बदलते दौर में लोगों ने बदली हुई लाइफस्टाइल के साथ-साथ कुछ ऐसी आदतें भी अपना लीं हैं जिनका बुरा असर सेहत पर पड़ता है। ऐसी ही आदतों में शामिल है महिलाओं का स्मोकिंग (ध्रूमपान) करना। वैसे तो स्मोकिंग आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाती है लेकिन, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग की जाए तो ये गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे भ्रूण (बच्चे) के लिए भी खतरनाक हो सकती है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) के अनुसार गर्भवती महिला के स्मोकिंग करने की वजह से शिशु को ब्रेन से जुड़ी बीमारियों के साथ-साथ दूसरी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
और पढ़ें: क्या प्रेग्नेंसी के दौरान एमनियोसेंटेसिस टेस्ट करवाना सेफ है?
[mc4wp_form id=’183492″]
प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग (smoking during pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग मां और बच्चे दोनों को खतरे में डालती है। सिगरेट में निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टार सहित कई खतरनाक रसायन होते हैं। धूम्रपान से गर्भावस्था की जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें से कुछ मां या बच्चे के लिए घातक हो सकते हैं। आइए जानते हैं गर्भवती होने पर धूम्रपान के जोखिमों के बारे में…
मिसकैरिज और स्टिलबर्थ (Miscarriage and Stillbirth)
गर्भपात आमतौर पर गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में होता है। यू.एस. सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग मिसकैरेज और स्टिलबर्थ दोनों की संभावना को बढ़ाता है। स्टिलबर्थ उस स्थिति को कहा जाता है जब बच्चे की डिलिवरी के दौरान या फिर गर्भावस्था की आखिरी स्टेज में डेथ हो जाती है। सिगरेट में खतरनाक रसायनों को इसका कारण माना जाता है।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy)
प्लॉस वन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, निकोटीन फैलोपियन ट्यूब में संकुचन पैदा कर सकता है, जो भ्रूण को गुजरने से रोक सकता है। ये एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का कारण हो सकता है। ऐसा तब होता है जब फर्टिलाइज एग गर्भाशय के बाहर फैलोपियन ट्यूब या पेट में फैलता है। इस स्थिति में मां की जान को बचाने के लिए भ्रूण को हटाया जाता है।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान खराब पॉश्चर हो सकता है मां और शिशु के लिए हानिकारक
प्लासेंटल एब्रप्शन (placental abruption)
गर्भावस्था के दौरान प्लासेंटा के जरिए भ्रूण को पोषक तत्वों और ऑक्सीजन प्रदान होता है। प्लेसेंटा से जुड़ी कई जटिलताओं के लिए धूम्रपान एक प्रमुख जोखिम कारक है। प्लासेंटल एब्रप्शन एक ऐसी स्थिति है जिसमें नाल (प्लासेंटा) बच्चे के जन्म से पहले गर्भाशय से अलग हो जाता है। इससे गंभीर रक्तस्राव हो सकता है और मां और बच्चे दोनों के जीवन को खतरा हो सकता है। इसे फिर से जोड़ने के लिए कोई सर्जरी या उपचार नहीं है।
प्लेसेंटा प्रीविया (Placenta Previa)
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग करने की वजह से प्लेसेंटा प्रेविया की स्थिति पैदा ही सकती है। इस स्थिति में नाल (प्लासेंटा) गर्भाशय के निचले हिस्से में विकसित होता है। यह शिशु के जन्म से पहले कभी भी अलग हो सकता है। ऐसे में अत्यधिक ब्लीडिंग और मिसकैरिज की स्थिति की संभावना अधिक हो जाती है। शिशु का जन्म समय से पहले करना पड़ता है। इस स्थिति में ज्यादातर शिशु का जन्म सी-सेक्शन द्वारा होता है।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान फिल्में देखने से हो सकते हैं कई फायदे, इन 5 मूवीज को न करें मिस
प्रीटर्म बर्थ (Preterm birth)
सीडीसी के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करने से प्रीटर्म बर्थ की स्थिति हो सकती है। प्रीटर्म बर्थ से मतलब है जब बच्चा जल्दी पैदा होता है। प्रीटर्म बर्थ से जुड़े कई स्वास्थ्य जोखिम हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
