पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं और ऐसी ही एक समस्या है नर्वस स्टमक (Nervous Stomach) की। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार नर्वस स्टमक की समस्या लोगों के इमोशन से जोड़कर देखा जाता है। अब क्या है नर्वस स्टमक की समस्या, नर्वस स्टमक के कारण और इससे जुड़े अन्य सवाल एवं जवाब आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ शेयर करेंगे।
- नर्वस स्टमक की समस्या क्या है?
- नर्वस स्टमक के कारण क्या हैं?
- नर्वस स्टमक के लक्षण क्या हैं?
- नर्वस स्टमक का इलाज कैसे किया जाता है?
चलिए अब नर्वस स्टमक (Nervous Stomach) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
नर्वस स्टमक (Nervous Stomach) की समस्या क्या है?
नर्वस स्टमक की समस्या की समस्या को मेडिकल टर्म में ऐंगशस स्टमक (Anxious Stomach) भी कहा जाता है। नर्वस स्टमक की समस्या कुछ लोगों में सामान्य है और डायग्नोसिस की जरूरत भी नहीं पड़ती है। अगर आसान शब्दों में नर्वस स्टमक की समस्या को समझें तो तनाव (Stress) की स्थिति होने पर डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) का ठीक तरह से काम नहीं करना है। नर्वस स्टमक के कारण को आगे समझने की कोशिश करते हैं।
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नर्वस स्टमक के कारण क्या हैं? (Cause of Nervous Stomach)
नर्वस स्टमक यानी ऐंगशस स्टमक की समस्या निम्नलिखित स्थितियों में हो सकती है। जैसे :
- परीक्षा (Test) या किसी प्रसेंटेशन (Presentation) के पहले या दौरान।
- पैसों से जुड़ी समस्या (Financial problems) फेस करना।
- रिलेशनशिप (Relationship) या फेमली से जुड़ी समस्या (Family problems) होना।
- डिवोर्स (Divorce) होना।
- काम (Work) करने के तरीकों में बदलाव होना।
- एक जगह से दूसरी जगह (Moving) जाना।
- किसी करीबी की डेथ (Death) होना।
- गंभीर बीमारी (Chronic illness) होना।
इन स्थितियों में ऐंगशस स्टमक की समस्या हो सकती है। इसलिए नर्वस स्टमक के लक्षण को समझें और इससे बचें।
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नर्वस स्टमक के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Nervous Stomach)
नर्वस स्टमक के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- ब्लोटिंग (Bloating) होना।
- खाना डायजेस्ट होने (Delayed gastric emptying) में सामान्य से ज्यादा समय लगना।
- डायरिया (Diarrhea) की समस्या होना।
- गैस (Gas) बनने।
- बार-बार जी मिचलाना (Nausea)।
ऐसे लक्षण नर्वस स्टमक के लक्षण की ओर इशारा करते हैं।
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नर्वस स्टमक का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Nervous Stomach)
नर्वस स्टमक का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जाता है। जैसे:
- थेरिपी (Therapy)- सायकेट्रिस्ट (Psychiatrist) या थेरिपिस्ट (Therapist) से कंसल्ट कर नर्वस स्टमक की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसा माना जाता है कि थेरिपिस्ट किसी भी तरह के तनाव को कम करने में सहायता करते हैं।
- मेडिकेशन (Medications)- एंग्जाइटी और तनाव को कम करने के लिए डॉक्टर दवा प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि डिप्रेशन जैसे समस्या होने पर ऐंगशस स्टमक (Anxious Stomach) की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर मेडिसिन प्रिस्क्राइब कर सकते हैं।
- फूड (Foods)- अगर आप ध्यान दें, तो कुछ विशेष खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों के सेवन स्टमक अपसेट हो सकता है। इसलिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें। इसलिए बेहतर होगा कॉफी (Coffee), चॉकलेट (Chocolate), सोडा (Soda) और चाय (Tea) का सेवन कम से कम करें।
- स्ट्रेस-रिलीविंग एक्टिविटी (Stress-relieving activities)- डॉक्टर मरीज को ऐसे एक्टिविटी करने की सलाह देते हैं, जिससे अच्छा महसूस हो। इसलिए आप किताब पढ़ना, गाना सुनना, दोस्तों से बात करना या कोई अन्य एक्टिविटी जिसे करने में अच्छा महसूस हो।
