अगर आप सिजेरियन के बाद नींद या कोई भी इससे जुड़ी किसी तरह की परेशानी महसूस करते हैं या किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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सिजेरियन के बाद नींद आने में परेशानी हो सकती है लेकिन, इन दिनों भारत में साल 2005-06 में सिजेरियन डिलिवरी का आंकड़ा मात्र 8.5 प्रतिशत था। वहीं साल 2015-16 में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 17.5 प्रतिशत पर पहुंच चुका था। आंकड़ों से यह साफ संकेत मिल रहें है कि भारत में भी सिजेरियन डिलिवरी से शिशु का जन्म ज्यादा होता है। देश के ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 12.9 प्रतिशत से कम था। वहीं सिजेरियन डिलिवरी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एचओ ) ने 10 और 15% का लक्ष्य स्थापित किया है।
भारत के आंकड़े इस सीमा को पार करते हुए नजर आते हैं। यह आंकड़ा नीदरलैंड और फिनलैंड जैसे धनी देशों से भी कहीं ज्यादा है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत के बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सिजेरियन सर्जरी का चलन 10 प्रतिशत से भी कम है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है वहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव। देश के सबसे गरीब तबके में यह आंकड़ा 4.4 प्रतिशत से भी कम है।
वहीं, दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना के आर्थिक रूप से समृद्ध तबके में हर तीसरी डिलिवरी सिजेरियन सर्जरी के जरिए होती है। इनमें यह आंकड़ा 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
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वैसे देखा जाए तो इन दिनों सी-सेक्शन से डिलिवरी सामान्य माना जाता है। कई कपल्स सिजेरियन डिलिवरी प्लान करते हैं, लेकिन यह ध्यान रखें सिजेरियन डिलिवरी नॉर्मल नहीं बल्कि मेजर सर्जरी के अंतर्गत है। जिसे ठीक होने में कम से कम दो महीने का समय लग जाता है। इसके साथ ही ज्यादातर लोगों को ऐसा भी लगता है कि सिजेरियन डिलिवरी के बाद नॉर्मल डिलिवरी नहीं हो सकती है लेकिन, ऐसा नहीं है। नेशल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार सिजेरियन डिलिवरी के बाद 50 प्रतिशत संभावना नॉर्मल डिलिवरी की भी होती है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।