सच्चाई: अगर पीरियड्स सामान्य हो तो इसका मतलब है कि महिला का ऑव्युलेशन नॉर्मल है। कुछ महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साईकल 40 दिनों का होता है। इसके बढ़ने का मतलब होता है प्रजनन क्षमता में कमी आना। इसलिए पीरियड्स में देरी हो और लगातार बनी रहे तो डॉक्टर से मिलना चाहिए न कि गर्भधारण की गलत धारणाएं मन में बैठाना चाहिए। हालांकि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज भी गर्भवती न होने का कारण हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के बारे में गलत बातें : देसी घी आदि ल्युब्रिकेंट्स के सेवन से लेबर में आसानी होती है
सच्चाई: यह बात सच है कि घी और बटर को एक अच्छा ल्युब्रिकेंट माना जाता है, लेकिन ऐसी चीजें पेट को साफ करने मात्र में काम आती हैं। इसका प्रसव पीड़ा कम करने से कोई ताल्लुक नहीं है। अगर आप भी गर्भधारण की गलत धारणाएं बनाई हुई हैं कि इन ल्युब्रिकेन्ट्स से लेबर में आसानी होगी और इसका सेवन बहुतायत में करती हैं तो ब्लड प्रेशर की समस्या और मोटापा की शिकार हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान संतुलित मात्रा में घी और तेल जैसी चिकने तरल चीजों का सेवन करें।
धड़कन धीमी होने पर लड़का और तेज हो तो गर्भ में लड़की होगी
सच्चाई: लोगों में गर्भधारण की ऐसी गलत धारणाएं हैं कि महिला की धीमी धड़कन होने पर गर्भ में लड़का और तेज होने पर लड़की होगी। आज टेक्नोलॉजी के माध्यम से अल्ट्रासाउंड से भ्रूण की हार्ट बीट को जांच कई कयास लगाने लगते हैं। जबकि ऐसा कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिला है कि गर्भ में पल रहे शिशु की हार्ट बीट के जरिए बच्चे के लिंग का पता लगाया जा सके।
गर्भधारण की गलत धारणाएं यही खत्म नहीं होती। गर्भधारण में सेक्स को लेकर भी कई गलत धारणाएं प्रचलित हैं। कुछ लोग मानते हैं कि गर्भधारण करने के बाद सेक्स नहीं करना चाहिए वहीं कुछ लोग मानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान केवल ओरल सेक्स करना सही होता है। ऐसी कुछ गलत बातें गर्भावस्था के बारे में भी प्रचलित हैं: