महिलाओं के लिए मिसकैरिज फिजिकली और इमोशनल दर्द का कारण बन जाता है। मिसकैरिज के बाद प्रेग्नेंट होने के बारे में सोचना थोड़ा कठिन हो सकता है। महिलाओं के मन में मिसकैरिज के बाद कुछ प्रश्न उठते हैं कि कहीं दोबारा उन्हें ऐसी ही परिस्थितियों से न गुजरना पड़े। इस आर्टिकल में मिसकैरिज के बाद प्रश्न को लेकर चर्चा की गई है। आप भी पढ़िए कि मिसकैरिज के बाद महिलाओं के मन में क्या प्रश्न आ सकते हैं।
मिसकैरिज के बाद प्रश्न- क्या मिसकैरिज के तुरंत बाद प्रेग्नेंट हुआ जा सकता है?
जब हैलो स्वास्थ्य ने फोर्टिस हॉस्पिटल कोलकाता की कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सगारिका बसु से बात की उन्होंने कहा कि ‘ एक बार अबॉर्शन या मिसकैरिज हो जाने के बाद महिला के यूट्रस को नॉर्मल होने में समय लग सकता है। बॉडी को रिकवर होने के लिए थोड़ा समय देना बहुत जरूरी होता है। मिसकैरिज के बाद कंसीव करने के लिए कम से कम दो से तीन महीने का समय देना बेहतर रहेगा। शरीर को पहले जैसी अवस्था में आने के लिए थोड़ा सा समय लगता है। जब महिला शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो जाए तो कंसीव करना बेहतर रहेगा।’
मिसकैरिज के बाद प्रश्न- मिसकैरिज के बाद प्रेग्नेंसी के लिए कितने महीने इंतजार करना सही होगा?
अगर सर्जिकल अबॉर्शन नहीं हुआ है तो दी से तीन महीने का इंतजार करना बेहतर रहेगा। डॉ. सगारिका बसु कहती हैं कि, ‘अगर महिला शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार है तो तीन से चार महीने के भीतर दोबारा कंसीव किया जा सकता है। कई बार जानकारी न होने पर महिलाएं मिसकैरिज के तुरंत बाद प्रेग्नेंट हो जाती है। इस कारण से दोबारा मिसकैरिज होने के चांस बढ़ जाते हैं।’
एंडोमेट्रियल लाइनिंग को मजबूत होने में समय लग सकता है। मेडिकली बात की जाए तो दो से तीन पीरियड्स के बाद कंसीव करना महिलाओं के लिए सेफ माना जाता है। जबकि कुछ फिजीशियन करीब छह महीने रुकने की सलाह देते हैं। बेहतर होगा कि इस बारे में आप अपने डॉक्टर से बात करें।
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मिसकैरिज के बाद प्रश्न- क्या गर्भपात से भविष्य में गर्भधारण की जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है?
ये बात महिला की कंडिशन पर निर्भर करती है। अगर महिला का मिसकैरिज हुआ है तो कुछ समय बाद महिला का शरीर नॉर्मल हो जाएगा। कुछ महीनों के बाद वह बिना किसी समस्या के गर्भधारण या प्रेग्नेंसी की तैयारी कर सकती है। अगर सर्जिकल अबॉर्शन (Abortion) हुआ है तो हो सकता है कि कुछ कॉम्प्लिकेशन आ जाएं। एक मिसकैरिज के बाद 20 प्रतिशत तक दूसरे मिसकैरिज की संभावना होती है। अगर मिसकैरिज दोबारा होता है तो अगली प्रेग्नेंसी में 28 प्रतिशत तक खतरा बढ़ जाता है। मिसकैरिज के बाद प्रश्न पूछकर अगली बार प्रेग्नेंसी के खतरे के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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मिसकैरिज के बाद प्रश्न- गर्भपात के बाद गर्भाधारण करने के लिए सबसे अच्छा समय कब है?
