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दूसरी तिमाही की परेशानी कब्ज, हार्ट बर्न और गैस से राहत पाने के कुछ आसान टिप्स

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/01/2022

    दूसरी तिमाही की परेशानी कब्ज, हार्ट बर्न और गैस से राहत पाने के कुछ आसान टिप्स

    गर्भावस्था की शुरुआत के साथ-साथ शुरू हो जाती हैं कुछ शारीरिक परेशानियां। जिसमें मूड स्विंग, सिरदर्द और शरीर में सूजन आदि शामिल हैं। पहली तिमाही से तीसरी तिमाही तक महिलाएं अलग-अलग तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियाें से गुजरती हैं। हालांकि इनको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। थोड़ी सी देखभाल करके इनसे निपटा जा सकता है। गर्भावस्था की शुरुआत से ही शरीर में कई तरह के शारीरिक परेशानी शुरू हो जाती है। ऐसे में शरीर में हो रहे हॉर्मोन में बदलाव की वजह से होता है। गर्भावस्था के दूसरी तिमाही की परेशानी (Second trimester and problem) क्या है? और दूसरी तिमाही की परेशानी (Second trimester and problem) से कैसे बचा जा सकता है? आज इस आर्टिकल में आगे जानेंगे।

    गर्भावस्था के दूसरी तिमाही की परेशानियां (Second trimester and problem) क्या-क्या हैं?

    दूसरी तिमाही की परेशानियां-Second trimester problem

    प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही की परेशानी निम्नलिखित हैं। जैसे-

    1. गर्भवती महिला का डायजेशन बिगड़ना (Digestion)

    2. प्रेग्नेंट लेडी को कब्ज (Constipation) की समस्या होना

    3. गर्भवती महिला को गैस (Gas) की परेशानी होना

    4. प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला हार्ट बर्न (Heartburn) जैसी परेशानी महसूस कर सकती हैं

    इन शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ दूसरी तिमाही की परेशानी (Second trimester and problem) अन्य भी हो सकती है। इसलिए गर्भवती महिला को शरीर में हो रहे नकारात्मक बदलाव को महसूस करना चाहिए और इन परेशानियों को छुपाने से बेहतर होगा परिवार के सदस्यों को बताना चाहिए और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर विकल्प माना जाता है।

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    1. डायजेशन बिगड़ना (Digestion problem)

    गर्भावस्था की शुरुआत से ही डायजेशन बिगड़ जाता है और यह परेशानी दूसरी तिमाही में भी बरकरार रहती है। दरअसल इस दौरान गर्भवती महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन के बढ़ने के कारण सिरदर्द, गैस, ब्रेस्ट में सूजन आना या ब्रेस्ट का सख्त होना, मूड स्विंग्स होना, बाल झड़ना, नींद न आना, वजन बढ़ना और एंग्जाइटी जैसी अन्य परेशानी शुरू हो सकती है। किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही की परेशानी (Second trimester and problem) में शामिल बिगड़े डायजेशन से बचने के लिए क्या करें?

    गर्भवती महिलाओं को डायजेशन की समस्या (Digestion problem during pregnancy) से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाना चाहिए। जैसे-

    • पौष्टिक, संतुलित और ताजे आहार का सेवन करना चाहिए।
    • लंच और डिनर के साथ-साथ थोड़ी-थोड़ी देर में फल, जूस और ड्राई फ्रूट्स खाते रहना चाहिए।
    • डीहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी, जूस और नारियल पानी पीने की आदत डालें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
    • चाय, कॉफी या हर्बल टी का सेवन संतुलित मात्रा में करें। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार सामान्य लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को भी एक दिन में दो या तीन कप से ज्यादा चाय, कॉफी या ग्रीन टी जैसे अन्य हर्बल टी का सेवन नहीं करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें की शाम 4 बजे के बाद इनका सेवन न करें।

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    2.  कब्ज की समस्या (Constipation during pregnancy)

    गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या सामान्य है, लेकिन दूसरी तिमाही के दौरान यह परेशानी बढ़ जाती है। शरीर में हो रहे हॉर्मोनल बदलाव की वजह से ऐसा होता है। कब्ज की परेशानी होने पर पेट दर्द, पेट फूलना या भूख नहीं लगना इसके लक्षण होते हैं। पौष्टिक और घरेलू उपाय कर इस परेशानी से बचा जा सकता है। कब्ज की परेशानी को ज्यादा दिनों तक न टालें। क्योंकि कब्ज की वजह से अन्य शारीरिक परेशानी शुरू हो सकती है। दूसरी तिमाही की परेशानी में होने वाली कब्ज की समस्या के बारे डॉक्टर को बतायें।

    गर्भावस्था के दूसरी तिमाही की परेशानी में होने वाली कब्ज की समस्या से बचने के लिए क्या करें ?

