हाय मरक्युरी वाले फूड्स का प्रेग्नेंसी के दौरान सेवन जैसे पॉल्यूटेड सेलफिश या मरक्युरी के साथ प्रदूषित अनाजका सेवन भ्रूण के विकास पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है और सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral palsy) का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि एनसीबीआई में छपी एक नई रिसर्च के अनुसार मरक्युरी फूड का सीमित मात्रा में सेवन और भ्रूण के विकास में परिवर्तन के सॉलिड एविडेंस के बारे में पता नहीं चला है। वहीं गर्भावस्था में फिश का सेवन बच्चे के विकास में योगदान देने के साथ ही मेटरनल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। यानी कि गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) का सेवन किया जा सकता है मरक्युरी कंटेंट को ध्यान रखकर।
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड का सेवन किस प्रकार किया जा सकता है? (How to consume Calamari and Sea food during pregnancy?)
गर्भावस्था में कालामारी और सी फूड (Calamari and sea food During Pregnancy) का सेवन करते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह अथपकी और कच्ची ना हो। इससे बैक्टीरियल कंटामिनेशन (Bacterial contamination) का रिस्क बढ़ सकता है। अच्छी तरह से पकी हुई कालामारी को प्रेग्नेंट महिलाएं आसानी से खा सकती हैं जो कि डीप फ्राय रूप में मौजूद होती है। इसके डीप फ्राय या मीडियम फ्राय होने से इसकी सुरक्षा पर तो असर नहीं पड़ता है, लेकिन इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू प्रभावित होती है। कालामारी में हेल्दी लीन प्रोटीन होता है, लेकिन इसको डीप फ्राय करने और हैवी सॉस में डिप करने से कैलोरीज और फैट इसमें एड हो जाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान फैटी और डीप फ्रायड फूड्स को सीमित मात्रा में खाना चाहिए। कालामरी को फ्राय करने के अलावा आप ग्रिल्ड कालामारी, फ्रोजन कालामारी, साल्ट एंड पेपर कालामरी और होल बेबी कालामारी के रूप में खा सकते हैं। इनका तरीका वही है कि इन्हें अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रिल्ड फूड्स का सेवन कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है। इसी तरह दूसरे सी फूड्स को भी अच्छी तरह से पकाकर संतुलित मात्रा में खाना चाहिए।