गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) के सेवन को लेकर अक्सर महिलाओं में भ्रम और डर रहता है। जिसका कारण इमसें मौजूद मरक्युरी (Mercury) है। जिसका अधिक मात्रा में सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। मरक्युरी प्राकृतिक रूप से वातावरण में पाया जाने वाला तत्व है। यह पानी, हवा और मिट्टी में पाया जाता है। यह एक हैवी मेटल है और इसका अधिक एक्सपोजर हानिकारक हो सकता है। यह मरक्युरी पॉइजनिंग (Mercury positioning) का कारण भी बन सकता है जिससे दिमाग, किडनी, फेफड़े और हार्ट फंक्शन प्रभावित होता है। कई प्रकार की नॉनवेजिटेरियन डिशेज में कालामारी का उपयोग किया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कालामारी और दूसरे सी फूड का सेवन सेफ है भी या नहीं। इन सवालों का जवाब लेकर आए हैं हम इस लेख में।
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड का सेवन किया जा सकता है? ( Can Calamari and Sea Food be consumed during pregnancy?)
गर्भावस्था में कालामारी का सेवन किया जा सकता है, तब जब ये पूरी तरह से पकी हुई हो। इसमें कई पोषक तत्वों के साथ ही मरक्यूरी की मात्रा में कम होती है। गर्भावस्था में कालामरी के सेवन को लेकर होने वाले कंफ्यूजन का कारण इसका क्लासिफिकेशन ठीक से ना होना है। कालामारी एक सेल्फिश नहीं है यह एक ऑक्टोपस की तरह एक घोंघा (Mollusk) है। गर्भवती महिलाएं इस बात के लिए जागरुक होती हैं कि उन्हें वे मछलियां खाना चाहिए जो पूरी तरह से पकी और जिनमें लो मरक्युरी हो। कालामारी को भी इसी तरह ट्रीट किया जाना चाहिए क्योंकि ये सेल्फिश नहीं है।
एफडीए (FDA) की रेटिंग के अनुसार यह मरक्युरी का लो सोर्स है। कालामारी में 0.024 भाग प्रति मिलियन (PPM) पारा होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन किया जा सकता है। इसी तरह ऐसे सी फूड्स जिनमें मरक्युरी का लेवल लो है उनका सेवन भी प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित माना जाता है, लेकिन हाय मरक्युरी सी फूड्स को अवॉइड किया जाना चाहिए। जिसमें किंग मैकेरल (King mackerel, शार्क (Shark), टाइलफिश (Tilefish), स्वोर्डफिश (Swordfish), बिगआई टूना (Bigeye tuna) और मार्लिन (Marlin) शामिल हैं।
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गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) के सेवन से पहले ये जानना है जरूरी
हाय मरक्युरी वाले फूड्स का प्रेग्नेंसी के दौरान सेवन जैसे पॉल्यूटेड सेलफिश या मरक्युरी के साथ प्रदूषित अनाजका सेवन भ्रूण के विकास पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है और सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral palsy) का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि एनसीबीआई में छपी एक नई रिसर्च के अनुसार मरक्युरी फूड का सीमित मात्रा में सेवन और भ्रूण के विकास में परिवर्तन के सॉलिड एविडेंस के बारे में पता नहीं चला है। वहीं गर्भावस्था में फिश का सेवन बच्चे के विकास में योगदान देने के साथ ही मेटरनल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। यानी कि गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) का सेवन किया जा सकता है मरक्युरी कंटेंट को ध्यान रखकर।
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड का सेवन किस प्रकार किया जा सकता है? (How to consume Calamari and Sea food during pregnancy?)
