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मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज : हाॅर्मोन और एजिंग के साथ मेनोपाॅज प्रॉसेज को करें धीमा!

मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज : हाॅर्मोन और एजिंग के साथ मेनोपाॅज प्रॉसेज को करें धीमा!

बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में कई तरह के शारीरिक बदलाव आते हैं। जिसकी सबसे बड़ी और मुख्य वजह है, शरीर में होने वाले कुछ हॉर्मोनल बदलाव भी। जिसे हम एजिंग भी कहते हैं। महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ एजिंग के अलावा एक स्तर मेनोपॉज भी है। मेनोपॉज (Menopause) किसी महिला के शरीर में वह स्थिति है, जब उसका मासिक धर्म बंद हो जाता है।मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज कर कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं।

मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज : मेनोपॉज (Menopause) क्या है?

महिला का मासिक धर्म या पीरियड्स का बंद हो जाना मेनोपॉज (Menopause) यानि कि रजोनिवृत्ति की स्थिति होती है। मेनोपॉज का यह प्रॉसेस महिलाओं में 40 की उम्र के आसपास शुरू होता है। जब एक साल तक मासिक धर्म नहीं आए यानि एक समय के बाद जब पीरियड बंद (Period Problem) हो जाए, तो इसे रजोनिवृत्ति कहते हैं। यह स्थिति तब आती है, जब महिलाओं के हाॅर्मोन में बदलाव के साथ ओवुलेशन बंद हो जाता है।

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क्यों होता है मेनोपॉज?

जब किसी महिला में मेनोपॉज (Menopause) की स्थिति हो जाती है, तो वो गर्भवती नहीं हो सकती हैं, क्योंकि महिलाओं में फॉलिकल्स के कारण (Follicles Causes) अंडाशय के एंग रिलीज होते हैं। जब मेनोपॉज की प्रक्रिया तब शुरू होती है, तब इसके कुछ महीने पहले से ही हर महीने फॉलिकल्स की मात्रा कम होने लगती है। मेनोपॉज से पहले मासिक धर्म में कई असामान्यता के लक्षण नजर आते हैं। आखिर में फॉलिकल्स का विकास बंद हो जाता है और मासिक धर्म आना बंद हो जाता है।

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मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज : मेनोपॉज के लक्षण (Symptoms)

मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज जानने से पहले इसके लक्षणों के बारे में भी जाने यहां। मेनोपॉज की स्थिति शुरू होने से कुछ महीने पहले ही महिलाओं के शरीर में कई तरह के लक्षण भी नजर आने लगने हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • वजायना में ड्रायनस (Vagina Dryness)
  •  नींद न आना (Insomnia)
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
  • यूरिन प्राब्लम (Urine Problem)
  •  मेटाबॉलिज्म कम होना (Slow Metabolism)
  • डिप्रेशन (Depression)
  • बालों का झड़ना ( Hair fall)
  • वजन बढ़ना (weight Gain)
  • लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure)
  • हार्ट बीट का घटना या बढ़ना (Heartbeat)
  • यौन इच्छा या कामेच्छा में कमी (Decreased sexual desire or libido)
  • हड्डी और जोड़ों में दर्द होना (Joint Pain)
  • पसीना आना आदि।

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मेनोपॉज के पहले पेरिमेनोपॉज (Pre-menopause) की स्थिति आती है और तब से ही महिलाओं को डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। यदि महिला लगभग 40 की उम्र की है, तो मासिक धर्म की अवधि कम या ज्यादा हो सकती है, खून का बहाव (Flow) हल्का या ज्यादा हो सकता है और 45-51 की उम्र आते-आते पीरियड्स बंद हो जाते हैं। कुछ महिलाओं में 40 की उम्र से पहले भी रजोनिवृत्ति देखने को मिलती है। इसे पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। हालांकि, ऐसी महिलाओं की संख्या सिर्फ 1 प्रतिशत ही है।

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मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for menopause)

आयुर्वेद में, रजोनिवृत्ति सिंड्रोम को “रजोनिवृति” के रूप में जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “अर्तव प्रवृति का अंत” यानी मासिक धर्म का रुकना। कई अन्य प्रसिद्ध आयुर्वेदिक शास्त्रों के अनुसार, रजोनिवृत्ति की शुरुआत तब होती है, जब महिलाओं में मासिक धर्म लगातार 12 महीने तक रुक जाते हैं। राजोनिवृति को आयुर्वेद में वात दोष के अदंर गिना जाता है। जब तीन दोषों – वात, पित्त और कफ में असंतुलन हो जाता है। परिणामस्वरूप मोनोपॉज के साथ और भी कई तरह  की दिक्कते आती हैं। मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज से संबंधित और बातें आगे पढ़ें…

मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज : अर्जुन (Arjuna)

महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में कमी के कारण वसा, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना एक चुनौतीभरा बन जाता है। आयुर्वेद में अर्जुन एक जड़ी-बूटी है, जो हार्ट फंक्शन की क्षमता के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह हर्ब का सेवन महिलाओं को सामान्य रक्तचाप बनाए रखने और हृदय संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। इसी साथ कई और भी कई बीमारियां कंट्रोल में रहती है।

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मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज : इलायची (Cardamom)

रजोनिवृत्ति के दौरान महिला प्रजनन क्षमता और हाॅर्मोन के स्तर में गिरावट आने लगती है। जिसका तंत्रिका तंत्र के संचालन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इलायची में कई गुण होते हैं, जो मेनोपॉज की प्रक्रिया को धीमा करती है और  मानसिक गतिविधियों,अच्छे ब्रेन फंक्शन के साथ कई बॉडी फंक्शन में मददगार है। इसका सेवन शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।

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मेनोपॉज का आयुर्वेदिक इलाज : सौंफ (Fennel)

रजोनिवृत्ति के समय में वात दोष में तीव्र वृद्धि हमेशा पित्त और कफ दोषों में असंतुलन का कारण बनती है। सौंफ में कई प्राकृतिक गुण होते हैं, जो वात दोष को कम करने में मददगार है। इसमें आंतरिक शीतलन गुण पाए जाते हैं, जो पसीने और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। इलायची को आयुर्वेद में काफी प्रभावशाली माना जाता है।

मेनोपॉज का आयुर्वेदिक उपचार: गुग्गुल (Guggul)

चूंकि रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के शरीर में काफी तरह के हाॅर्मोनल बदलाव होते हैं, इसलिए शरीर के वजन में भी परिवर्तन भी दिखने लगता है। कई बार आपने कहते हुए सुना भी होगा कि शरीर का वजन अचानक से घट और बढ़ गया। कई महिलाओं में यह स्थिति ब्लड प्रेशर,थायराइड और  शरीर के वजन को नियंत्रण में रखना महत्वपूर्ण है। शक्तिशाली गणों से भरपूर गुग्गुल जड़ी-बूटी रजोनिवृत्ति की शिकार महिलाओं के लिए अतिरिक्त वजन कम करने के लिए एक प्रभावकारी चिकित्सीय तरीका है।

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मेनोपॉज के कष्ट को ऐसे मैनेज करें

मेनोपॉज के बाद महिला को एस्ट्रोजन की कमी की वजह से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। योनि का सूखापन, ऑस्टियोपोरोसिस या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जैसी समस्याओं की आशंका मेनोपॉज के बाद बढ़ जाती है। मेनोपॉज के दौरान कष्ट न हो इसके लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। महिलाओं को मेनोपॉज के बाद शरीर में कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह पर सप्लिमेंट्स ले सकते हैं।

ध्यान दें

मेनोपॉज का आयुर्वेदिक उपचार आपने जाना यहां। लेकिन, मेनोपॉज की प्रॉसेस को धीमा करने के लिए संतुलित आहार भी लेना महत्वपूर्ण है। ज्यादा से ज्यादा शाकाहारी और फायबर युक्त खाना खाएं। अपने डायट में सैचुरेटेड फैट, ऑयल और कम शुगर खानपान के साथ कई प्रकार के रंग वाले फल, सब्जियां और साबुत अनाज को शामिल करना चाहिए। मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ सकता है, इसलिए रोजाना 30 से 40 मिनट व्यायाम करें या टहलें। डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और चीज़ भी पर्याप्त मात्रा में लें, ताकि शरीर को कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैग्निशियम, विटामिन डी और विटामिन के मिल पाए। अगर आपको मासिक धर्म से संबंधित कोई भी परेशानी हैं और आपको लग रहा है कि आपमें मेनोपॉज के दिए गए लक्षण हैं, तो आप तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

http://nhp.gov.in/menopausal-syndrome_mtl

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3665193/

https://www.ijhsr.org/IJHSR_Vol.8_Issue.5_May2018/48.pdf

https://www.omicsonline.org/open-access/ayurveda-for-menopause-2167-1206.1000e106.php?aid=5583

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/menopause/symptoms-causes/syc-20353397

https://medlineplus.gov/menopause.html

Current Version

16/11/2023

Niharika Jaiswal द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari

Updated by: Alwyn


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Sayali Chaudhari

फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/11/2023

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