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गर्भावस्था में हर्पीस: लक्षण, कारण और इलाज

गर्भावस्था में हर्पीस: लक्षण, कारण और इलाज

गर्भावस्था में हर्पीस वैरिकेला जोस्टर वायरस के कारण होता है। वैरिकेला जोस्टर वायरस एक यौन संचारित संक्रमण है। यह वायरस चिकनपॉक्स के लिए भी जिम्मेदार होता है। यह ज्यादातर जननांगों को प्रभावित करता है। जिन गर्भवती महिलाओं को पहले चिकनपॉक्स हो चुका होता है, उन्हें हर्पीस जोस्टर का खतरा होता है। क्योंकि यह वायरस शरीर में निष्क्रिय रहता है। हालांकि, जिन्हें कभी चिकनपॉक्स नहीं हुआ है, वे किसी अन्य से इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। यह एक प्रकार दाद का रूप है जो वायरल संक्रमण है। यह जलनशील, दर्दनाक, खुजलीदार चकत्ते को त्वचा पर पैदा करता है। इसे जेनिटल हर्पीस के नाम से भी जाना जाता है।

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 आप गर्भावस्था में हर्पीस के संक्रमण का शिकार कैसे हो सकती हैं?

हर्पीस विषाणु से संक्रमित होने पर, चाहे वह जेनिटल हर्पीस हो या मुंह में छाले हों, यह आपके शरीर में जीवनभर रहता है। इसके वायरस हमेशा सक्रिय नहीं रहते। इसलिए कई बार आपको इसके लक्षण दिखाई नहीं देते।

हर्पीस होने के कारण

अगर वायरस एक संक्रमित व्यक्ति की त्वचा की सतह पर मौजूद होता है, तो यह आसानी से किसी अन्य व्यक्ति की नम त्वचा के माध्यम से फैल सकता है। जो मुंह, एनल और जेनिटल पार्ट्स के आसपास होती है। वायरस त्वचा के अन्य क्षेत्रों जैसे कि आंखों के माध्यम से भी अन्य व्यक्तियों में फैल सकता है। बता दें कि यह वायरस इंफेक्टेड व्यक्ति के छुए सामान को छूने से नहीं फैलता। यह संक्रमण निम्न तरीकों से हो सकता है।

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गर्भावस्था में हर्पीस होने पर प्रेग्नेंसी और नवजात शिशु पर क्या प्रभाव हो सकता है?

जेनिटल हर्पीस बहुत ही आम यौन संचारित संक्रमण है। सही समय पर यदि गर्भवती महिला का इलाज हो जाए तो दस हजार में से एक बच्चे पर ही इसका प्रभाव पड़ता है। इस बात की जानकारी बहुत ही जरूरी है कि गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी की किस स्टेज में यह इंफेक्शन हुआ है। यदि यह इंफेक्शन उनको गर्भावस्था के शुरूआती दौर में हुआ है तो शिशु को इसका खतरा नहीं होता। अगर यह गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में होता है तो बच्चे को भी यह इंफेक्शन प्रभावित कर सकता है। ऐसी स्थिति में सामान्य प्रसव नहीं हो पाता। यदि महिला को गर्भधारण करने से पहले हर्पीस हुआ है तो उनका शरीर कुछ एंटीबाॅडीज का उत्पादन करता है। जो इस इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है और ऐसा ही शिशु के साथ भी होता है। निओनेटल हर्पीस से पीड़ित बच्चे को अंधेपन, ब्रेन डैमेज यहां तक की मृत्यु का भी खतरा रहता है। इससे आप समझ सकते हैं कि प्रेग्नेंसी में हर्पीस रोग कितना खतरनाक हो सकता है। 

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गर्भावस्था में हर्पीस के क्या लक्षण हो सकते हैं?

