गर्भावस्था के शुरुआती दौर में मिसकैरिज होना केमिकल प्रेग्नेंसी (Chemical pregnancy) कहलाता है। दरअसल मिसकैरिज आमतौर पर पहले कुछ हफ्तों में ही और पीरियड्स (मासिक धर्म) शुरू होने के पहले ही हो जाता है। दरअसल ज्यादातर महिलाएं ऐसी स्थिति में गर्भवती होती हैं। प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) में रिजल्ट पॉसिटिव भी आता है, जिससे महिला अपने आपको गर्भवती समझ लेती हैं। जबकि हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी टेस्ट किट में पॉसिटिव लाइन काफी पतली होती है इसलिए महिला को भी लगता है कि उन्होंने गर्भधारण कर लिया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमली वेलफेयर (NIHFW) के रिपोर्ट के अनुसार फस्ट ट्राइमेस्टर में 15-20 प्रतिशत तक मिसकैरिज सामान्य है लेकिन, 80 प्रतिशत प्रेग्नेंसी लॉस गर्भावस्था के तीसरे महीने तक होती है।
केमिकल प्रेग्नेंसी (Chemical pregnancy) क्या है?
गर्भावस्था के शुरुआती दौर में हुए इस तरह के मिसकैरिज को हेल्थ एक्सपर्ट्स या डॉक्टर्स इसे केमिकल प्रेग्नेंसी (Chemical pregnancy) कहते हैं। इस दौरान गर्भवती महिला के शरीर में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) हॉर्मोन का लेवल तेजी से बढ़ जाता है लेकिन, अचानक से hCG हॉर्मोन कम भी हो जाता है। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी टेस्ट रेगुलर नहीं करती हैं उन्हें गर्भवती होने की जानकारी भी नहीं मिल पाती है।
और पढ़ें : बेबी प्लानिंग करने से पहले रखें इन 11 बातों का ध्यान
केमिकल प्रेग्नेंसी के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Chemical pregnancy)
केमिकल प्रेग्नेंसी के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं
पीरियड्स की तारीख के आस-पास स्पॉटिंग होना पेट में हल्का क्रैंप महसूस होना पीरियड्स के बाद भी हल्का ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार 25 प्रतिशत तक महिलाओं का ऐसी स्थिति में मिसकैरिज हो जाता है। इन महिलाओं को अपनी प्रेग्नेंसी की जानकारी भी नहीं होती है।
और पढ़ें : जानें गर्भावस्था में तुलसी खाने के 7 फायदे
केमिकल प्रेग्नेंसी के कारण और उनसे होने वाली शारीरिक परेशानी क्या है? (Cause of Chemical pregnancy)
केमिकल प्रेग्नेंसी के कारण और उससे होने वाली परेशानी निम्नलिखित है। जैसे-
1. क्रोमोसोमल एब्नॉर्मैलिटीस (Chromosomal abnormalities)
क्रोमोसोमल एब्नॉर्मलटिस के कारण फीटस (Fetus) ठीक तरह से डेवलप नहीं हो पाता है। अमेरिकन फैमली फिजिशन के रिपोर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी के शुरुआत के साथ ही मिसकैरिज हो जाता है। ऐसा क्रोमोसोमल एब्नॉर्मलटिस (Chromosomal abnormalities) के कारण है।
और पढ़ें : गर्भावस्था में पिता होते हैं बदलाव, एंजायटी के साथ ही सेक्शुअल लाइफ पर भी होता है असर
2. 35 साल से ज्यादा उम्र
35 साल या इससे ज्यादा उम्र होने पर गर्भवती होने में परेशानी होना या मिसकैरिज होना। अगर आप 35 साल की हैं या इससे आपकी उम्र ज्यादा है, तो अपने डॉक्टर को इस बारे में बताएं।
3. हॉर्मोन लेवल (Hormone level) में बदलाव
प्रेग्नेंसी के दौरान हॉर्मोन लेवल में बदलाव होना और इस दौरान प्रोजेस्ट्रोन की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए। फीटस के ग्रोथ लिए प्रोजेस्ट्रोन अत्यधिक जरूरत होता है। अगर प्रोजेस्ट्रोन के लेवल में कमी आती है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
और पढ़ें : 9 मंथ प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट में इन पौष्टिक आहार को शामिल कर जच्चा-बच्चा को रखें सुरक्षित
4. लो बॉडी मास इंडेक्स
जिन महिलाओं का लो बॉडी मास इंडेक्स (BMI) होता है, उनमें मिसकैरिज (केमिकल प्रेग्नेंसी) की संभावन ज्यादा होती है। इसलिए बेबी प्लानिंग कर रहीं हैं या गर्भधारण कर चुकीं हैं, तो बॉडी मास इंडेक्स का ख्याल जरूर रखें।
[mc4wp_form id=”183492″]
5. यूट्रस से जुड़ी परेशानी
