेकिन अगर आप बच्चे के एनस एरिया के पास सूजन देखें, तो इन लक्षणों पर आपको ध्यान देना चाहिए। जिस प्रकार किसी अडल्ट को हिमोरॉइड्स के लक्षण परेशान करते हैं, उसी तरह शिशुओं में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids) के वही लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों में शामिल है –
- स्टूल में ब्लड दिखाई देना
- एनस से म्यूकस आना
- बॉवेल मूवमेंट के दौरान बच्चे का रोना
- हार्ड और ड्राय स्टूल
इन लक्षणों को देखने के बाद यदि आपको लगता है कि शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) की समस्या हो गई है, तो आपको तुरंत पीडियाट्रिशियन के पास जाकर बच्चे का इलाज करवाना चाहिए। यदि आप बच्चे की पॉटी में खून आता देख रहे हैं, तो आपको शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) का पता लगाने के लिए जरूरी चेकअप करवाना चाहिए। इसके बाद डॉक्टर जल्द से जल्द बच्चे को हो रहे दर्द को ठीक करने के लिए दवा दे सकते हैं। आइए अब जानते हैं शिशु में हिमोरॉइड्स को कैसे ठीक किया जा सकता है।
शिशु में हिमोरॉइड्स : कैसे करें इस स्थिति का इलाज? (Hemorrhoids in Babies treatment)
जैसा कि हम आपको पहले बता चुके हैं हिमोरॉइड्स का पहला और सबसे बड़ा कारण कॉन्स्टिपेशन है, इसलिए आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि बच्चा अपने दिन भर की डायट में क्या ले रहा है। कई बार खानपान सही ना होने की वजह से भी शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) की समस्या देखी जाती है।
यदि आपका बच्चा ब्रेस्टफीड कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में उसे कॉन्स्टिपेशन (Constipation) होना मुश्किल है। लेकिन यदि बच्चा फॉर्मूला मिल्क ले रहा है और धीरे-धीरे आप उसे सॉलि़ड फूड दे रहे हैं, तो आपके बच्चे में कॉन्स्टिपेशन की समस्या देखी जा सकती है।
वहीं बड़े बच्चों में कॉन्स्टिपेशन की तकलीफ फाइबर (Fiber) इनटेक ठीक से ना होने की वजह से, सही मात्रा में पानी ना पीने की वजह से और एक्सरसाइज में कमी की वजह से हो सकता है।
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शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) को ठीक करने के लिए जल्द से जल्द आपको पीडियाट्रिशियन की मदद लेनी चाहिए। आमतौर पर शिशु में हिमोरॉइड्स की समस्या को दूर करने के लिए आप बच्चे के डायट में इन चीजों को जोड़ सकते हैं –
- भरपूर पानी
- एप्पल, पियर जूस
- मल्टीग्रेन, बार्ली सीरियल
कुछ खास केसेस में पीडियाट्रिशियन बच्चे को इन्फेंट ग्लिसरीन सपोजिटरी (Infant Glycerin Suppository) भी दे सकते हैं। कॉन्स्टिपेशन के अलावा एक और समस्या ऐसी है, जो शिशु में हिमोरॉइड्स का कारण बन सकती है और इस तकलीफ का नाम है एनल फिशर। यदि आप बच्चे के एनस को साफ करते वक्त ब्लड देखें, तो हो सकता है कि आपका बच्चा एनल फिशर (Anal fisher) की समस्या से जूझ रहा हो। एनल फिशर अपने आप ठीक होने वाली समस्या है, लेकिन बच्चे का डायपर बदलने के दौरान हर मां-बाप को एनल एरिया को सावधानी से साफ करने की जरूरत होती है।
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इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए आप शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) की समस्या को कुछ खास और इफेक्टिव तरीकों से ठीक कर सकते हैं। इनमें शामिल है –
- आपके शिशु के डाइट में फाइबर बढ़ाएं
- बच्चे में डिहाइड्रेशन की समस्या ना होने दें
- पेय पदार्थ और जूस बढ़ाएं
- बच्चे के एनल एरिया को साफ करने के लिए नरम और गीले वाइप्स का इस्तेमाल करें
- बॉवेल मूवमेंट के दौरान पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल करें
इन सभी तरीकों से शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids) की समस्या बहुत हद तक ठीक हो सकती है। लेकिन यदि बच्चे की तकलीफ में कोई फर्क ना दिखे, तो आपको तुरंत पीडियाट्रिशियन के पास जाकर बच्चे का इलाज करवाना चाहिए। हिमोरॉइड्स की समस्या किसी को भी परेशान कर सकती है, लेकिन शिशु में हिमोरॉइड्स एक रेयर कंडिशन मानी जाती है। यदि आपको लगता है कि आप के शिशु में हिमोरॉइड्स (Hemorrhoids in Babies) की तकलीफ है, तो आपको जल्द से जल्द उसे डॉक्टर के पास ले जाकर चेक करवाना चाहिए।
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