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गर्भाधारण के बारे में गलत धारणाएं: क्या आप भी मानती हैं इन बातों को?

गर्भाधारण के बारे में गलत धारणाएं: क्या आप भी मानती हैं इन बातों को?

गर्भधारण करना या शिशु को जन्म देने का फैसला एक ऐसा निर्णय है जिसके लिए बहुत सोच-विचार की आवश्यकता होती है। एक बार जब आप तय कर लेते हैं कि आपके लिए गर्भधारण करने का सही समय आ गया है, तो आपको गर्भधारण करने के लिए कदम उठाने होते हैं। यानी सेक्स के लिए सही समय, पार्टनर के ऑव्युलेशन आदि के बारे में जानना आदि ये सब बहुत जरूरी होता है। कुछ कपल्स गर्भाधान की गलत धारणाएं पाल लेते हैं, जिसके कारण उनमें गर्भधारण संबंधी दिक्कतें आती हैं। हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में गर्भधारण की गलत धारणाएं बताई जा रही हैं। ताकि गर्भधारण की गलत धारणाएं आपको प्रभावित न करें और सही समय पर कंसीव हो सके।

गर्भधारण की गलत धारणाओं के बारे में क्या कहती है रिसर्च?

2014 में यूनाइटेड स्टेट्स के येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में 1000 महिलाओं का सर्वेक्षण किया। उनकी प्रतिक्रियाएं बहुत चौंकाने वाली थीं। आधे से अधिक प्रतिभागियों के मन में प्रजनन क्षमता या गर्भधारण की गलत धारणाएं थीं। ये गलतफहमियां इस प्रकार थीं:

  1. दिन में एक बार से अधिक सेक्स करने से गर्भाधान की संभावना नहीं बढ़ती।
  2. पीरियड्स में दर्द जिन महिलाओं को होता है उनको गर्भधारण करने में कठिनाई होती है।
  3. महिलाएं उन सभी एग्स के साथ गर्भधारण कर सकती हैं जो उनके पास कभी भी होंगे।
  4. ऑव्युलेशन से पहले सेक्स करने से गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाएगी।

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गर्भधारण की गलत धारणाएं जो महिलाओं में देखी जाती हैं

जीवनशैली से प्रजनन क्षमता प्रभावित नहीं होती है

सच्चाई: महिलाओं में पाई जाने वालीं गर्भधारण की गलत धारणाएं हैं कि लाइफस्टाइल से कोई फर्क नहीं पड़ता। जबकि गर्भधारण करने में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक वजन तथा जीवनशैली को माना जाता है। गर्भवती होने के लिए महिला का वजन बहुत मायने रखता है। जो महिलाएं काफी कम वजन या अधिक वजन की होती हैं, उन्हें ऑव्युलेशन में कठिनाई होती है। इसलिए जितना संभव हो सके उन्हें वजन को नियंत्रित रखना चाहिए।

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गर्भधारण की गलत धारणाएं महिला के जननांग में स्पर्म मात्र दो दिनों के लिए जीवित रहते हैं

सच्चाई: महिलाओं में ऐसी गर्भधारण की गलत धारणाएं हैं कि पुरुष पार्टनर का स्पर्म उनके जननांग में दो दिनों के लिए ही रहता है। जबकि यह लंबे समय की अवधि में 5 दिनों तक रहते हैं। वह मेंस्ट्रुअल साईकल के अनुसार एक सप्ताह में प्रजनन करने की क्षमता रखती है।

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इंटरकोर्स के दौरान वजायना में स्पर्म ठीक से नहीं पहुंच पाता

सच्चाई: इनफर्टिलिटी के कई कारण हो सकेते हैं। जिनमें सबसे प्रमुख महिला का फिजिकल स्ट्रक्चर और हार्मोनल संबंधी समस्याएं हैं। कई महिलाएं गर्भावस्था के संबंध में यह गलत धारणा रखती हैं कि इंटरकोर्स के दौरान स्पर्म वजायना में ठीक से नहीं पहुंचता जिसके कारण वह गर्भवती नहीं हो रही हैं। जबकि सच्चाई यह है कि इंटरकोर्स के बाद स्पर्म का महिला के जननांग से बाहर लीक होना नॉर्मल बात है। महिलाओं में यह डर भी होता है कि उनका शरीर स्पर्म को एक्सेप्ट नहीं कर पा रहा है। अगर आप गर्भवती होने के इस गलत धारणा को सच मान रही हैं तो यह देखें कि कितना स्पर्म योनि में ठहरा। इस ठहरे हुए स्पर्म से फर्टिलिटी की संभावना बढ़ती है।

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इर्रेगुलर पीरियड्स भी गर्भधारण में एक समस्या है

सच्चाई: अगर पीरियड्स सामान्य हो तो इसका मतलब है कि महिला का ऑव्युलेशन नॉर्मल है। कुछ महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साईकल 40 दिनों का होता है। इसके बढ़ने का मतलब होता है प्रजनन क्षमता में कमी आना। इसलिए पीरियड्स में देरी हो और लगातार बनी रहे तो डॉक्टर से मिलना चाहिए न कि गर्भधारण की गलत धारणाएं मन में बैठाना चाहिए। हालांकि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज भी गर्भवती न होने का कारण हो सकती है।

प्रेग्नेंसी के बारे में गलत बातें :  देसी घी आदि ल्युब्रिकेंट्स के सेवन से लेबर में आसानी होती है

सच्चाई: यह बात सच है कि घी और बटर को एक अच्छा ल्युब्रिकेंट माना जाता है, लेकिन ऐसी चीजें पेट को साफ करने मात्र में काम आती हैं। इसका प्रसव पीड़ा कम करने से कोई ताल्लुक नहीं है। अगर आप भी गर्भधारण की गलत धारणाएं बनाई हुई हैं कि इन ल्युब्रिकेन्ट्स से लेबर में आसानी होगी और इसका सेवन बहुतायत में करती हैं तो ब्लड प्रेशर की समस्या और मोटापा की शिकार हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान संतुलित मात्रा में घी और तेल जैसी चिकने तरल चीजों का सेवन करें।

धड़कन धीमी होने पर लड़का और तेज हो तो गर्भ में लड़की होगी

सच्चाई: लोगों में गर्भधारण की ऐसी गलत धारणाएं हैं कि महिला की धीमी धड़कन होने पर गर्भ में लड़का और तेज होने पर लड़की होगी। आज टेक्नोलॉजी के माध्यम से अल्ट्रासाउंड से भ्रूण की हार्ट बीट को जांच कई कयास लगाने लगते हैं। जबकि ऐसा कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिला है कि गर्भ में पल रहे शिशु की हार्ट बीट के जरिए बच्चे के लिंग का पता लगाया जा सके।

गर्भधारण की गलत धारणाएं यही खत्म नहीं होती। गर्भधारण में सेक्स को लेकर भी कई गलत धारणाएं प्रचलित हैं। कुछ लोग मानते हैं कि गर्भधारण करने के बाद सेक्स नहीं करना चाहिए वहीं कुछ लोग मानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान केवल ओरल सेक्स करना सही होता है। ऐसी कुछ गलत बातें गर्भावस्था के बारे में भी प्रचलित हैं:

  • गर्भावस्था में महिला को दो लोगों का खाना चाहिए
  • गर्भावस्था में हर्बल टी का जितना चाहे उतना उपयोग किया जा सकता है
  •  सही समय पर क्रीम लगाने से स्ट्रैच मार्क्स दूर हो जाते हैं।
  •  मॉर्निक सिकनेस केवल मॉर्निंग में होती है।

इन बातों को महिलाएं सच मानती हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं होता। गर्भधारण की गलत धारणाएं पालने से अच्छा है कि हम डॉक्टर से मिलकर इनका समाधान कर लें।

हम उम्मीद करते हैं कि गर्भधारण की गलत धारणाएं या प्रेग्नेंसी के बारे में गलत बातों के विषय पर आधारित यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अगर आपको या आपके किसी करीबी के मन में गर्भधारण की गलत धारणाएं हैं तो उन्हें इस बारे में जरूर समझाएं और उनकी गलत धारणाओं को दूर करें। साथ ही डॉक्टर से संपर्क करने के लिए कहें। ताकि वो साइंटिफिक तरीके से बातों को समझा सके और गर्भधारण की गलत धारणाएं दूर हो सके। यही उपाय गर्भावस्था को लेकर होने वाली गलत धारणाओं को दूर करने के लिए अपनाना चाहिए। अगर आपको किसी प्रकार की कोई शंका है तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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(Accessed on 17/November/2019) 

Current Version

28/10/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Bhawana Awasthi

Updated by: Bhawana Awasthi


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Bhawana Awasthi


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/10/2021

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