    दूसरी तिमाही की परेशानी (Second trimester and problem) में शामिल कब्ज की समस्या से निम्नलिखित तरह से बचा जा सकता है। जैसे-

    • विटामिन-सी युक्त फलों जैसे कीवी, संतरा, स्ट्रॉबेरी और अमरुद का सेवन करना चाहिए। इनके सेवन से विटामिन-सी की कमी भी दूर होगी और कब्ज की समस्या से भी राहत मिल सकती है। दूसरी तिमाही की परेशानी से बचने के लिए विटामिन-सी का सेवन करना जरूरी है।
    • गर्भावस्था के दौरान पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। कोशिश करें एक दिन में तीन लीटर पानी पीएं।
    • अत्यधिक तेल-मसाले से बने खाने से परहेज करें। ज्यादा तेल-मसाले की वजह से भी कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है।
    • फाइबर युक्त आहार का सेवन करें। इसके लिए आप ओट्स, साबुत अनाज, नट्स और दाल का सेवन करना चाहिए।
    • अधिक फैट वाले फूड का सेवन करने से बचना चाहिए।

    3.  प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही की परेशानी : गैस (Acidity) की समस्या

    प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही पेट में गैस की समस्या शुरू हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान डायजेस्टिव सिस्टम को पूरी तरह से नहीं बदला जा सकता है, क्योंकि इस दौरान हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से ऐसा होता है, लेकिन इस परेशानी को कम जरूर किया जा सकता है।

     गैस की समस्या से कैसे बचें?

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    4.  सेकेंड ट्राइमेस्ट में होने वाली प्रॉब्लम : हार्टबर्न (Heartburn)

    गर्भावस्था में सीने में जलन की समस्या डायजेशन में हो रही परेशानी के कारण होती हैं। इससे सीने में जलन के साथ-साथ गले में जलन महसूस होती है।

    गर्भावस्था के दूसरी तिमाही की परेशानियाें में शामिल हार्टबर्न से बचने के लिए क्या करें ?

    • थोड़ी-थोड़ी देर में खाते रहें।
    • खाना खाने के तुरंत बाद आराम करने या सोने की बजाए थोड़ी देर तक टहलने की आदत डालें।
    • दूध या दही से एलर्जी न होने पर इसके नियमित सेवन से सीने में जलन की समस्या से बचा जा सकता है।
    • खाने को एक साथ न खाएं। पसंदीदा फूड को बहुत ज्यादा न खाएं। कई बार इस कारण से भी समस्या हो सकती है।

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    डॉक्टर से कब मिलना चाहिए ?

    डायजेशन (Digestion), हार्टबर्न (Heartburn), गैस (Gas) और कब्ज (Constipation) जैसी अन्य समस्या प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य होती हैं, लेकिन अगर यही परेशानी बढ़ती जाए तो गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए ही नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें और परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए लाभकारी होगा।

    • 2 दिनों से ज्यादा डायरिया होने पर ठीक होने का इंतजार न करें बल्कि जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
    • स्टूल का रंग ब्लैक या रेड होने पर इसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इसे नजरंअदाज न करें और अपनी इस परेशानी के बारे में डॉक्टर को बतायें।
    • पेट में तेज दर्द और ऐठन होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
    • अगर आपको खान खाने के बाद वॉमिटिंग हो हही हो तो इग्नोर न करें बल्कि डॉक्टर को दिखाएं। ऐसा करने से कमजोरी नहीं आएगी।

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    प्रेग्नेंसी के बाद महिला को नवजात का ध्यान रखना आवश्यक है, लेकिन इस दौरान महिलाओं को खुद का ध्यान भी रखना चाहिए, लेकिन कैसे? जानने के लिए नीचे दिये इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।

    अगर आप गर्भवती हैं या दूसरी तिमाही की परेशानी (Second trimester and problem) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में दूसरी तिमाही की परेशानी (Second trimester and problem) के बारे में बताया गया है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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