यूट्रस में फिब्रॉइड होना या यूटराइन लाइनिंग के कारण भ्रूण (Embryo) पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है, जिस कारण मिसकैरिज की संभावन बढ़ जाती है।
6. इंफेक्शन
किसी कारण गर्भाशय में संक्रमण होने के कारण गर्भ नहीं ठहर पाता है।
लेकिन, केमिकल प्रेग्नेंसी क्यों होता है इसका कोई ठोस कारण अभी तक नहीं मिल पाया है।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में यीस्ट इंफेक्शन के कारण और इसको दूर करने के 5 घरेलू उपचार
केमिकल प्रेग्नेंसी से कैसे बचें? (Prevention from Chemical pregnancy)
केमिकल प्रेग्नेंसी या कोई अन्य प्रेग्नेंसी लॉस से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स अपना सकते हैं
- नियमित रूप से एक्सरसाइज (Exercise) करें। अगर आप किसी कारण वर्कआउट नहीं कर पा रहीं हैं, तो वॉकिंग (Walking) रोजाना करें या फिर आप स्विमिंग भी कर सकती हैं। वॉकिंग और स्विमिंग दोनों ही शरीर को फिट रखने के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है।
- हेल्दी डाइट फॉलो करें। हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए अपने आहार में फोलिक एसिड युक्त आहार का विशेष रूप से सेवन करें।
- बदलती जीवनशैली में किसी न किसी कारण हर कोई तनाव में रहता है लेकिन, इससे बचना बहुत जरूरी है। तनाव का बुरा प्रभाव शरीर पर कई तरह से पड़ता है। इसकी वजह से गर्भधारण में भी समस्या आती है। इसलिए तनाव (Tension) से बचें।
- हेल्दी बॉडी वेट मेंटेन करें। वजन को संतुलित रखना बेहद जरूरी है लेकिन, अगर आप गर्भवती हैं तो आपका वजन 11 से 16 किलो तक बढ़ना अच्छा माना जाता है।
- फॉलिक एसिड का सेवन करें (फॉलिक एसिड कई फलों या खाद्य पदार्थों में मौजूद होता है। डॉक्टर से सलाह अनुसार फॉलिक एसिड टेबलेट का भी सेवन किया जा सकता है।)
- स्मोकिंग (Smoking) और पैसिव स्मोकिंग से बचें। दरअसल स्मोकिंग से कैंसर (Cancer) जैसी बीमारियों के साथ-साथ गर्भधारण में भी परेशानी ही सकती है। यही नहीं अगर आप गर्भवती हैं और स्मोकिंग करती हैं, तो गर्भ में पल रहे शिशु को ऑक्सिजन (Oxygen) की कमी हो सकती है।
- ड्रग्स या एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन न करें ।
- अपनी इच्छा अनुसार किसी भी दवा का सेवन न करें। किसी भी दवाओं के सेवन से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से अवश्य सलाह लें।
- प्रदूषण से बचें। एक रिसर्च के अनुसार प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव फर्टिलिटी पर भी पड़ता है। इसलिए प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें।
- केमिकल प्रेग्नेंसी कैसे बचा जाए इसका कोई ठोस इलाज नहीं है लेकिन, अगर यूट्रस में इंफेक्शन (Infection) से जुड़ी कोई भी परेशानी है तो डॉक्टर से इस बारे में जरूर बात करें।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में रागी को बनाएं आहार का हिस्सा, पाएं स्वास्थ्य संबंधी ढेरों लाभ
केमिकल प्रेग्नेंसी के बाद महिला की मदद कैसे करें?
मिसकैरिज गर्भावस्था के किसी भी स्टेज में हो सकती है। इसका नकारात्मक प्रभाव बनने वाली मां पर पड़ता है। प्रायः महिला तनाव, परेशानी और डिप्रेशन (Depression) की शिकार हो जाती हैं। इसलिए ऐसे वक्त में पति और पारिवारिक सदस्यों को महिला का पूरा-पूरा ध्यान रखना चाहिए लेकिन, अगर आप केमिकल प्रेग्नेंसी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
केमिकल प्रेग्नेंसी के बाद फिर से गर्भधारण कब किया जा सकता है?
केमिकल प्रेग्नेंसी के बाद गर्भधारण करने में कोई परेशानी नहीं आती है। प्रेग्नेंसी लॉस के दो हफ्ते बाद भी गर्भधारण किया जा सकता है लेकिन, अगर आपके डॉक्टर ने कोई सलाह दी हो जैसे बेडरेस्ट करना या कुछ वक्त के बाद गर्भधारण करना। ऐसे में कुछ वक्त इंतजार कर फिर बेबी प्लानिंग करें और डॉक्टर के संपर्क में रहें। ऐसा करने से आप हेल्दी प्रेग्नेंसी प्लान (Pregnancy plan) कर सकती हैं और गर्भावस्था के दौरान हेल्दी भी रह सकती हैं।
[embed-health-tool-pregnancy-weight-gain]