गर्भधारण से पहले बॉडी के लिए विटामिन जरूरी होते हैं क्योंकि, प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में विटामिन्स की कमी महिला के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है। कुछ मामलों में इन विटामिन की कमी शिशु में बर्थ डिफेक्ट्स को भी जन्म देती है। यहां तक इनकी कमी के चलते इनफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है। गर्भधारण से पहले आपके लिए इन आठ विटामिन्स के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन लेना क्यों है जरूरी?
1. एंटीऑक्सिडेंट (विटामिन सी और ई को मिलाकर) (Antibiotics)
गर्भधारण के वक्त एंटीऑक्सीडेंट आपकी बॉडी को फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखते हैं। एंटीऑक्सीडेंट लेने से ऑव्युलेशन के दौरान फ्री रेडिकल से एग्स सुरक्षित रहते हैं। वहीं, गर्भधारण के लिए पुरुषों के लिए भी एंटीऑक्सिडेंट बेहद जरूरी हैं। यह स्पर्म को सुरक्षा प्रदान करते हैं। यह गुणसूत्रों से पैदा होने वाले विकारों से भी सुरक्षा देते हैं। पुरुषों में एंटीऑक्सीडेंट उनके स्पर्म की गति बढ़ाने का काम करते हैं।
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इससे स्पर्म की फैलोपियन ट्यूब में मौजूद एग्स तक पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है। इन एंटीऑक्सिडेंट में विटामिन सी बेहद ही महत्वपूर्ण है। यह आयरन को सोखने में मदद करता है। ताजा फलों के रस और आयरन से भरपूर भोजन से बॉडी में आयरन की मात्रा बढ़ती है।
यह आपको ज्यादातर पपीता, स्ट्रॉबैरी, संतरा, ब्रोकली और पालक में मिलेगा। इसके अलावा यह आपको नट्स और बादाम, हेजलनट्स और सनफ्लाॅवर्स जैसे सीड्स में भी मिलेगा।
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2. विटामिन बी (विटामिन B1, B2, B3, B6 और B12 को मिलाकर) (Vitamin B)
फोलिक एसिड, विटामिन B9 के साथ विटामिन बी का पूरा ग्रुप गर्भधारण में आवश्यक होता है। हेल्दी एग्स और स्पर्म के प्रोडक्शन में यह बेहद ही जरूरी होता है। फूड से एनर्जी रिलीज करने की प्रक्रिया में विटामिन बी ग्रुप एक अहम भूमिका अदा करता है। यह हार्मोन को संतुलित करता है। वहीं विटामिन B12 लाल रक्त कोशिकाओं के प्रोडक्शन और फोलिक एसिड की प्रोसेसिंग में मददगार होता है। यह आपको फोर्टिफाइड सेरल्स, दूध, अंडे, चीस और ऑयली फिश में आसानी से मिल जाएगा।
3. जिंक (Zinc)
अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के मुताबिक, जिंक ऑव्युलेशन और फर्टिलिटी में मदद करता है। यह पुरुषों में सेमेन और टेस्टोस्टेरोन के प्रोडक्शन में योगदान देता है। गर्भधारण से पहले महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में जिंक लेना चाहिए। पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया कि जिंक की कमी से एग के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि, यह अध्ययन चूहों पर किया गया।
इस अध्ययन के लीड ऑथर जेम्स हेस्टर ने कहा कि प्रयोगशाला में अध्ययन करने पर पाया गया कि जिंक एग की कोशिकाओं के विकास में अहम भूमिका निभाता है। जिंक फर्टिलाइजेशन, डीएनए रेग्युलेशन, भ्रूण के विकास और उसके विभाजन में भी अहम होता है। गर्भधारण की इच्छा रखने वाली महिलाओं को अपनी और अपने पार्टनर की डायट में जिंक को शामिल करना चाहिए। हालांकि, उन्हें जिंक के अलावा पूरे खान पान का भी ध्यान रखना चाहिए।
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4. विटामिन डी (Vitamin D)
गर्भधारण से पहले महिलाओं के लिए बॉडी में विटामिन डी की पूर्ती बनाए रखना जरूर होता है। विटामिन डी बॉडी में जाकर कैल्शियम और फास्फेट को रेग्युलेट करता है, जो हड्डियों, दांत और मसल्स को हेल्दी रखता है। गर्मियों में सूरज की किरणों के संपर्क में आने से हमारी बॉडी विटामिन डी का निर्माण करती है। हालांकि, बॉडी की जरूरत को पूरा करने के लिए कितना समय किरणों के संपर्क में रहना है इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है।
5. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन: कैल्शियम (Calcium)
गर्भधारण करने से पहले महिलाओं को कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। शिशु की हड्डियों के विकास और उन्हें ताकतवर बनाने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। वहीं, प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी अतिरिक्त मांग बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में भारी मात्रा में दूध पीना एक अच्छा विकल्प नहीं रहेगा। आप इसके लिए डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम के सप्लिमेंट्स ले सकती हैं।
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6. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन: आयरन (Iron)
गर्भधारण करने से पहले आपकी बॉडी में आयरन की पर्याप्त मात्रा मौजूद होना जरूरी है। इसकी कमी से आपको थकावट और एनीमिया की समस्या हो सकती है। यह ऑक्सिजन को ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूर होता है।
आयरन की कमी के चलते आपकी फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। आमतौर पर आयरन लीन मीट, साड़ीन, टूना मछली और एग, एप्रिकोट्स, सीसम सीड्स और फोर्टिफाइड सेरेल्स में पाया जाता है। अपनी बॉडी में आयरन की सही मात्रा का पता लगाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। वह समान्य ब्लड टेस्ट के माध्यम से आपकी बॉडी में आयरन का आंकलन करेगा।
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7. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन: ओमेगा 3 (Omega 3)
प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन में ओमेगा 3 काफी महत्वपूर्ण होता है। डोकोसाहेक्सेनोइक एसिड (डीएचए) शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए बेहद ही जरूरी होता है। 2016 में इसको लेकर यूरोपियन जर्नल ऑफ ओब्स्टेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी में निष्कर्ष निकाला गया कि ओमेगा 3 को डाइट में लेने से 58 प्रतिशत प्रीटर्म बर्थ में (34 हफ्तों से पहले जन्में शिशु) और 17 प्रतिशत (37 हफ्तों से पूर्व जन्मे शिशु) की कमी दर्ज की गई।
8. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन: फोलिक एसिड (Folic Acid)
गर्भधारण करने से पहले और प्रेग्नेंसी विटामिन में फोलिक एसिड बेहद जरूरी है। यह लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। यह विटामिन प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी बॉडी में अतिरिक्त ब्लड का निर्माण करता है, जिससे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का खतरा (शिशु की रीढ़ की हड्डी से जुड़ी हुई समस्या) कम होता है।
फॉलिक विटामिन की एक सिंथेटिक फॉर्म है जबकि फोलेट प्राकृतिक है। दोनों का सेवन ही फायदेमंद होता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में बच्चे की न्यूरल ट्यूब का निर्माण होता है। ऐसे में महिला का इसके लिए पहले से तैयार होना जरूरी है।
प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन का सेवन रिकमेंड किया जाता है लेकिन कई महिलाएं ज्यादा विटामिन का सेवन करती हैं जो मां और बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार गर्भावस्था में महिलाएं जरूरत से ज्यादा विटामिन लेती हैं तो संतान में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम नामक बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए कभी भी प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन की खुराक खुद से निर्धारित करने की गलती न करें। हमेशा डॉक्टर द्वारा रिकमेंड करने पर ही दवाओं का सेवन करें। हमें उम्मीद है आपको अब प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं होगा। यदि इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।
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