गर्भावस्था में चिकनपॉक्स, दाद होने के कारण शरीर पर कहीं भी छाले हो सकते हैं। इस दौरान हर्पीस के फफोले आमतौर पर चेहरे और टंग पर दिखाई देते हैं। इसके बाद यह हाथ और पैर तक फैल जाते हैं।

हर्पीस के लक्षण में बड़े चकत्ते आमतौर पर दाद के साथ विकसित होते हैं। ये चकत्ते अक्सर चेहरे के केवल एक तरफ होते हैं, लेकिन कुछ स्थान हो सकते हैं जो प्रभावित होते हैं।

प्रेग्नेंसी में हर्पीस रोग होने पर आप इसके दाने या चकत्ते वाले क्षेत्र में दर्द या खुजली महसूस कर सकते हैं। दाने दिखाई देने के कुछ दिन पहले दर्द या खुजली हो सकती है।

यदि चकत्ते खत्म भी हो जाएं तो भी यह संक्रामक हो सकते हैं, जब तक चकत्ते उजागर हो जाते हैं और ऊपर से खुजली नहीं होती है। गर्भावस्था में हर्पीस आमतौर पर एक या दो सप्ताह में ठीक हो जाता है।

इसके अलावा हर्पीस होने पर दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं।

  • ठंड लगना
  • फीवर आना
  • सिरदर्द
  • दो या दो से अधिक दिन तक दर्द और अस्वस्थ्य महसूस करना।
  • जेनिटल पेन
  • खुजली
  • पेशाब के वक्त दर्द होना
  • वजायनल डिस्चार्ज और यूरिन के वक्त डिस्चार्ज
  • छोटे और दर्दनाक छाले

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हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस का टेस्ट

इस प्रकार के वायरस का आमतौर पर फिजिकल टेस्ट से पता चलता है। डॉक्टर आपकी बॉडी की जांच करेंगे और लक्षणों के बारे में पूछेंगे। डॉक्टर एचएसवी टेस्ट भी कर सकते हैं। इस टेस्ट में डॉक्टर फफोले के द्रव का लेबोरेट्री में टेस्ट करते हैं।

गर्भावस्था में हर्पीस होने पर इसका इलाज क्या हो सकता है?

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हर्पीस के लिए उपचार आमतौर पर डॉक्टर के पर्चे या ओवर-द-काउंटर एंटीवायरल, दर्द और एंटीहिस्टामाइन दवा  का उपयोग किया जाता है। गर्भावस्था में दाद के इलाज के लिए आमतौर पर प्रिस्क्रिप्शन से ली जाने वाली एंटीवायरल दवाएं सुरक्षित हैं। इन दवाओं में एसाइक्लोविर (जोविराक्स), वैलेसीक्लोविर (वाल्ट्रेक्स) या फेमीक्लोविर (फेमवीर) शामिल हैं। एंटीवायरल दवाएं जल्द शुरू होने से गर्भावस्था में हर्पीस के दाने की गंभीरता और अवधि को कम कर सकती हैं।

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गर्भावस्था में हर्पीस के घरेलू उपचार इस प्रकार हैं

  •  गर्भावस्था में हर्पीस का सबसे आसान उपचार है हल्के गर्म पानी से नहाएं।
  • गर्भावस्था में हर्पीस से राहत प्राप्त करना चाहते हैं तो हर्पीस से संक्रमित क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।
  • हल्‍के नमकीन पानी से नहाना भी हर्पीस के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
  • गर्भावस्था में हर्पीस हो जाए तो संक्रमित क्षेत्र में पैट्रोलियम जेली का इस्तेमाल लाभदायक हो सकता है।
  • यदि गर्भावस्था में हर्पीस हो जाए  तो यौन-क्रियाओं से दूरी बनाकर रखें ।
  • यदि पेशाब करने में दर्द हो रहा हो तो मूत्रमार्ग में कुछ क्रीम और लोशन लगाएं।

यदि आप गर्भवती होने के दौरान किसी भी प्रकार के चकत्ते नोटिस करते हैं तो ये गर्भावस्था में हर्पीस के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए अपने डॉक्टर को बताएं। यह चिकनपॉक्स या दाद नहीं हो सकता है, लेकिन यह कुछ अन्य संभावित गंभीर स्थिति हो सकती है।

हम उम्मीद करते हैं कि गर्भावस्था में हर्पीस विषय पर लिखा आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। गर्भावस्था में कई प्रकार के इंफेक्शन हो सकते हैं इनमें से एक हर्पीस भी है। गर्भावस्था में हर्पीस का इलाज कैसे करें और कैसे इससे बचा जा सकता है? इस बारे में डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता।

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Current Version

11/09/2020

Nikhil Kumar द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Ankita mishra


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/09/2020

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