नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की रिसर्च के अनुसार आजकल ज्यादातर वर्किंग कपल्स सेकेंड बच्चे की प्लानिंग बनाते हैं। रिसर्च के अनुसार 4 में 1 महिला दूसरे बच्चे की योजना बनाती हैं। सेकेंड बच्चे की प्लानिंग कर गर्भवती होना पहली प्रेग्नेंसी से ज्यादा आसान है।
मुंबई में रहने वाली 35 वर्षीय सलोनी मेहता एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हैं। उन्होंने पहली प्रेग्नेंसी के 3 साल बाद दूसरे बच्चे की प्लानिंग की और अब वे दो बच्चों की मां हैं। सलोनी हैलो स्वास्थय से बात करते हुए कहती हैं कि, ‘उन्हें दूसरी प्रेग्नेंसी और डिलिवरी में ज्यादा परेशानी नहीं हुई क्योंकि वो इस बार गर्भावस्था से अवगत थीं। साथ ही डिलिवरी की डेट से पहले उनके हॉस्पिटल बैग भी रेडी थे।’ वहीं कोलकाता में रहने वाली 27 साल की मीनाक्षी सिंह दूसरे बच्चे की प्लानिंग ये सोचकर कर चुकीं हैं कि वह पहले बच्चे की मदद करेगा। हैलो स्वास्थ्य से बात करते हुए मीनाक्षी बताती हैं कि, ‘दोनों एक दूसरे को पढ़ाई में मदद करने के साथ एक-दूसरे का ख्याल रख सकेंगे और उनकी बिटिया रानी को एक दोस्त भी मिल जाएगा। हालांकि, अगर आप सेकेंड प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखना भी जरूरी है।’
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सेकेंड बच्चे की प्लानिंग कर जब गर्भवती हो जाती हैं तो एक रिसर्च के अनुसार इसका अनुभव पहली प्रेग्नेंसी की तुलना में अलग होता है। दुबारा गर्भवती होना पहली प्रेग्नेंसी की तरह आपको भावुक और एक्साइटेड दोनों कर सकता है। वैसे इस दौरान आप पहले प्रेग्नेंसी की तुलना में ज्यादा और बेहतर अपनी प्रेग्नेंसी को समझ सकती हैं। हालांकि यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए की हर प्रेग्नेंसी अलग होती है। यह महिला की उम्र और अन्य शारीरिक हेल्थ पर निर्भर करता है।
कुछ शोध के अनुसरा सेकेंड बच्चे के दौरान गर्भवती महिला का पेट जल्दी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पहली प्रेग्नेंसी के दौरान ही महिला के पेट की मसल्स में बदलाव आता है और वे बढ़ चुकी होती है। दूसरी प्रेग्नेंसी में चौथे से पांचवें महीने में ही पेट का आकार बढ़ जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान बेबी का किक भी आपको जल्द ही महसूस हो जाता है। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पहली प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिलाएं गर्भ में पल रहे बच्चे के मूवमेंट को ठीक तरह से नहीं समझ पाती हैं।
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सेकेंड बच्चे की प्लानिंग बनाने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
मां बनने वाली महिला की सेहत
रिसर्च के अनुसार सेकेंड बच्चे की प्लानिंग में कम से कम पहली डिलिवरी (नॉर्मल डिलिवरी) के बाद 18 महीने का गैप होना चाहिए। क्योंकि वजायनल डिलिवरी के बाद भी महिला को स्वस्थ होने में वक्त लगता है। अगर नेक्सट प्रेग्नेंसी प्लान कर रहीं हैं तो आहार का विशेष ख्याल रखें और हेल्दी फूड का ज्यादा सेवन करें। अगर उम्र ज्यादा है या फर्टिलिटी से जुड़ी कोई समस्या हो रही है तो दूसरी प्रेग्नेंसी जल्दी प्लान कर लेना चाहिए।
सेकेंड बच्चे की प्लानिंग के क्या हैं फायदे?
