गर्भावस्था के बाद एक मां शिशु की देखभाल में व्यस्त हो जाती है। ऊपर से प्रसव के समय होने वाली समस्याएं परेशानी को और भी बढ़ देती हैं। ऐसे में उसका सेक्स के बारे में न सोचना स्वभाविक है। ऐसा भी माना जाता है कि गर्भावस्था के बाद महिला की रूचि भी सेक्स के प्रति कम हो जाती है। यही नहीं, उसके दिमाग में यह भी होता है कि कहीं गर्भावस्था के बाद सेक्स से वो फिर से गर्भवती न हो जाएं। अगर आपके दिमाग में भी कुछ ऐसे ही सवाल हैं तो आज हम आपके लिए इन सब के जवाब ले कर आएं हैं। जानिए गर्भावस्था के बाद सेक्स कब करना चाहिए? प्रसव के बाद सेक्स के बारे में पाएं पूरी जानकारी।
शिशु के जन्म के बाद, कब सेक्स किया जा सकता है?
हालांकि, प्रेग्नेंसी के बाद सेक्स कब करना चाहिए, इस बारे में कोई समय अवधि या नियम नहीं है। किंतु, आमतौर पर डॉक्टर प्रसव के 6 हफ्ते बाद सेक्स की सलाह देते हैं। यह अवधि भी इस बात पर निर्भर करती है कि आपका प्रसव किस तरह से हुआ है। प्रसव के पहले दो हफ्तों के दौरान जटिलताओं की संभावना अधिक होती है। लेकिन, धीरे-धीरे सब सामान्य हो जाता है। इसके साथ ही गर्भावस्था के बाद होने वाले तनाव, वजाइनल डिस्चार्ज और व्यस्तता आदि के कारण नई मां थकावट, योनि में रूखापन, दर्द या यौन इच्छा में कमी को महसूस कर सकती है।
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अगर गर्भावस्था के बाद आपको सेक्स में रूचि न हो तो क्या?
अगर गर्भावस्था के बाद सेक्स में आपको रूचि नहीं है, तो ऐसा होना भी सामान्य है। आप एक शिशु के साथ अपने जीवन की शुरुआत कर रही हैं। इसके साथ ही आपको अपने वजन या शरीर को लेकर हीन भावना भी पैदा हो सकती है। यही नहीं, सेक्स को लेकर भी आपके मन में डर होगा। इस स्थिति में अपने मन में चल रही इन बातों को अपने पार्टनर से शेयर करें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा। जब तक आप संभोग के लिए तैयार नहीं हो जाती, कुछ अन्य तरीकों से आप दोनों अपने जीवन को रोमांचक बना सकते हैं। जिनमें बिना शिशु के साथ में कुछ समय बिताना भी शामिल है।
अगर कुछ उपायों के बाद भी आपको कोई फर्क न पड़े, तो यह पोस्टपॉर्टम डिप्रेशन की तरफ इशारा हो सकता है। अगर आपके मूड स्विंग हो रहे हों, भूख न लग रही हो, अधिक थकावट हो, किसी भी चीज में मजा न आ रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह दें ताकि आप जल्दी ठीक हो सके। केवल शिशु ही नहीं बल्कि आपको भी उतनी ही देखभाल की जरूरत है। ऐसे में अपना भी ख्याल रखें।
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प्रसव बाद आप कितनी जल्दी गर्भवती हो सकती हैं?
प्रसव के बाद आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। ऐसा आपकी पहली प्रसवोत्तर अवधि (postpartum period ) के दौरान भी संभव है। यानी, ऐसा शिशु को जन्म देने के चार हफ्ते बाद या शिशु के जन्म के 24 हफ्ते बाद तक हो सकता है। हालांकि यह बात इस चीज पर निर्भर करती है कि आप स्तनपान करा रही हैं या नहीं। अगर आप स्तनपान करा रही हैं तो यह प्रसव के बाद के पहले 4 से लेकर 6 महीनों तक बर्थ कंट्रोल करने का काम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि उन महिलाओं में स्तनपान बर्थ कंट्रोल के रूप में अधिक प्रभावी होता है जिनकी माहवारी शुरू नहीं हुई होती है।
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क्या गर्भावस्था के बाद सेक्स से दर्द होता है?