- नैचुरल रेमेडीज (Natural remedies)- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पेट से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए अदरक, पेपरमेंट ऑयल का सेवन किया जा सकता है। इसलिए अगर नर्वस स्टमक (Nervous Stomach) की समस्या होती है, तो इनका सेवन किया जा सकता है।
इन अलग-अलग तरहों से नर्वस स्टमक (Nervous Stomach) का इलाज किया जा सकता है। यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन अगर नर्वस स्टमक (Nervous Stomach) की समस्या ज्यादा रहती है, तो भविष्य में गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए नर्वस स्टमक के लक्षण को ध्यान रखें और जरूरत पड़े तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
नोट: पेट से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए ओवर-दि-काउंटर (OTC) मिलने वाली दवाओं का सेवन किया जा सकता है, लेकिन अपनी मर्जी से किसी भी दवाओं का सेवन ना करें, क्योंकि दवाओं का साइड इफेक्ट्स हो सकता है। डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर दवा प्रिस्क्राइब करते हैं।
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एंग्जाइटी का असर पेट पर कैसे पड़ता है? (How does anxiety affect your stomach?)
एंग्जाइटी की समस्या होने पर शरीर में हॉर्मोन और केमिकल रिलीज होते हैं और ये डायजेस्टिव ट्रैक्ट (Digestive tract) में प्रवेश कर जाते हैं। इन सबका गट (Gut) पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है और नर्वस स्टमक की समस्या शुरू हो सकती है।
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ऐंगशस स्टमक या डायजेशन से जुड़ी तकलीफों से बचने के लिए क्या करें? (Anxious Stomach)
ऐंगशस स्टमक या डायजेशन से जुड़ी तकलीफों से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- वैसे खाद्य पदार्थों या पेय पदार्थों का सेवन ना करें, जिससे आपको परेशानी महसूस हो।
- पौष्टिक आहार (Healthy diet) का सेवन करें।
- अपने डायट में फाइबर (Fiber) रिच फूड जरूर शामिल करें।
- पानी (Water) का सेवन कम ना करें।
- स्पाइसी (Spicy) और जंक फूड (Junk food) से दूरी बनायें।
डायजेशन से जुड़ी समस्या होने पर इन 5 टिप्स को फॉलो करें। हालांकि अगर तकलीफ कम नहीं हो रही है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जरूर सलाह लें। डॉक्टर बीमारी की गंभीरता और हेल्थ कंडिशन (Health Condition) को ध्यान में रखकर इलाज करेंगे, जिससे जल्द लाभ मिलेगा।
नोट: अपने व्यस्त भरी जिंदगी में कुछ वक्त जरूर निकालें और रिलैक्स करें। रिलैक्स करने से कई सारी शारीरिक एवं मानसिक परेशानी को दूर करने में मदद मिलती है। इसलिए नर्वस स्टमक की समस्या से भी बचने के लिए रिलैक्स करना बेहद जरूरी है।
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नर्वस स्टमक की समस्या होने पर इसके लक्षण क्रॉनिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (chronic GI disorders) से मिलती है। अगर ऐसे लक्षण रेगुलर नजर आ रहें हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। ऐसे लक्षण इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) की ओर इशारा कर सकते हैं। डायजेशन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए नियमित एक्सरसाइज या योग करने से लाभ मिल सकता है। एक्सरसाइज या योग के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी भी करें।
नर्वस स्टमक या पेट से जुड़ी किसी भी तकलीफ को दूर करने के लिए लिए घरेलू उपाय और हेल्दी लाइफस्टाइल (Healthy Lifestyle) को फॉलो करने से लाभ मिल सकता है, लेकिन अगर इन उपायों से फायदा नजर ना आने पर ज्यादा देर ना करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।
कॉन्स्टिपेशन (Constipation) की समस्या को योग से भी दूर किया जा सकता है। कब्ज की समस्या कई गंभीर बीमारियों को दावत दे सकती है। इसलिए इससे बचना जरूरी है। तो कॉन्स्टिपेशन की समस्या से बचने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।
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