प्रेग्नेंट है या नहीं? इस बात को कंफर्म करने के लिए महिलाएं घर पर ही प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) का सहारा लेती हैं। प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से आया नतीजा पॉजिटिव हो या नेगिटिव, यह कितना सही है। इस पर महिलाएं अक्सर सोच में पड़ जाती हैं। प्रेग्नेंसी टेस्ट किट या गर्भावस्था जांच किट से गर्भावस्था की जांच के दौरान महिला के यूरिन और हॉर्मोन में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोफिन (एचसीजी/HCG) की मौजूदगी और उसके लेवल का पता लगाया जाता है। ‘हैलो स्वास्थ्य’ के इस आर्टिकल में दिल्ली स्थित सृष्टि हेल्थ केयर की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. सीमा गुप्ता से जानेंगे कि घर पर किया गया प्रेग्नेंसी टेस्ट कितना सही है?
प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) का कब करें इस्तेमाल ?
प्रेग्नेंसी की जांच के लिए पीरियड खत्म होने के एक से दो सप्ताह के बीच का समय सबसे सही होता है। सेक्शुअल इंटरकोर्स के बाद जब अंडे के साथ स्पर्म मिलता है, तब निषेचित डिंब गर्भाशय में इम्प्लांट होता है। इसके बाद महिला की बॉडी में एचसीजी हार्मोन बनने की शुरुआत होती है। यह हार्मोन निषेचन की क्रिया के बाद करीबन सात से 14 दिनों में महिला के यूरिन में पाया जा सकता है। इसलिए, पीरियड का समय निकलने के बाद, अगर एक सप्ताह तक मासिक धर्म ना आए, तो प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) से गर्भावस्था की जांच करनी चाहिए।
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प्रेग्नेंसी टेस्ट किट कैसे इस्तेमाल करें? (How to use pregnancy test kit)
गर्भावस्था की जांच (प्रेग्नेंसी टेस्ट) तीन तरीकों से की जा सकती है:
- बाजार में मिलने वाले प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) या गर्भावस्था जांच किट से घर पर ही प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। प्रेग्नेंसी टेस्ट किट प्राइस भी कम होता है।
- घर में कुछ उपलब्ध चीजों से भी गर्भावस्था की जांच की जा सकती है।
- मेडिकल प्रोफेशनल से भी प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया जा सकता है।
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प्रेग्नेंसी टेस्ट किट इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है?
प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) से गर्भावस्था की जांच करने के लिए, सुबह का पहला यूरिन टेस्ट करना सबसे सही रहता है। इसके लिए टेस्ट किट के साथ दिए गए ड्रॉपर से कुछ बूंदे जांच पट्टी पर बने खांचे में डालें। फिर दो मिनट तक इंतजार करें। आपको एक या दो हल्की या गहरी पिंक रंग की लाइन्स दिखाई देंगी। इनका मतलब समझने के लिए टेस्ट किट पैकेट पर लिखे हुए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) से टेस्ट करने पर एक से तीन मिनट में या ज्यादा से ज्यादा पांच मिनट में नतीजे मिल जाते हैं।
प्रेग्नेंसी टेस्ट के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
प्रेग्नेंसी टेस्ट की सहायता से जांच के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। महिलाएं गर्भावस्था का टेस्ट करने के दौरान थोड़ा घबराई हुई होती है, ऐसे में कई बार जल्दबाजी में टेस्ट सही तरीके से नहीं हो पाता है। बेहतर होगा कि पहले खुद को थोड़ा रिलेक्स करें और फिर टेस्ट करें। टेस्ट के दौरान जब आप यूरिन की ड्रॉप टेस्ट किट में डालेंगे तो आपको पिंक लाइन दिखाई देगी। अगर यूरिन डालने के बाद एक पिंक लाइन बनती है तो प्रेग्नेंसी टेस्ट निगेटिव है। वहीं दो पिंक लाइन का मतलब है प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव है। कई बार यूरिन डालने के बाद कोई भी लाइन नहीं बनती है। ऐसे में टेस्ट की दोबारा जरूरत पड़ सकती है। कई बार यूरिन सही से किट के अंदर नहीं पहुंच पाता है, इस कारण से ऐसा हो सकता है। अगर आप टेस्ट से संतुष्ट नहीं हैं तो अगले दिन आप दोबारा टेस्ट कर सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी टेस्ट किट रिजल्ट्स कितने सही होते हैं? (Pregnancy Test Efficiancy)
