प्रेग्नेंसी में पीनट बटर खाने की लालसा लगभग हर किसी को होती है। यह एक ऐसा समय होता है जब महिलाओं को कई विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का सेवन करने का मन होता है। हालांकि, प्रेग्नेंसी में पीनट बटर को बड़े-बूढ़े व स्वास्थ्य विशेषज्ञ खाने से मना करते हैं। कई वर्षों से प्रेग्नेंसी में पीनट बटर के सेवन से परहेज की सलाह दी जाती रही है। इसका कारण इसके पुराने झूठे मिथकों में छुपा है।
लोगों का लंबे समय से यह मानना था कि प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर खाने से महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यहां तक कि इसके कारण शिशु में जन्म के बाद मूंगफली से एलर्जी होने का खतरा रहता है। आज हम आपको बताएंगे कि प्रेग्नेंसी में पीनट बटर खाना अच्छा होता है या नहीं। साथ ही इसके क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।
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क्या प्रेग्नेंसी में पीनट बटर खाना चाहिए या नहीं?
आप पीनट और पीनट बटर का सेवन तभी कर सकती हैं जब आपको इससे एलर्जी न हो। मूंगफली पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसके एक चम्मच सेवन में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, कैलोरी और फोलेट मौजूद होते हैं। सभी डॉक्टर और मिड-वाइफ प्रेग्नेंसी में हेल्थी आहार खाने की सलाह देते हैं और पीनट बटर उन सभी जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो मां और शिशु के विकास में मदद करते हैं। इसीलिए नियमित मात्रा में प्रेग्नेंसी में पीनट बटर का सेवन सुरक्षित होता है।
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गर्भावस्था में पीनट बटर के फायदे: प्रेग्नेंसी में पीनट बटर के फायदे
पीनट बटर खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है और कई हेल्थी डाइट में इसे खाने की सलाह दी जाती है। प्रेग्नेंसी में आप भी एक स्वस्थ आहारों से भरपूर डाइट का सेवन करना चाहती होंगी। मूंगफली से एलर्जी न होने पर यह व्यंजन आपको अवश्य स्वादिष्ट लगेगा। आपका भी अब यह जानने का मन कर रहा होगा कि प्रेग्नेंसी में पीनट बटर के क्या-क्या फायदे होते हैं जिनकी मदद से आप अपने शिशु व खुद के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर खाने का सबसे पहला फायदा होता है कि आगे चल कर शिशु में मूंगफली से एलर्जी होने का खतरा कम रहता है।
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निम्न प्रेग्नेंसी में पीनट बटर के सेवन के कुछ अन्य ऐसे फायदे हैं जिन्हें पढ़ कर आप खुद को इसे खाने से नहीं रोक पाएंगी –
प्रोटीन
प्रोटीन गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है। 100 ग्राम पीनट बटर प्रतिदिन प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा को पूरा करने के लिए काफी होता है। खासतौर से शाकाहारी महिलाओं के लिए जिनका प्रोटीन का स्रोत केवल प्राकृतिक आहारों पर ही निर्भर करता है। आर्गेनिक व घर पर बनाया गया पीनट बटर बेहद हेल्थी और प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होता है।
हड्डियों की मजबूती
प्रेग्नेंसी में महिलाएं कई सारा कैल्शियम खो देती हैं। यह गर्भावस्था के पूरे 9 महीने और उसके बाद तक चलता है। पीनट बटर कैल्शियम से भरपूर होता है जिसका सेवन प्रेग्नेंसी के दौरान और प्रसव के बाद हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए किया जा सकता है। प्रेग्नेंसी में पीनट बटर न केवल आपके खोए कैल्शियम की पूर्ति करने में मदद करेगा बल्कि आपकी हड्डियों को लंबे समय तक मजबूत बनाए रखेगा।
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इम्यून सिस्टम
