रिसर्च के अनुसार अगर आप बच्चे के किक को महसूस करना चाहती हैं या अपने पार्टनर को महसूस करवाना चाहती हैं, तो गर्भवती महिला बायीं करवट लेट जायें। इस करवट लेटने से गर्भ में पल रहे शिशु तक ब्लड फ्लो (Blood flow) बढ़ जाता है और उसे ज्यादा एनर्जी मिलने लगती है, जिस कारण वो किक मारने लगता है। वैसे जब बच्चा किक मारता है, तो पेरेंट्स को भी इसका रिप्लाई देना चाहिए। इस दौरान आप अपने बेबी के साथ पेरेंटल बॉन्डिंग बना सकते हैं। इसलिए किक का रिस्पॉन्स देना आपभी शुरू कर दें। जैसे ही आपको महसूस हो कि बेबी ने किक मारा है, तो आप तुरंत अपने पेट को सहलाएं। ध्यान रखें की आप पेट पर ज्यादा दवाब न डालें। अब फिर कुछ देर इंतजार करें क्योंकि हो सकता है कि आपका बेबी फिर से किक मारे।
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कई बार गर्भवती महिला को बच्चे का किक मारना महसूस नहीं हो पाता है और न ही बच्चे की मूवमेंट समझ आती है। ऐसी स्थिति में गर्भवती महिला या उनके परिवार के लोगों को घबराना नहीं चाहिए। इस बारे में डॉक्टर से समझना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट अल्ट्रसाउंड की मदद से बच्चे की सेहत की सही जानकारी आपको देंगे। इसलिए परेशान न हों।
वैसे तो रिसर्च के अनुसार बच्चा के किक को प्रेग्नेंसी के 16वें हफ्ते के बाद आसानी से समझा जा सकता है लेकिन, अगर आप अपने गर्भ में पल रहे लाडले या लाडली की किक महसूस करना या गिनना चाहती हैं तो इसके लिए दोपहर और रात का वक्त हो सकता है और इस वक्त आपको ध्यान रखने की जरूरत होगी। अगर आप इसे महसूस नहीं कर पा रहीं हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें और गर्भ में पल रहे शिशु के हेल्थ की जानकारी लें।
बेबी किक की काउंटिंग (Baby kick counselling)
बेबी का किक मारना वाकई बहुत ही सुखद घटना होती है। अक्सर महिलाएं इंतजार करती हैं कि बेबी किक (Baby kick) करें और वो उस पल का आनंद ले सके। वहीं कुछ महिलाओं को इससे घबराहट भी हो सकती है। जब बेबी अचानक से किक मारना बंद कर देता है तो महिलाएं इस बात से चिंतित हो जाती है कि कहीं बेबी को कोई परेशानी तो नहीं है। आप चाहे तो बेबी किक (Baby kick) की काउंटिंग भी कर सकती हैं। ये मुश्किल काम नहीं है। आप फीटल मूवमेंट को रोजाना या फिर आपको जब भी एहसास हो, एक पेपर में समय के अनुसार नोट कर सकते हैं।
बेबी किक कब करें नोट ?
फीटल मूवमेंट सुबह के समय हल्का होता है शाम के समय मूवमेंट बढ़ जाता है। जब बेबी का मूवमेंट शुरू हो जाए तो आप एक से लेकर 10 तक काउंट करना शुरू कर दें। अगर बच्चा एक घंटे में 10 से कम या फिर लगभग दस बार घूमता है तो सब कुछ नॉर्मल है। कभी-कभी मूवमेंट ज्यादा भी हो सकता है इसलिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर आपको बच्चे का मूवमेंट कम एहसास हो रहा है या फिर आपको बिल्कुल भी एहसास नहीं हो रहा हो तो आप जूस या स्नैक्स ले सकती है। आपको कुछ देर में मूवमेंट का एहसास होगा।