- घर में एक बच्चा पहले से होने के कारण आप एक्टिव रहेंगी। वैसे इस बारे में जब कुछ दो बच्चों की मां से हमने जानने की कोशिश की तो उनका कहना था की सेकेंड बच्चे की प्लानिंग तो नहीं की लेकिन, जब दूसरे बच्चे को डिलिवरी के बाद संभालने की बारी आई तो पहले बच्चे को पलना जितना कठिन था उसकी तुलना में सेकेंड बच्चे की देख-रेख काफी आसान लगने लगा।
- दूसरी गर्भावस्था के दौरान होने वाली परेशानियों से अवगत रहेंगी।
- पहली डिलिवरी की तुलना में दूसरी डिलिवरी में कम वक्त लगता है क्योंकि सर्विक्स पहले की तुलना में ज्यादा फ्लेक्सिबल रहता है।
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सेकेंड बच्चे की प्लानिंग में आने वाली चुनौतियां
- दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान आप पहली प्रेग्नेंसी में जितना आराम कर चुकीं हैं उतना नहीं कर पाएंगी।
- इस दौरान आपको थोड़ा ज्यादा काम करना पड़ेगा क्योंकि आपके घर में एक बच्चा है। उसका पूरा ख्याल आपको रखना होगा। साथ ही अपनी देखभाल भी करनी पड़ेगी।
- अगर पहली सिजेरियन डिलिवरी हो चुकी है तो नॉर्मल डिलिवरी के लिए 18 महीने से 2 साल का गैप देना पड़ सकता है।
- सेकेंड बच्चे की प्लानिंग अगर जल्द कर रहीं हैं तो हो सकता है कि आपको अपने दोनों बच्चों को स्तनपान करवाना पड़े।
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फाइनेंशियल कंडिशन
- सेकेंड बच्चे की प्लानिंग बनाने से पहले अपनी आर्थिक स्थति पर विचार कर लें।
- अगर आप वर्किंग हैं, तो क्या मैटरनिटी लीव की इजाजत मिल पाएगी या फिर आप ऑफिस को कैसे मैनेज करेंगी? इस बारे में विचार-विमर्श कर लें।
- क्या सिर्फ एक सदस्य (पति) के काम करने से घर और दोनों बच्चों का पालन-पोषण हो सकता है? इस पर भी विचार कर लें।
ऐसा नहीं है कि दूसरी प्रेग्नेंसी की योजना सिर्फ गिने- चुने लोग ही बनाते हैं। हाल ही में भारतीय एक्ट्रेस समीरा रेड्डी ने सेकेंड प्रेग्नेंसी के फोटोज सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे। सेकेंड बच्चे की प्लानिंग जरूर करें सिर्फ अपनी शारीरिक और आर्थिक स्थिति को ठीक तरह से समझ लें और आपस में डिस्कस कर लें।
सेकेंड प्रेग्नेंसी के बारे में जान लें ये बाते भी:
- सेकेंड प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिलाएं ज्यादा थकावट महसूस करती हैं। अब आप यह जरूर सोच रही होंगी कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल पहली प्रेग्नेंसी के दौरान आपके पास कोई खास जिम्मेदारी नहीं होती है सिवाए अपने हेल्थ के बारे में सोचना छोड़कर। सेकेंड प्रेग्नेंसी के दौरान आपको अपने छोटे बच्चे का ख्याल रखने की भी जिम्मेदारी होती है। अपना ठीक से ख्याल न रख पाने के कारण महिलाएं जल्दी थकावट महसूस करने लगती हैं।
- दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान आपको ब्रास्टन हिक्स फील हो सकते हैं। ब्रास्टन हिक्स के दौरान महिलाओं को फॉल्स लेबर या दर्द जैसा महसूस हो सकता है। आपको लगेगा कि लेबर पेन शुरू होने वाला है, लेकिन ऐसा नहीं होता है।
- आपको हिप्स में और बेबी बंप में खिंचाव महसूस हो सकता है। इसलिए सेकेंड बच्चे की प्लानिंग के दौरान सबसे पहले अपने पहले बच्चे के होने के बाद कुछ समय का इंतजार करें और फिर जब पूरी तरह अपने आपको फिट महसूस करने लगेंगी तब सेकेंड बच्चे की प्लानिंग शुरू करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और सेकेंड बच्चे की प्लानिंग से संबंधित जरूरी जानकारियां आपको मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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