हम सभी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में इम्यून सिस्टम में कई तरह के बदलाव आते हैं। आमतौर पर यह बदलाव हार्मोन के कारण होते हैं जिनकी वजह से महिलाओं का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। प्रेग्नेंसी में किसी भी महिला के लिए इम्यून सिस्टम की शिशु जितनी ही प्राथमिकता होनी चाहिए। इम्यून सिस्टम शिशु और मां दोनों को बैक्टीरिया और संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर खाने से आयरन, विटामिन और खनिज पदार्थ मिलते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। पीनट बटर में मुख्य रूप से पाया जाने वाला विटामिन ई प्रेग्नेंसी के दौरान बीमारियों और फ्लू से लड़ने में मदद करता है। यदि आप कमजोर या बीमार महसूस करती हैं तो रोजाना नियमित मात्रा में पीनट बटर का सेवन शुरू करें।
कैलोरी
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपका वजन कम है और आप उसे बढ़ाने की सोच रही हैं तो पीनट बटर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर खाने से अधिक मात्रा में कैलौरी प्राप्त होती हैं जिनकी मदद से आप एक स्वस्थ वजन हासिल कर पाएंगी।
कब्ज
गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होना बेहद आम होता है। कई महिलाओं को यह स्थिति लंबे समय तक परेशान करती है। अगर आपको भी अक्सर कब्ज जैसी दिक्कतें आती हैं तो प्रेग्नेंसी में पीनट के सेवन से आप इससे छुटकारा पा सकती हैं। न केवल पीनट बटर बल्कि अन्य प्रकार के नट्स जैसे बादाम, मूंगफलियां आदि भी कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं। हालांकि, ज्यादातर नट्स की तासीर गर्म होती है इसलिए इनका अधिक सेवन न करें।
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जेस्टेशनल डायबिटीज (प्रेग्नेंसी में मधुमेह)
प्रेग्नेंसी में मधुमेह होने की शिकायत बहुत-सी महिलाओं को रहती है। इसका सीधा प्रभाव उनके शिशु पर भी पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर को अपनी डायबिटीज की डाइट में शामिल करने से मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हालांकि, अपनी डाइट में कोई भी फेर बदल करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श करें।
जन्मदोष
एक हेल्थी डाइट आपके शिशु में होने वाले जन्मदोष के जोखिम को कम करने में मदद करती है। इस प्रकार की डाइट में मुख्य रूप से पोषक तत्व मायने रखते हैं जो शिशु के बौद्धिक व शारीरिक विकास को बढ़ावा देते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर को अपने आहार में शामिल करना आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प होगा क्योंकि यह कई विटामिन और मिनरल से भरपूर होता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और आयरन जैसे न्यूट्रिशन बच्चे के विकास में तेजी लाते हैं और जन्मदोष की आशंका को कम करते हैं।
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गर्भावस्था में पीनट बटर के फायदे: पीनट बटर प्रोटीन व अन्य पोषक तत्वों की सही मात्रा
- कैलोरी – 567kcal
- पानी – 6.50 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट की मात्रा – 16.13 ग्राम
- प्रोटीन – 25.80 ग्राम
- फाइबर की मात्रा – 8.5 ग्राम
- फैट – 49.24 ग्राम
- शुगर – 3.97 ग्राम
- विटामिन ई – 8.33 एमजी
- फोलिक एसिड की मात्रा – 240एमसीजी
- पोटैशियम की मात्रा– 332एमजी
- सोडियम – 1एमजी
- कैल्शियम – 62एमजी
- आयरन – 2.09एमजी
- मैग्नीशियम – 184एमजी
- जिंक – 3.34एमजी
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प्रेग्नेंसी में पीनट बटर खाने के नुकसान
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट बटर का अत्यधिक सेवन किया जाए तो इसके कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि यह साइड इफेक्ट अधिक गंभीर नहीं होते हैं लेकिन फिर भी सावधानी बरतने में कोई नुकसान नहीं होता है।
फूड पॉइजनिंग – काफी पुराने पीनट बटर को खाने से फंगल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
हाई बीपी – अत्यधिक नमकीन पीनट बटर खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। हालांकि, बिना नमक वाली मूंगफलियों से इसे नियंत्रित भी किया जा सकता है।
लिवर कैंसर – दूषित पीनट बटर में अंफ्लाटॉक्सिन होते हैं जिसके अधिक सेवन से लिवर कैंसर होने की आशंका रहती है।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आप एक बार डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।
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