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) का सेवन करते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह अथपकी और कच्ची ना हो। इससे बैक्टीरियल कंटामिनेशन (Bacterial contamination) का रिस्क बढ़ सकता है। अच्छी तरह से पकी हुई कालामारी को प्रेग्नेंट महिलाएं आसानी से खा सकती हैं जो कि डीप फ्राय रूप में मौजूद होती है। इसके डीप फ्राय या मीडियम फ्राय होने से इसकी सुरक्षा पर तो असर नहीं पड़ता है, लेकिन इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू प्रभावित होती है। कालामारी में हेल्दी लीन प्रोटीन होता है, लेकिन इसको डीप फ्राय करने और हैवी सॉस में डिप करने से कैलोरीज और फैट इसमें एड हो जाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान फैटी और डीप फ्रायड फूड्स को सीमित मात्रा में खाना चाहिए। कालामरी को फ्राय करने के अलावा आप ग्रिल्ड कालामारी, फ्रोजन कालामारी, साल्ट एंड पेपर कालामरी और होल बेबी कालामारी के रूप में खा सकते हैं। इनका तरीका वही है कि इन्हें अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रिल्ड फूड्स का सेवन कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है। इसी तरह दूसरे सी फूड्स को भी अच्छी तरह से पकाकर संतुलित मात्रा में खाना चाहिए।
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कालामारी की न्यूट्रिशनल वैल्यू (Nutritional value of Calamari)
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) का सेवन का सेवन करने से पहले इसकी न्यू्ट्रिशनल वैल्यू के बारे में जान लीजिए। दरअसल कालामारी कितनी हेल्दी है यह उसको कैसा पकाया गया है उस पर निर्भर करता है। बैटर के बिना फ्रायड कोटिग कालामरी में फैट और कैलोरीज कम होती है और प्रोटीन हाय होता है। इसके अलावा यह विटामिन बी-12, सेलेनियम और जिंक, विटामिन ई, आयरन का अच्छा सोर्स है। इसमें हाय कोलेस्ट्रॉल हो सकता है। अगर आप कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम कर रहे हैं, तो आपको कालामरी का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड: इन फूड्स का भी कर सकते हैं सेवन
कालामारी सिर्फ एक सी फूड नहीं जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान खाना सेफ है। दूसरे भी सी फूड्स हैं जो लो मरक्युरी होने के कारण फायदेमंद हो सकते हैं। जिनमें निम्न शामिल हैं।
- केटफिश (Catfish)
- कोड (Cod)
- व्हाइट फिश (White fish)
- साल्मन (Salmon)
- लोबस्टर (Lobster)
प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी फूड को अपनी डायट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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प्रेग्नेंसी डायट (Pregnancy diet) में जरूर शामिल करें ये चीजें
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) के अलावा अन्य चीजों को भी अपनी डायट में शामिल करना चाहिए। चलिए उनके बारे में भी जान लेते हैं।
डेयरी प्रोडक्ट्स (Dairy products)
प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के विकास के लिए होने वाली मां को प्रोटीन और कैल्शियम अधिक मात्रा में कंज्यूम करना चाहिए। जिसमें डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कि दूध, चीज और योगर्ट मदद कर सकते हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स में दो प्रकार के कंप्लीट प्रोटीन जैसे कि केसिन और व्हे पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन और मैग्नीशियम के अच्छे सोर्स हैं।
फलियां (Legumes)
फूड के इस ग्रुप में दालें, बीन्स, मटर, चना, सोयाबीन और मूंगफली शामिल है। फलियां फायबर, प्रोटीन, आयरन, फोलेट और कैल्शियम का प्लांट बेस्ड सोर्स हैं। जिनकी प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी को अधिक जरूरत होती है। इनका उपयोग सब्जी, सलाद, सूप आदि में किया जा सकता है। इनमें आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां (Green leafy vegetables)
हरी पत्तेदार सब्जियां फायबर के साथ ही विटामन सी, के, ए और कैल्शियम, आयरन, फोलेट और पोटेशियम का अच्छा सोर्स हैं। जिसमें पालक, मेंथी, केल आदि शामिल हैं। अगर आपको ये सब्जी के रूप में पसंद नहीं है तो आप इनका उपयोग दाल, सूप, सलाद, जूस आदि के रूप में कर सकते हैं।
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उम्मीद करते हैं कि आपको गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) के सेवन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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