मिसकैरिज के दो से तीन हफ्ते तक डॉक्टर सेक्स (sex) करने की सलाह नहीं देते। मिसकैरिज के बाद कपल्स आंतरिक रूप से दुखी हो जाते हैं। महिला को शारीरिक और आंतरिक रूप से मजबूत होने में कुछ समय लग सकता है। जब महिला फिजिकली और इमोशनली खुद को मजबूत फील करें तो एक बार डॉक्टर से मिलने के बाद वो दोबारा प्रेग्नेंट होने का डिसीजन ले सकती है।
अगर महिला कुछ समय लेकर अपने आपको मानसिक रूप से मजबूत करना चाहती है, तो ये भी बेहतर रहेगा। अपनी पसंदीदा हॉबी अपनाकर या फिर जॉब के दौरान मोटिवेटिंग लोगों से मिलकर महिला मानसिक रूप से मजबूत हो सकती है। ऐसा करने से मन हल्का होगा और पुरानी बुरी यादें भुलाने में भी हेल्प मिलेगी। समय के साथ ही मन और तन दोनों को ही मजबूती मिलेगी। मिसकैरिज के बाद प्रश्न पूछने से महिला को संतुष्टि मिल जाती है और डाउट क्लियर हो जाते हैं। अगर प्रश्न न पूछे जाएं तो एक चिंता घर कर जाती है। डॉक्टर से मिलकर बात कर लेने से डॉक्टर सही राय देकर समय पर समस्या का समाधान कर सकते हैं।
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मिसकैरिज के बाद प्रश्न- प्रेग्नेंसी को प्रभावित करने वाले जोखिम कारक क्या हो सकते हैं?
अबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी में कुछ रिस्क भी हो सकते हैं। अगर अबॉर्शन के बाद इंफेक्शन होता है तो फैलोपियन ट्यूब और ओवरी में भी ये फैल सकता है। इसे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) कहा जाता है। पीआईजी होने से दोबारा प्रेग्नेंसी में खतरा हो सकता है। महिला को एक्टोपिक गर्भावस्था (ectopic pregnancy) का खतरा रहता है। अगर महिला का अबॉर्शन हुआ है तो दोबारा प्रेग्नेंसी की प्लानिंग करने से पहले ही एंटीबायोटिक्स की हेल्प से इसे खत्म करने का प्रयास किया जाता है। अगर दोबारा प्रेग्नेंसी से पहले जांच नहीं कराई जाती है तो खतरा बढ़ सकता है। मिसकैरिज के बाद प्रश्न पूछना बहुत जरूरी होता है। इस बारे में डॉक्टर से बात करें।
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मिसकैरिज के बाद प्रश्न- टेस्ट कराया जाए या नहीं?
अगर महिला का एक से ज्यादा बार मिसकैरिज हुआ है तो डॉक्टर आपको कंसीव करने से पहले कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं। ब्लड टेस्ट के दौरान हार्मोन और इम्यून सिस्टम की प्रॉब्लम के बारे में जांच की जाती है। क्रोमोसोमल टेस्ट के दौरान आपके साथ ही पार्टनर के ब्लड का टेस्ट किया जाता है। इस दौरान ये भी देखा जाता है कि क्या कोई क्रोमोसोम मिसकैरिज का फैक्टर तो नहीं है। साथ ही यूटेराइन प्रॉब्लम को डिटेक्ट करने के लिए टेस्ट किया जाता है।
मिसकैरिज के बाद प्रश्न उठता है कि अपना ख्याल पहले की तरह ही रखना चाहिए या फिर विशेष ध्यान देना चाहिए। मिसकैरिज के बाद खुद का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है, लेकिन ज्यादा परेशान होएंगी तो कुछ गलती भी हो सकती है। मिसकैरिज के बाद प्रश्न पूछने के दौरान महिलाएं ये सवाल अक्सर करती हैं। डॉक्टर का इस बारे में कहना है कि मिसकैरिज के बाद प्रेग्नेंसी पहले जैसी ही होती है। जो कारण पिछली मिसकैरिज के लिए जिम्मेदार थे, उनको लेकर जरूर सावधान रहे। डॉक्टर की सलाह के बाद महिला साधारण प्रेग्नेंसी की तरह ही खानपान अपना सकती है और एक्सरसाइज भी। साथ ही समय-समय पर डॉक्टर की राय लेने से मन में संतुष्टि बनी रहती है।
मिसकैरिज के बाद प्रश्न- डॉक्टर को क्या बताना चाहिए?
डॉक्टर से कोई भी बात छिपाना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। बेहतर रहेगा कि आप अपने डॉक्टर को मिसकैरिज संबंधी सभी बातें बताएं। आप चाहे तो डॉक्टर से इस बारे में बात करते समय अपने साथ परिवार का सदस्य भी साथ ले जा सकते हैं।
अगर मिसकैरिज के बाद आप प्रेग्नेंसी के बारे में सोच रही हैं तो बेहतर होगा एक बार अपने डॉक्टर से मिले। मिसकैरिज के बाद प्रश्न पूछने से डॉक्टर आपकी समस्या को ठीक से समझ पाएंगे और अपनी राय देंगे। डॉक्टर आपकी कुछ जांच भी कर सकते हैं। प्रश्न पूछने के बाद आपकी परेशानी कुछ हद तक दूर हो जाएगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट की मदद लें।
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