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IUI प्रेग्नेंसी क्या हैं? जानिए इसके लक्षण

IUI प्रेग्नेंसी क्या हैं? जानिए इसके लक्षण

कई महिलाएं लाख कोशिशों के बाद भी मां नहीं बन पाती हैं। ऐसे में उन्हें कृत्रिम तरीके का सहारा लेना पड़ता है। इसमें आईवीएफ (IVF) और आईसीएसआई (ICSI) जैसी कई एडवांस्ड टेक्निक्स उपलब्ध हैं। ऐसी ही एक अन्य प्रक्रिया है, जिसे आईयूआई (IUI) यानी इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन कहते हैं। वैज्ञानिक तौर पर इस बात की पुष्टि की गई है कि आईयूआई अन्य उपचारों के मुकाबले काफी हद तक प्राकृतिक और सुरक्षित है। इसके रिजल्ट भी अच्छे आते हैं। अगर आपकी उम्र 35 वर्ष से कम है, तो IUI प्रेग्नेंसी की सफलता दर लगभग 30 प्रतिशत तक रह सकती है। “हैलो स्वास्थ्य” के इस आर्टिकल में जानते हैं कि IUI प्रेग्नेंसी क्या है।

IUI प्रेग्नेंसी : इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (Intrauterine insemination) क्या है?

इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) गर्भधारण की एक कृत्रिम तकनीक है। इसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के नाम से भी जाना जाता है। आईयूआई (IUI) में पुरुष के स्पर्म को महिला के यूट्रस में डाला जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन होता है। आईयूआई करने का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब में पहुंचाना होता है, जिससे फर्टिलाइजेशन की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, आईयूआई का प्रयोग उन कपल्स में किया जाता है, जिन्हें अनएक्सप्लेनड इनफर्टिलिटी की समस्या होती है।

आईयूआई करने से पहले अक्सर ऑव्युलेशन को बढ़ाने वाली दवाइयां दी जाती हैं। इस तकनीक में पार्टनर या किसी डोनर के स्पर्म का इस्तेमाल किया जाता है। आईयूआई (IUI) करने से पहले महिला की संपूर्ण चिकित्सा जांच होती है, जिससे उसकी बॉडी में हाॅर्मोंस के असंतुलन, संक्रमण या अन्य किसी समस्या का पता चल सके। ऑव्युलेशन के समय इनसेमिनेशन किया जाता है। यह समान्यतः ल्युटिनाइसिंग हाॅर्मोन के रिलीज होने के 24-36 घंटों बाद या एचसीजी के ट्रिगर इंजेक्शन देने के बाद किया जाता है। ऑव्युलेशन हुआ है या नहीं इसका पता यूरिन टेस्ट किट से लगाया जाता है या सोनोग्राफी से। इसके अतिरिक्त ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है।  सामान्य प्रेग्नेंसी के लक्षणों की तरह IUI के लक्षण भी होते हैं।

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सफल IUI प्रेग्नेंसी के लक्षण क्या हैं?

1. इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग

IUI प्रेग्नेंसी के लक्षण में ब्लीडिंग होना शामिल है, जानिए इसके बारे में,

  • यूट्रस में भ्रूण (Embryo) के इम्प्लांट होने के बाद ब्लीडिंग शुरू हो जाती है।
  • इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग में पीरियड्स (मासिक धर्म) आने के पहले स्पॉटिंग की तरह ब्लीडिंग होती है।
  • इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग जरूरी नहीं की हर किसी को हो।
  • IUI के द्वारा फर्टिलाइजेशन होने के बाद जाइगोट इम्प्लांट होने के तकरीबन 2 हफ्ते के बाद ब्लीडिंग हो सकती है।
  • गर्भधारण के 6 से 12 दिनों के बाद आपको सामान्य रक्तस्राव का अनुभव हो सकता है। IUI प्रेग्नेंसी के लक्षण में ये भी मुख्य लक्षण के रूप में जाना जाता है।
  • क्रैंप भी महसूस किया जा सकते हैं।

2. मासिक धर्म में देरी

  • सामान्य गर्भावस्था की तरह पीरियड्स में देरी हो सकती है क्योंकि तनाव और कई हॉर्मोनल परिवर्तन इस दौरान शरीर में होते हैं। 
  • शुरुआती महीने में अगर पीरियड्स ठीक तरह से नहीं आता है, तो ये प्रेग्नेंसी के लक्षण हो सकते हैं।

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3.  IUI प्रेग्नेंसी के लक्षण : ब्रेस्ट का सॉफ्ट होना

  • सामान्य से ज्यादा ब्रेस्ट का सॉफ्ट होना।
  • इस दौरान स्तन सेंसिटिव भी हो जाते हैं।

4. कमजोरी और थकान

गर्भ में भ्रूण का इम्प्लांटेशन आर्टिफिशियल तरह से किया गया है। इसलिए शरीर में कई बदलाव जैसे कमजोरी या थकान महसूस की जा सकती है। हालांकि कभी-कभी किसी भी तरह के बदलाव नहीं भी हो सकते हैं।

5. IUI प्रेग्नेंसी के लक्षण :   जी मिचलाना

सफल IUI प्रेग्नेंसी के लक्षण सामान्य प्रेग्नेंसी लक्षणों की तरह हो सकते हैं। इन लक्षणों में मॉर्निंग सिकनेस और जी मिचलाना भी शामिल हो सकता है।

6. फूड क्रेविंग्स 

सामान्य गर्भावस्था की तरह ही IUI प्रेग्नेंसी के लक्षण में कुछ विशेष प्रकार के खाने के लिए क्रेविंग हो सकती है। 

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IUI प्रेग्नेंसी या आईयूआई गर्भावस्था के जोखिम क्या है?