अगर प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) पर लिखे निर्देशों का सही ढंग से पालन किया जाए तो कुछ मामलों में 99 प्रतिशत तक परिणाम सही हो सकते हैं। अगर आपका मेंस्ट्रुअल साइकल नियमित नहीं रहता है, तो रिजल्ट के सही आने की संभावना कम हो सकती है। वहीं पीरियड के मिस होने पर जितनी जल्दी आप प्रेग्नेंसी-टेस्ट करती हैं, एचसीजी का पता लगाना कठिन हो जाता है। दरअसल, ‘एचसीजी हार्मोन’ की मौजूदगी ही तय करती है कि कोई महिला प्रेग्नेंट है या नहीं। चाहे घर पर प्रेग्नेंसी टेस्ट करें या डॉक्टर से टेस्ट करवाएं। दोनों ही मामलों में यूरिन या ब्लड में मौजूद एचसीजी हार्मोन की ही जांच की जाती है। सबसे सटीक परिणामों के लिए पीरियड्स के मिस होने के एक सप्ताह बाद यह टेस्ट करना सही रहता है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी डिटेक्शन किट (Pregnancy detection kit) से मिले पॉजिटिव रिजल्ट (positive result) नेगेटिव की तुलना में अक्सर सही होते हैं।
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क्या करें कि गर्भावस्था जांच किट (pregnancy test kit) से ज्यादा से ज्यादा सही नतीजे मिल सकें?
नीचे दिए गए टिप्स को ध्यान रखें इससे गर्भावस्था जांच किट के नतीजे काफी हद तक सही हो सकते हैं। जैसे-
- ऐसे तो घर पर प्रेग्नेंसी डिटेक्शन किट का उपयोग किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन, सुबह के पहले यूरिन का टेस्ट बेहतर परिणाम के लिए अच्छा रहता है। सुबह के समय ‘एचसीजी हार्मोन’ का स्तर बढ़े होने की वजह से नतीजों के गलत होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
- टेस्ट से पहले पेय पदार्थ न लें। इससे शरीर में ‘एचसीजी हार्मोन (HCG hormone)’ की सघनता (concentration) घट सकती है और परिणाम प्रभावित हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (pregnancy test kit) का प्रयोग करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर देखें।
- प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) के पैकेट पर लिखे निर्देशों को फॉलो करें।
- जांच के दौरान उपयोग की जाने वाली सभी चीजें साफ रखें।
- जांच के बाद तीन से चार मिनट का इंतजार जरूर करें।
- अगर आप किट में सही से यूरिन नहीं डाल पाएं हैं तो आप दूसरे किट का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
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क्या प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का पॉजिटिव रिजल्ट गलत भी हो सकता है? (Pregnancy Test Positive Result)
हालांकि, यह कम ही होता है कि गर्भवती न होने पर भी परिणाम पॉजिटिव आए। इसे फॉल्स-पॉजिटिव (false-positive) के रूप में जाना जाता है। ऐसा तब होता है जब गर्भपात होने के कुछ दिन बाद तक शरीर में एचसीजी हॉर्मोन रहता है या आप इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (infertility treatment medicines) की दवांए ले रही हो। क्योंकि तब भी एचसीजी हॉर्मोन की मौजूदगी रहती है और रिजल्ट पॉजिटिव दिखता है।
क्या गर्भावस्था जांच किट का रिजल्ट गलत हो सकता है? (Pregnancy Test Negative Result)