- दिखने या सुनने में दिक्कत होना (visual and hearing impairments)
- मेंटल डिसऑर्डर (mental disability)
- पढ़ने और व्यवहार संबंधी समस्याएं (learning and behavioral problems)
- कॉम्प्लीकेशन्स जिसमें मौत भी हो सकती है (complications that could result in death)
लो बर्थ वेट (Low birth weight)
प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग के कारण जन्म के वक्त बच्चे का वजन कम हो सकता है। सिर्फ यही नहीं इसके साथ बच्चे में अन्य स्वास्थ्य समस्याओं और अक्षमता हो सकती है। जन्म के वक्त बच्चे का कम वजन एक गंभीर स्थिति है जिसके परिणामस्वरूप निम्न परेशानी हो सकती है:
- विकास में देरी (developmental delay)
- मस्तिष्क पक्षाघात (cerebral palsy)
- सुनाई न देना या दिखाई न देना (hearing or vision ailments)
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान कीड़े हो सकते हैं पेट में, जानें इससे बचाव के तरीके
पेसिव स्मोकिंग (Passive smoking) भी होती है खतरनाक
अमेरिकन सोसायटी फॉर रिपोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान, मां या पिता में से कोई भी स्मोकिंग करता है तो इसका बच्चे पर बुरा असर होता है। यहां तक कि पेसिव स्मोकिंग भी फीटस के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसके अलावा शिशु को अस्थमा और फेफड़े से संबंधित बीमारी गर्भ में ही हो सकती हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करने से भ्रूण (बच्चे) पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव
- प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग (smoking during pregnancy) की वजह से अम्बिलिकल कॉर्ड (गर्भनाल) का निर्माण ठीक से नहीं हो पाता है । जिसकी वजह से शिशु तक ऑक्सीजन न पहुंचने का खतरा हो सकता है। इस कॉर्ड की ही मदद से शिशु तक पोषक तत्व भी पहुंचते हैं।
- प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग की वजह से शरीर में निकोटिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है जिसकी वजह से गर्भ में पल रहे शिशु को लंग्स संबंधी परेशानी हो सकती है।
- स्मोकिंग की वजह से शिशु का विकास अच्छी तरह से नहीं हो पता। ऐसे बच्चे मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से कमजोर होते हैं।
- कई बार ये भी देखा गया है की स्मोकिंग की वजह से बच्चे की सुनने की शक्ति पर भी असर पड़ता है।
- गर्भावस्था में स्मोकिंग की वजह से बच्चे के याददाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- स्मोकिंग करने वाली गर्भवती महिला के बच्चे को जन्म के बाद दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
- स्मोकिंग आपके साथ-साथ आपके बच्चों को भी कैंसर से पीड़ित करने में बहुत हद तक जिम्मेदार साबित होगी।
- कई बार देखा गया है कि बच्चे का चेहरा भी सामान्य नहीं होता है ऐसा भी स्मोकिंग की वजह से होता है।
और पढ़ें: क्या प्रेग्नेंसी के दौरान STD के टेस्ट और इलाज कराना सही है?
एक्सपर्ट्स भी यही कहते हैं कि गर्भावस्था के दौरान स्मोकिंग की वजह से बच्चे के वजन पर असर हो सकता है। बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है और कभी-कभी स्मोकिंग की वजह से गर्भपात का खतरा भी बढ़ सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग की वजह से आप अपने बच्चे को गर्भ से ही बीमार बना रहे हैं। बेहतर होगा प्रेग्नेंट होने की जानकारी मिलते ही सिगरेट और तंबाकू जैसी चीजों का सेवन बंद कर दें। अगर आपको स्मोकिंग की आदत पड़ चुकी है तो डॉक्टर से सलाह लेकर इसे तुरंत छोड़ना आप दोनों के लिए लाभदायक होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग के साइड इफेक्ट्स के बारे में जानकारी दी गई है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई प्रश्न है तो आप कमेंट कर पूछ सकते हैं।
[embed-health-tool-due-date]