हालांकि, आईयूआई प्रक्रिया में कोई बड़ा जोखिम नहीं होता है। लेकिन, महिलाओं को कुछ विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। ध्यान रहे कि ऐसा हर केस में होगा, यह जरूरी नहीं है।

  • कैथेटर यानी प्लास्टिक की ट्यूब को योनी मार्ग के जरिए गर्भाशय तक ले जाने में दिक्कत होने पर आपके लिए थोड़ी परेशानी हो सकती है। आपको पीरियड की तरह पेट में तेज दर्द हो सकता है।
  • कुछ मामलों में ओव्यूलेशन को उत्तेजित करने के लिए दवा दी जाती है, जिसका नेगेटिव असर हो सकता हैं। इस दवा की वजह से
  • एक से अधिक अंडे विकसित हो सकते हैं, जिस कारण ओवेरियन हाइपर स्टिमुलेशन सिंड्रोम (OHSS) हो सकता है।
  • हालांकि, इस प्रक्रिया के बाद संक्रमण की आशंका रहती है, लेकिन डॉक्टर स्टेराइल उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, जिस कारण यह आशंका न के बराबर होती है।

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IUI प्रेग्नेंसी की सफलता दर कितनी है?

आईयूआई प्रक्रिया की सफलता महिला की आयु पर निर्भर करती है। इसे हम नीचे दिए गए आंकड़ों के जरिए समझते हैं-

  • 24 वर्ष से कम आयु : 37.5 प्रतिशत
  • 25 से 29 वर्ष : 28.02 प्रतिशत
  • 30 से 34 वर्ष : 26.20 प्रतिशत
  • 35 से 39 वर्ष : 22.19 प्रतिशत
  • 40 से 41 वर्ष : 21.28 प्रतिशत
  • 42 से 43 वर्ष : 14.81 प्रतिशत
  • 43 वर्ष से अधिक : 8.33 प्रतिशत

प्रेग्नेंसी से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

आईयूआई के बाद मैं कितनी जल्दी प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हूं?

आईयूआई प्रक्रिया के बाद आपको कम से कम दो हफ्ते का इंतजार करना होगा। इस दौरान भ्रूण विकसित होकर गर्भाशय की दीवार के साथ जुड़ जाएगा। साथ ही हार्मोंस के स्तर में बढ़ोतरी होगी।

क्या IUI प्रेग्नेंसी में गर्भपात की आशंका रहती है?

अगर आपको प्रजनन संबंधी कोई समस्या है, तो डॉक्टर इसके लिए दवा देते हैं, ताकि ओव्यूलेशन की प्रक्रिया तेज हो जाए। इससे कई बार गर्भ में एक से अधिक भ्रूण ठहरने का खतरा रहता है, जो गर्भपात (miscarriage) का कारण बन सकता है।

क्या आईयूआई गर्भावस्था जुड़वां बच्चों की संभावना को बढ़ा सकता है?

हां, महिला को प्रजनन की समस्या होने पर प्रजनन संबंधी दवाइयां दी जाती हैं, ताकि ओव्यूलेशन प्रक्रिया तेज हो जाए और अंडे विकसित हो जाएं। कई बार इससे एक से ज्यादा भ्रूण विकसित हो सकते हैं। ऐसी संभावना रहती है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि आईयूआई से जुड़वा बच्चे ही पैदा हो। आप इस विषय में डॉक्टर से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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IUI प्रेग्नेंसी या आईयूआई गर्भावस्था में शुक्राणु अंडे तक पहुंचने में कितना समय लेते हैं?

गर्भधारण करने की प्रक्रिया ओव्यूलेशन के साथ शुरू होती है। ओव्यूलेशन होने के बाद अंडा 12 से 24 घंटे तक निषेचन के लिए सक्रिया रहता है। निषेचन के लिए अंडे और शुक्राणुओं को इसी अवधि में मिलना जरूरी है। इसके बाद निषेचित अंडा गर्भाशय के साथ जाकर जुड़ जाता है।

इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) के द्वारा गर्भ में इम्प्लांटेशन होने के बाद गर्भवती होने पर IUI के लक्षण समझना आसान होता है। IUI के बाद कोई परेशानी महसूस होने पर जल्द से जल्द IUI एक्सपर्ट से मिलें।

ध्यान दें

IUI प्रेग्नेंसी आईवीएफ के मुकाबले न सिर्फ ज्यादा प्राकृतिक और सुरक्षित है, बल्कि आईयूआई का खर्चा भी कम आता है। लेकिन, इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना न भूलें। आईयूआई गर्भावस्था की प्रोसेस के बारे में आप डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं। साथ ही अन्य तकनीकों के बारे में भी जान सकते हैं जिनके प्रेग्नेंसी संभव हो सके। उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा अगर आप इस विषय के संबंध में और कुछ जानना चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।

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Current Version

12/01/2024

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar

Updated by: Alwyn


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr. Shruthi Shridhar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 12/01/2024

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