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डोपामाइन एगोनिस्ट्स: कंसीव करने में कैसे करते हैं मदद? जानिए इस लेख में

डोपामाइन एगोनिस्ट्स: कंसीव करने में कैसे करते हैं मदद? जानिए इस लेख में

डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) फर्टिलिटी ड्रग्स (Fertility drugs) हैं जो तब दी जा सकती हैं जब महिलाओं में ऑव्युलेशन (Ovulation) में परेशानी हो रही हो। कैबरगोलीन (Cabergoline) और ब्रोमोक्रिप्टीन (Bromocriptine) को सामान्य तौर पर डोपामाइन एगोनिस्ट के रूप में उपयोग किया जाता है। इनका उपयोग हॉर्मोनल इम्बैलेंस (Hormonal imbalance) को ठीक करने के लिए किया जाता है। हॉर्मोन के असंतुलन के कारण हर महीने ओवरीज से एग रिलीज नहीं हो पाते। डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) ब्रेन में मौजूद डोपामाइन रिसेप्टर्स को स्टिम्यूलेट करके पिट्यूटरी ग्लैंड में प्रोलेक्टिन की रिलीज को रोकने में मदद करते हैं।

जब बॉडी में बहुत ज्यादा प्रोलेक्टिन होता है तो उसे हायपरप्रोलेक्टिनिमिया (Hyperprolactinemia) कहा जाता है। प्रोलेक्टिन की मात्रा ज्यादा होने पर यह आपके मेन्स्ट्रूअल साइकिल (Menstrual cycle), ईस्ट्रोजन (Estrogen), प्रोजेस्टेरॉन और फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (FSH) को प्रभावित करता है। इसकी वजह से ऑव्युलेशन में परेशानी होती है। जिससे प्रेग्नेंट होने में परेशानी आती है।

हायपरप्रोलैक्टिनिमया के कारण (Hyperprolactinemia Causes)

हायपरप्रोलैक्टिनिमया के कारणों में निम्न शामिल हैं।

  • पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary gland) में मौजूद नॉन कैंसररस ट्यूमर जिससे अधिक मात्रा में प्रोलेक्टिन का सीक्रेशन होता है।
  • पिट्यूटरी ग्लैंड में होने वाले नॉन सीक्रेटिंग ट्यूमर्स।
  • ये ट्यूमर्स ब्रेन में डोपामाइन के लेवल को कम करने में मदद करते हैं।
  • डोपामाइन प्रोलैक्टिन के प्रोडक्शन को कम करने में मदद करता है। अगर डोपामाइन कम है तो प्रोलैक्टिन का लेवल हाय हो सकता है।
  • पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome)
  • हायपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism)
  • हेड इंजरी के कारण

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डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) का सक्सेस रेट कितना है?

डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) का सक्सेस रेट इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस ड्रग का यूज कर रहे हैं। 70 प्रतिशत महिलाओं को केबरगोलीन (Cabergoline) देने पर वे ऑव्युलेट हुई हैं। वहीं 50 प्रतिशत महिलाओं में ब्रोमोक्रिप्टीन (Bromocriptine) का उपयोग सफल रहा है।

डोपामाइन एंगोनिस्ट्स

डोपामाइन एगोनिस्ट्स कैसे काम करते हैं? (How to work dopamine agonists?)

डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) ब्रेन में डोपामाइन का लेवल बढ़ाकर काम करते हैं। ये ड्रग्स पिट्यूटरी ग्लैंड में काम करते हैं और प्रोलेक्टिन के प्रोडक्शन को कम करने में मदद करते हैं। कैबरगोलिन और ब्रोमोक्रिप्टीन (Cabergoline and bromocriptine) डोपामाइन ड्रग्स के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि ये डोपामाइन रिसेप्टर स्टिम्युलेंट्स हैं। इनका उपयोग टैबलेट के रूप में किया जा सकता है।

कैबरगोलिन को हायपरप्रोलेक्टिनिमिया का बेहद प्रभावी ट्रीटमेंट माना जाता है। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में यह काफी फेमस है। इसका सक्सेस रेट ब्रोमोक्रिप्टीन से अच्छा है और इसके साइड इफेक्ट्स भी कम हैं। यह महिला को ऑव्युलेट होने में मदद करता है। कंसीविंग के लिए ट्राय करने के एक महीने पहले इसका उपयोग बंद करने की सिफारिश की जाती है। डॉक्टर इसको बंद करने की सलाह देगा। वहीं ब्रोमोकिप्टीन अलग तरीके से काम करती है और इसे आप प्रेग्नेंसी के दौरान भी ले सकते हैं।

डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) तब भी प्रिस्क्राइब किए जा सकते हैं जब आईवीएफ (IVF) करवाते हैं और आपको ओवेरियन हायपर स्टिम्युलेशन सिंड्रोम (ovarian hyper-stimulation syndrome) का रिस्क होता है। यह प्रेग्नेंसी की संभावना को प्रभावित नहीं करता ना ही मल्टिपल प्रेग्नेंसी के रिस्क को बढ़ाता है।

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डोपामाइन एंगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) से ट्रीटमेंट कब तक किया जाता है?

