शिशु को जन्म देना मां के लिए एक नए जीवन की तरह होता है। प्रसव के बाद हर मां अपने अनुभवों से रोजाना कुछ न कुछ सीखती है। जहां नन्हे मेहमान से उसे ढेरों खुशियां मिलती हैं, वहीं कई चीजें इस दौरान उसे परेशान कर देती हैं। लेकिन, हर मां यही चाहती है वो अपने शिशु (Baby) के लिए वो सब करें जो उसके लिए सबसे अच्छा है। स्तनपान शिशु और मां दोनों के लिए जरूरी है। इसलिए आज इस आर्टिकल में स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ (Benefits of Papaya during Breastfeeding) से जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे। वहीं स्तनपान को लेकर भी मां के मन में कुछ सवाल होना स्वभाविक है। जैसे “प्राकृतिक रूप से ब्रेस्ट मिल्क कैसे बढ़ाएं” या “स्तनपान के दौरान आहार कैसा होना चाहिए”। पपीता एक ऐसा फल है जिसके बारे में यही कहा जाता है कि गर्भावस्था के समय इसे नहीं खाना चाहिए। स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ के बारे में भी अधिक माताओं को पता नहीं होता।
ऐसे ही, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसे खाना चाहिए या नहीं, इस बात को लेकर नई मां के मन में दुविधा होना स्वभाविक है। आज हम आपकी इसी दुविधा को दूर करने की कोशिश करेंगे जानिए स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ (Benefits of Papaya during Breastfeeding) क्या हैं और इससे जुड़ी कुछ अन्य खास बातें।
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क्या स्तनपान के दौरान पपीता खाना चाहिए? (Papaya during Breastfeeding)
स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ (Benefits of Papaya during Breastfeeding) से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि इस दौरान पपीता खाना चाहिए या नहीं? कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने को लेकर आशंकित रहती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि, कच्चे पपीते में लेटेक्स होता है, जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकता है। लेकिन प्रसव के बाद और स्तनपान के दौरान इस फल को खाना बिल्कुल सुरक्षित है। पपीता में मिनरल और विटामिन होते हैं जो इस समय बेहतरीन सिद्ध हो सकते हैं। यहां तक की कच्चा पपीता स्तन के दूध की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है और इसलिए इस फल को स्तनपान के दौरान खाने की सलाह दी जाती है।
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स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ क्या हैं? (Benefits of Papaya during Breastfeeding)
स्तनपान के दौरान कच्चा और पक्का हुआ दोनों ही पपीता खाना मां और शिशु के लिए फायदेमंद है। जानिए, स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ के बारे में:
इम्युनिटी (Immunity) बढ़ाए
स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ में सबसे बड़ा लाभ यह है कि पके हुए या कच्चे पपीता को खाने से स्वास्थ्य सही रहता है। ताजे और पके हुए पपीते में विटामिन C होता है, जो इम्युनिटी को बढ़ाने में लाभदयक है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इंफेक्शन (Injection) से जल्दी ठीक होने और इंफेक्शन से बचाने में फायदेमंद है। इसलिए पपीता स्तनपान में एक अच्छा आहार है। इससे स्तनपान कराने वाले माताओं को एंटीऑक्सीडेंट्स प्राप्त होते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक है।
दूध (Milk) के उत्पादन को बढ़ाता है
पपीता को लैक्टोजेनिक प्रभाव के लिए जाना जाता है। जो माताएं स्तनपान करवाती हैं या नई माँ बनी हैं, उनके ब्रेस्टमिल्क (Breastmilk) के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। हरा पपीता अधिक लैक्टोजेनिक है और इसलिए नई माताओं को निश्चित रूप से हरा पपीता खाना चाहिए।
प्रसव के बाद वजन (Weight) हो कम
स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ में सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे प्रसव के बाद बढ़ने वाले वजन को कम होने में मदद मिलती है। पपीता एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे स्तनपान के दौरान खाने के लिए कहा जाता है। यही नहीं, इस फल में कैलोरी कम होती है, जिससे वजन नहीं बढ़ता। इसके साथ ही पपीता खाने से आपको ऐसा महसूस होता है, कि आपका पेट भरा हुआ है। जिससे आप जल्दी भूख महसूस नहीं करते।
