पूरे विश्व में 15 मिलियन शिशुओं का जन्म प्रीमैच्याेर होता है, जिनमें 1/5th शिशुओं का जन्म भारत में होता है। जन्म से पहले पैदा होने वाले शिशु (प्रीमैच्याेर बेबी) की मौत जन्म लेने के बाद और 5 साल के पहले कभी भी हो सकती है।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
पूरे विश्व में 15 मिलियन शिशुओं का जन्म प्रीमैच्याेर होता है, जिनमें 1/5th शिशुओं का जन्म भारत में होता है। जन्म से पहले पैदा होने वाले शिशु (प्रीमैच्याेर बेबी) की मौत जन्म लेने के बाद और 5 साल के पहले कभी भी हो सकती है।
प्रीमैच्याेर लेबर गर्भावस्था के 20वें हफ्ते के बाद और प्रेग्नेंसी के 37वें हफ्ते के पहले हो सकता है। प्रेग्नेंसी के 40वें हफ्ते में शिशु का जन्म हेल्दी माना जाता है। प्रीमैच्याेर लेबर की वजह से प्रीमैच्याेर डिलिवरी हो सकती है। कई जन्म लेने वाले प्रीमैच्याेर बच्चों को स्पेशल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। ऐसे नवजात को निओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा जाता है। प्रीमैच्याेर बच्चों को भविष्य में मेंटल और फिजिकल डिसेबिलिटी हो सकती है। ऐसे में प्रीमैच्याेर लेबर से बचने के उपाय क्या हैं?
प्रीमैच्याेर लेबर को निम्नलिखित तरह से समझा जा सकता है। जैसे-
प्रीमैच्याेर लेबर का खतरा निम्नलिखित कारणों से बढ़ सकता है। जैसे-
इन्हीं या किसी अन्य खास कारणों से प्रीमैच्याेर लेबर की संभावना बढ़ती है।
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प्रीमैच्याेर लेबर से बचने के उपाय निम्नलिखित हैं। जैसे-
अगर पहले कभी गर्भवती महिला ने प्रीमैच्याेर लेबर अनुभव किया है, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताएं। सही जानकारी मिलने पर डॉक्टर परेशानी के अनुसार काम करेंगे।
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कई गर्भवती महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान पानी कम पीती हैं। गर्भावस्था के दौरान डीहाइड्रेशन (Dehydration) कई सारी कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है। पानी की कमी न्यूरल टियूब डिफेक्ट्स (Neural Tube Deffects), एमनियॉटिक फ्लूइड (Amniotic Fluid) की कमी, ब्रेस्ट मिल्क (Breast milk) फॉर्मेशन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने के साथ-साथ प्रीमैच्याेर लेबर (Premature labour) की भी संभावना बढ़ा सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान तरल पदार्थों के सेवन के साथ-साथ पानी भी खूब पिएं।
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गर्भावस्था के दौरान अच्छे क्वॉलिटी के खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। आजकल बाजारों में मिलने वाले कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें केमिकल्स मौजूद होते हैं। ये केमिकल्स मां और शिशु दोनों की सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। शरीर में होने वाले केमिकल इम्बैलेंस का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है और ऐसी स्थिति में कभी-कभी प्रीमैच्याेर लेबर पेन भी शुरू हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान अनहेल्दी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। इससे गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों की सेहत को हानि हो सकती है। अनहेल्दी आहार और अनहेल्दी डायट प्लान जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ा देती है। जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण भी प्रीमैच्याेर लेबर की संभावना बढ़ सकती है। गर्भावस्था के दौरान नैचुरल योगर्ट जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इनमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया (अच्छे बैक्टीरिया) होते हैं जो शरीर में मौजूद बैड बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करते हैं।
प्रीमैच्याेर लेबर से बचने के लिए शरीर को एक्टिव रखें। इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है वॉकिंग। अगर डॉक्टर से गर्भवती महिला को बेड रेस्ट की सलाह न दी हो, तो घर के हल्के-फुल्के काम करने के साथ-साथ नियमित रूप से वॉक करें। रोजाना वॉक करने से ब्लड सप्लाई हार्ट तक आसानी से होता है और शरीर में ब्लड का फ्लो बेहतर रहता है।
प्रीनेटल योगा क्लास एक्सपर्ट्स के द्वारा चलाया जाता है। नियमित योगा से शरीर फ्लेक्सिबल होता है गर्भवती महिला के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक तरह से होता है।
कभी भी यूरिन आने पर उसे रोकना नहीं चाहिए। सामान्य भाषा में इसे समझें तो पेशाब आने पर इसे रोकना नहीं चाहिए। यूरिन रोकने के कारण ब्लैडर में बैक्टीरिया इंफेक्शन हो सकता है, जो यूट्रस तक पहुंच सकता है। इंफेक्शन के कारण प्रीमैच्याेर लेबर की संभावना हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान स्लीपिंग पुजिशन पर जरूर ध्यान देना चाहिए। इसलिए कोशिश करें कि दाएं करवट की ओर सोएं। ऐसा करने से ब्लड सर्क्युलेशन (Blood Circulation) ठीक रहता है। पीठ के बल सोने से स्पाइन और यूट्रस पर दबाव बढ़ेगा। ऐसी स्थिति में प्रीमैच्याेर लेबर पेन जल्दी शुरू हो सकता है।
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यूट्रस और बॉडी को रिलैक्स रखने के लिए हल्के गर्म पानी से स्नान किया जा सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव महसूस होने पर तनाव कम हो सकता है। गर्भवस्था में ज्यादा तनाव (Tension) लेना भी प्रीमैच्याेर लेबर (Premature labour) की स्थिति पैदा कर सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव से दूर रहें और खुश रहें। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ऐसा करना मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए लाभकारी है।
अक्सर इस शब्द का प्रयोग हम अपने करीबियो के साथ करते हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला अपने आपको एक्टिव रखने के लिए ट्रीट दे सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंसी मसाज या स्पा की मदद से गर्भवती महिला अपने आपको खुश रख सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी में ऐसा कोई भी काम न करें जिससे लोअर एब्डॉमेन (Lower abdomen) पर जोड़ पड़े। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम भी करें। इसके अलावा अपने चिकित्सक द्वारा बताई गई बातों को फॉलो करें। अपनी डायट का भी खास ख्याल रखें।
अगर आप प्रीमैच्याेर लेबर (Premature labour) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जबाव जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रीमैच्याेर लेबर (Premature labour) से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि इस लेख से जुड़ा आपका कोई प्रश्न है तो आप उसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।
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