आपका डोज आपकी फर्टिलिटी प्रॉब्लम और आपकी कौन सी ड्रग प्रिस्क्राइब की गई है उस पर निर्भर करता है। डॉक्टर आपकी डोज को कम या ज्यादा कर सकते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आप कैबरगोलिन ले रहे हैं या ब्रोमोक्रिप्टीन। जैसे ही प्रोलेक्टिन का लेवल नॉर्मल रेंज में आ जाता है, ऑव्युलेशन और मेन्स्ट्रूएशन शुरू हो जाता है। जिसके बाद महिलाएं नैचुरली कंसीव करने का प्रयास कर सकती हैं। अगर उन्हें अन्य प्रकार की फर्टिलिटी प्रॉब्लम है, तो उन्हें एसिसटेड कॉन्सेप्शन ट्रीटमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है।

डोपामाइन एगोनिस्ट्स के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं? (Dopamine Agonists Side Effects)

डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जिनमें निम्न शामिल हैं।

  • जी मिचलाना
  • कब्ज
  • सिर में दर्द

कुछ असामान्य साइड इफेक्ट्स में निम्न शामिल हो सकते हैं।

  • लो ब्लड प्रेशर
  • चक्कर आना
  • मूवमेंट करने में परेशानी
  • इंप्लसिव बिहेवियर जैसे कि जुआ खेलना या बहुत अधिक खाना
  • सेक्स करने की इच्छा का बढ़ना

कई बार इन दवाओं का सेवन गंभीर साइड इफेक्ट्स का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए आपको मॉनिटरिंग की जरूरत होगी। अगर आपको कफ बनने की परेशानी है जो जा नहीं रहा है, सीने में दर्द या पेट में दर्द है तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। डोपामाइन एंगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) के सेवन से आपको चक्कर आ सकते हैं इसलिए दवा के सेवन के बाद गाड़ी ना चलाएं। कई बार दवा लेने के बाद लोग अचानक गिर जाते हैं। जरूरी नहीं है कि ऐसा सबके साथ हो, लेकिन अगर ऐसा होता है तो डॉक्टर को दिखाएं जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी।

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डोपामाइन एंगोनिस्ट्स दवाओं के उपयोग से क्या रिस्क हैं? (Risks of dopamine agonist medications)

डोपामाइन एंगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) दवाओं के उपयोग से कुछ सीरियस रिस्क हो सकते हैं। खासतौर पर ओल्डर एज में क्योंकि इनका उपयोग पार्किंसन डिजीज के इलाज में भी किया जाता है। हालांकि रिस्क मेडिकेशन, डोज हर व्यक्ति पर इसके रिएक्शन पर निर्भर करते हैं। अगर ब्लड प्रेशर या हार्ट डिजीज की हिस्ट्री है, लिवर या किडनी डिजीज है, किसी प्रकार की मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है, तो इन ड्रग्स का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से जरूर बात करें। इन दवाओं के रिस्क में निम्न शामिल हैं।

  • हार्ट अटैक
  • स्ट्रोक
  • विड्रॉल सिंड्रोम
  • रेस्टलेस लेग सिंड्रोम
  • कम्पल्सिव बिहेवियर
  • भ्रम होना
  • पॉश्चर में परेशानी आना
  • फाइब्रोसिस
  • साइकोसिस का बढ़ना
  • मसल्स में वीकनेस

वजायनल बर्थ के बारे में जानने के लिए देखिए ये 3डी माॅडल:

डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) का उपयोग करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

  • ट्रीटमेंट की शुरुआत में गंभीर साइड इफेक्ट का अनुभव हो सकता है जो कि जब आपकी बॉडी ड्रग के साथ एडजस्ट हो जाती है तो ये अपने आप चले जाते हैं।
  • दवा का सेवन खाने के साथ या खाने के तुरंत बाद करें।
  •  दवा की जितनी मात्रा रिकमंड की गई उसे उतनी ही मात्रा में लें।
  • दवा के डोज और उसे लेने के समय में किसी प्रकार का बदलाव ना करें।
  • ज्यादा फायदे के लिए दवा का ओवरडोज ना लें।
  • अगर दवा की कोई डोज मिस हो जाती है, तो एक साथ दो डोज का सेवन ना करें।
  • डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि आप ड्रग के प्रति रजेस्टेंट, तो नहीं है।

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यहां बताए किसी भी ड्रग का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। प्रेग्नेंसी के दौरान या प्रेग्नेंसी की प्लानिग करते वक्त किसी भी प्रकार की दवा डॉक्टर की सलाह के बिना ना लें।

उम्मीद करते हैं कि आपको डोपामाइन एगोनिस्ट्स (Dopamine agonists) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

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Pregnancy outcome in women exposed to dopamine agonists during pregnancy:/https://link.springer.com/article/10.1007/s00404-014-3210-z#:~:text=Bromocriptine%20was%20the%20most%20frequently%20prescribed%20dopamine%20agonist%20during%20pregnancy,%3A%20bromocriptine%2C%20cabergoline%2C%20lisuride.

Side effects of a dopamine agonist therapy for Parkinson’s disease: a mini-review of clinical pharmacology/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4797835/

Etiology of OHSS and use of dopamine agonists/https://www.fertstert.org/article/S0015-0282(11)02930-X/fulltext

Dopamine agonist can prevent ovarian hyperstimulation syndrome in IVF patients/https://www.eurekalert.org/pub_releases/2006-06/esfh-dac062106.php

Hyperprolactinemia and infertility: new insights/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3461927/

Current Version

27/07/2021

Manjari Khare द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: डॉ. हेमाक्षी जत्तानी


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/07/2021

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