स्ट्रेस लेवल (Stress Level) हो कम
नई मां को शिशु की देखभाल आदि की पूरी जिम्मेदारी होती है। इसके साथ ही वो बेहद कमजोर भी होती हैं। दिन-भर की भाग-दौड़ भी उसे परेशान कर सकती है। ऐसे में नई मां को तनाव होना स्वभाविक है। लेकिन, पपीता खाने में स्तनपान कराने वाली मां का स्ट्रेस लेवल कम होता है।
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दिल के लिए लाभदायक
पपीते में फोलिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंटस और पोटैशियम (Potassium) होता है। जो हमारे संचार प्रणाली को मजबूत करने में फायदेमंद होता है। यह कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण की संभावना को भी कम करता हैं। आप इसे सलाद की तरह भी खा सकती हैं। पपीता का सेवन करने से ब्लड वेसल में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही यह हार्ट रेट (Heart rate) और ब्लड प्रेशर (Blood pressure) को सही बनाए रखने में भी लाभदायक होता है ।
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पेट (Stomach) के लिए फायदेमंद
पपीता में फाइबर होता है जिससे पाचन क्रिया (Digestion) को सही बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके साथ ही कब्ज की समस्या से भी राहत मिलती है। यानी पपीता खाने से पेट साफ होता है और पेट की कई समस्याएं दूर होती हैं ।
मासिक धर्म (Menstrual cycle) की परेशानियों से मिलती है राहत
प्रसव के कुछ दिन समय बाद जब पीरियड सामान्य रूप से आना शुरू होते हैं तो यह असुविधाजनक या दर्दनाक हो सकते हैं। ऐसे में इस दौरान पपीता खाने से दर्द भी कम होगा और पीरियड में ब्लीडिंग का फ्लो भी सही रहेगा।
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अन्य लाभ
- पपीता के अन्य लाभ यह हैं कि इसे खाने से त्वचा स्वस्थ और सुन्दर बनी रहती है। स्तनपान के दौरान अगर आप पपीता खाते हैं, तो आपको एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ विटामिन सी (Vitamin C) और ई भी मिलते हैं, जो त्वचा के लिए लाभदायक हैं।
- पपीता में विटामिन ए भी होता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में प्रभावी होते हैं।
- मांसपेशियों को अच्छे से काम करने में भी पपीता मददगार है।
कौन-सा पपीता है अधिक फायदेमंद
स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ तो आप जान ही गए होंगे। एक और चीज है जिसे लेकर नई मां का परेशान होना स्वभाविक है और वो है इस दौरान कौन-सा पपीता खाना ज्यादा फायदेमंद होता है, पका हुआ या कच्चा। तो इसमें कोई संदेह नहीं कि पका हुआ पपीता बेहद मीठा और खाने में स्वादिष्ट होता है। लेकिन, अगर गुणों की बात की जाए तो शिशु को दूध पिलाने वाली मां को कच्चे पपीते का अधिक सेवन करना चाहिए। कच्चे पपीते में एंजाइम्स और मिनरल भी अधिक होते हैं। इसलिए यह अधिक सेहतमंद विकल्प है।
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पपीते को अपने आहार में किस तरह से शामिल करेंगे
- पके हुए पपीते को तो आप ऐसे ही या फलों के सलाद के रूप में खा सकते हैं।
- कच्चे पपीते की सब्जी बना लें, इसका सलाद बना कर खाएं , इसके परांठे बनाएं , सूप में इसका प्रयोग करें या स्मूथी बना कर भी आप इसका सेवन कर सकते हैं।
स्तनपान के दौरान पपीता के लाभ के बारे में आप जान ही गए होंगे। इसका शिशु पर हमेशा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन आप अपनी डायट में कोई बदलाव करते हैं या आपको पपीते से एलर्जी है, तो आपको इसे नहीं लेना चाहिए। इससे एलर्जी (Allergy) होने पर आपको स्किन रैशेस, अस्थमा (Asthma) आदि समस्याएं हो सकती हैं। अगर आपको पपीता खाने से कोई समस्या हो या अलग महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा (Medicine) या सप्लिमेंट (Supplements) का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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