- गर्भावस्था के बाद सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है। गर्भावस्था के बाद हॉर्मोन में बदलाव आता है जिसके कारण योनि रूखी और संवेदनशील हो जाती है। खासतौर पर अगर आप शिशु को स्तनपान करती हैं। यदि आपको एपिसीओटॉमी या पेरिनियल टियर की समस्या है और अभी आपका उपचार चल रहा है। तो भी आपको सेक्स के दौरान कुछ दर्द का अनुभव हो सकता है। प्रसव के बाद वजाइना में कई बदलाव आते हैं और कुछ समय चाहिए होता है ताकि उसमें सुधार हो सके। ऐसे में सेक्स करना समस्याओं को बढ़ा सकता है। आमतौर पर प्रसव के लिए योनि के आकार को बढ़ाने के लिए एक कट लगाया जाता है, जिससे आने वाले कुछ समय तक सेक्स करना दर्द भरा हो सकता है।
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प्रसव के बाद यौन इच्छा में कमी के कारण क्या हैं?
महिलायें शिशु को जन्म लेने के एक साल के बाद तक यौन इच्छा में कमी महसूस कर सकती हैं। खासतौर, पर पहले चार से छह हफ्तों में प्रसव के बाद सामान्य सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए कोई सामान्य या सही समय नहीं है। यह इस बात पर निर्भर करती है कि आप और आपका पार्टनर सेक्स के बारे में कैसा महसूस करते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती 4-6 हफ्तों तक अधिकतर महिलाएं थकी हुई, इमोशनल और दर्द में होती हैं। इस दौरान उनके शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन्स का स्तर कम हो जाता है। जिससे योनि कम मात्रा में लुब्रीकेंट बनते हैं। इस कारण महिलाएं यौन इच्छाओं में कमी और सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव करती है ।
कई बार हार्मोन लेवल के बदलाव के सामान्य होने पर भी अधिकतर महिलाएं कम कामेच्छा का अनुभव करती हैं। ऐसा भावनात्मक कारणों कि वजह से होता है इस दौरान महिला थकी हुई होती है, उसे मां के रूप में एडजस्ट करने में समय लगता है और वो रिश्ते में असंतुष्टि महसूस करती है। इन सब कारणों से उसकी कामेच्छा कम हो जाती है।
ऐसा कहा जाता है कि पार्टनर के शिशु को जन्म देने के बाद पुरुषों की यौन इच्छा पर भी प्रभाव पड़ता है। कुछ पुरुषों में यौन इच्छा बढ़ जाती है। शायद इसका कारण शिशु का जन्म से होने वाली खुशी है या पार्टनर के शारीरिक परिवर्तनों के कारण उसके प्रति आकर्षित होना आदि है।
हालांकि कुछ पुरुष इसमें रूचि खो देते हैं। उनमें ऐसा परिवर्तन शायद सेक्स के दौरान पार्टनर को होने वाली दर्द या असुविधा है। लेकिन प्रसव या गर्भावस्था के बाद सेक्स में इच्छा न होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे तनाव या हार्मोन्स में बदलाव आदि।
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गर्भावस्था के बाद सेक्स से होने वाली असुविधा दूर करने के कुछ टिप्स
इस दौरान सेक्स के कारण होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए आप कुछ तरीके अपना सकते हैं जैसे:
दर्द से राहत: आप गर्भावस्था के बाद सेक्स से होने वाली दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ आसान उपाय अपना सकती हैं जैसे गर्म पानी से स्नान या दवाईयों का सेवन। अगर आपको सेक्स के बाद योनि में जलन का अनुभव होता है तो उस स्थान पर छोटे तौलिये में बर्फ लपेट कर लगाने से आपको राहत महसूस होगी।
लुब्रीकेंट का प्रयोग: गर्भावस्था के बाद अगर आप योनि में सूखेपन की समस्या से पीड़ित हैं, तो आप लुब्रीकेंट का प्रयोग करें।
सेक्स के अन्य तरीके अपनाएं: अगर आपको वजाइनल सेक्स के दौरान समस्या हो रही है तो आप अन्य विकल्पों को चुन सकते हैं जैसे ओरल सेक्स, मसाज आदि। अपने साथी को यह बताना न भूलें कि आपको सेक्स के दौरान क्या पसंद है और क्या नहीं। इसके साथ ही इसके लिए तब समय निकालें जब आप पूरी तरह से रिलैक्स हों। अगर इसके बाद भी सेक्स के दौरान दर्द हो, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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