इंफर्टिलिटी का उपचार (Infertility treatment)
बढ़ती उम्र और फर्टिलिटी प्रॉब्ल्म की वजह से यदि आप मां नहीं बन पा रही हैं, तो मॉर्डन साइंस में इसके लिए कई उपचार उपलब्ध हैं।
असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (Assisted Reproductive Technologies)
आपकी इंफर्टिलिटी का कारण जानने के बाद डॉक्टर आपको विशेष उपचार की सलाह देगा। कई बार इसके कारणों का सटीक पता नहीं चल पाता है और ऐसे में यदि पारंपरिक उपचार से फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर आपको एडवांस फर्टिलिटी थेरेपी जैसे इंट्रायूटराइन इनसेमिनेशन (IUI) या इनविट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) की सलाह दे सकता है।
इंट्रायूटराइन इनसेमिनेशन (IUI) उपचार में ओवरी में ढेर सारे अंडाणु के विकास के लिए दवा दी जाती है। जब यह अंडाणु ओवल्यूट होने के लिए तैयार होते हैं तो पार्टनर का साफ किया हुआ स्पर्म सीधे महिला के गर्भाशय में डाला जा सकता है। इसमें ज्यादा तकलीफ नहीं होती है।
इनविट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक में महिला के अंडाणुओं और पुरुष के स्पर्म को निकालकर बाहर लैब में फर्टिलाइज किया जाता है और इसके बाद उसे महिला के गर्भ में डाला जाता है। यदि पुरुष पार्टनर के स्पर्म की क्वालिटी अच्छी नहीं है, तो डोनर स्पर्म का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, यदि कपल चाहे तो। किसी भी तरह के उपचार की सफलता पर भी उम्र का असर पड़ता है। 40 से अधिक उम्र की महिलाओं में इंट्रायूटराइन इनसेमिनेशन (IUI) उपचार की सफलता दर प्रति साइकल 5 प्रतिशत है जबकि 35 से 40 के बीच की महिलाओं में 10 फीसदी। IVF उपचार अधिक प्रभावशाली माना जाता है, लेकिन 40 से अधिक उम्र की महिलाओं में इसकी सफलता दर कम है।
एग डोनेशन (Egg Donation)
40 साल से अधिक उम्र की महिलाएं या जो मेनोपॉज में पहुंचने के बाद मां बनना चाहती हैं, उनके लिए उपचार के तरीके भी सीमित हो जाते हैं। ऐसी महिलाओं के लिए एग डोनेशन अच्छा विकल्प हो सकता है। इस प्रक्रिया में किसी कम उम्र की महिला के अंडाणुओं को लिया जाता है, इसके लिए उस महिला को भी दवा दी जाती है ताकि कई एग बन सके और जिस महिला के शरीर में फर्टिलाइज भ्रूण को डाला जाना है उसे भी हार्मोन्स के इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि उसका शरीर भ्रूण को स्वीकार कर सके। डोनर एग को महिला के पार्टनर के स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता और उसके बाद उसे महिला के शरीर में डाला जाता है। यदि फर्टिलाइज भ्रूण एक से अधिक है तो उसे फ्रीज करके आगे कभी इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रख दिया जाता है। यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए वरदान है जो अधिक उम्र में मातृत्व का अनुभव करना चाहती हैं।
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फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन (Fertility Preservation)
जो महिलाएं 30 या 40 की उम्र के बाद फैमिली प्लानिंग करना चाहती हैं वह फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन कर सकती है। इसमें IVF के बाद भ्रूण को फ्रीज करना या एग फ्रीजिंग शामिल है, जिसका बाद में इस्तेमाल गर्भाधान के लिए किया जा सकते है। भ्रूण फ्रीजिंग की सफलता अधिक है, लेकिन इसके लिए महिला के पुरुष साथी या डोनर स्पर्म का होना जरूरी है। फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन के लिए एग फ्रीजिंग नई तकनीक है जो सफलता का दावा करती है।
महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ ही उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना घटने लगती है, क्योंकि उम्र और फर्टिलिटी एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। आमतौर पर 20 से 30 साल के बीच मां बनना सबसे अच्छा माना जाता है। मगर जो महिलाएं 35 या 40 के बाद मां बनना चाहती हैं, उन्हें पहले ही इस बारे में डॉक्टर से सारी जानकारी जुटा लेनी चाहिए, ताकि बाद में किसी तरह की जटिलता से बचा जा सके। इसके अलावा वह एग फ्रीजिंग जैसी तकनीक के जरिए भी अपने अंडे को भविष्य के लिए फ्रीज कर सकती हैं और जब मां बनना चाहे इनका इस्तेमाल कर सकती हैं। भले ही तकनीक ने बड़ी उम्र में मां बनने वाली महिलाओं की मुश्किलें थोड़ी कम कर दी है, लेकिन आज भी डॉक्टर 20 से 30 के बीच मां बनने को सही मानते हैं, क्योंकि इस समय जटिलताओं की संभावना कम होती है।