कई बार ऐसा भी होता है कि प्रेग्नेंट होने के बावजूद भी होम प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) में नतीजा निगेटिव आता है। इसे फॉल्स-निगेटिव के रूप में जाना जाता है। पीरियड मिस होने के तुरंत बाद किया गया प्रेग्नेंसी टेस्ट, एचसीजी हार्मोन का पता लगाने में असफल हो सकता है क्योंकि गर्भधारण के शुरूआती दिनों में हार्मोन का स्तर (hormone level) थोड़ा कम रहता है। सटीक परिणामों के लिए, पीरियड मिस होने के एक सप्ताह बाद परीक्षण करें। रिजल्ट गलत आने का एक कारण यह भी हो सकता है कि किट के बॉक्स पर बताए गए नियमों का पालन न किया गया हो। किट को रिजल्ट बताने के लिए समय दें। देखा गया है कि कई महिलाएं कुछ ही मिनटों के बाद परिणाम न आने पर किट को फेंक देती हैं। ऐसा न करें, नतीजे आने का थोड़ी देर इंतजार जरूर करें।
प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) का इस्तेमाल और डॉक्टर की जांच में अंतर
आपके मन में ये प्रश्न भी जरूर आया होगा कि आखिर घर में किए गए प्रेग्नेंसी टेस्ट और डॉक्टर की ओर की गई जांच में आखिर क्या अंतर होता है। हम आपको बताते चले कि डॉक्टर प्रेग्नेंसी की जांच के लिए प्रेंग्नेंसी किट का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही प्रेग्नेंसी की पता लगाने के लिए अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं। अगर आपको लग रहा है कि आप प्रेग्नेंट हैं और टेस्ट किट (Pregnancy test kit) के रिजल्ट से आप संतुष्ट नहीं है तो आप डॉक्टर से भी जांच करा सकते हैं। ऐसा करने से आपके मन की शंका भी शांत हो जाएगी। जानिए किन अन्य टेस्ट के माध्यम से प्रेग्नेंसी कंफर्म की जा सकती है।
यूरिन टेस्ट (Urine test)
क्लीनिकल यूरिन टेस्ट के माध्यम से प्रेग्नेंसी के बारे में जानकारी मिलती है। जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि होम प्रेग्नेंसी टेस्ट में यूरिन का ही सैंपल लिया जाता है। ठीक उसी प्रकार से क्लीनिकल यूरिन टेस्ट में यूरिन का सैंपल जांच के लिए लिया जाता है। आपको हफ्ते भर में टेस्ट का रिजल्ट मिल जाएगा।
प्रेग्नेंसी की जांच के लिए ब्लड टेस्ट
प्रेग्नेंसी की जांच के लिए किया जाने वाला ब्लड टेस्ट डॉक्टर की देखरेख में किया जाता है। ब्लड की सहायता से लैबोरेट्री में एचसीजी डिटेक्ट किया जाता है। प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट दो तरह के होती हैं।
क्ववालिटेटिव ब्लड टेस्ट (Qualitative hCG blood test)
क्ववालिटेटिव ब्लड टेस्ट के माध्यम से ये बात जानने की कोशिश की जाती है कि बॉडी में एचसीजी प्रोड्यूस हुआ है या फिर नहीं। इस टेस्ट की सहायता से आसानी से पता चल जाता है कि कोई भी महिला प्रेग्नेंट है या फिर नहीं।
क्ववाटिटेटिव एचसीजी ब्लड टेस्ट (Quantitative hCG blood test)
क्ववाटिटेटिव एचसीजी ब्लड टेस्ट की सहायता से ब्लड में एचसीजी के लेवल के बारे में जानकारी मिलती है। एचसीजी के लेवल के हाई होने या फिर बहुत लो होने की जानकारी इस टेस्ट के माध्यम से मिल जाती है और डॉक्टर प्रेग्नेंसी के बारे में जानकारी दे सकता है। डॉक्टर आपको अल्ट्रासाउंड के लिए भी कह सकता है। एचसीजी के लेवल हाई या फिर लो होने पर डॉक्टर कुछ दिनों बाद दोबारा एचसीजी की जांच के लिए कह सकता है। यूरिन टेस्ट की अपेक्षा ब्लड टेस्ट के माध्यम से होने वाली जांच को अधिक सटीक माना जाता है। ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर आ सकती है।
ध्यान दें
अगर आपको प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और जांच के बाद आपको निगेटिव लक्षण दिख रहे हैं जैसे कि मिस्ड पीरियड्स, वॉमिटिंग, जी मिचलाना आदि तो ऐसे में आपको डॉक्टर से जांच जरूर करानी चाहिए। कई बार हैवी एक्सरसाइज या फिर स्ट्रेस के कारण भी मिस्ड पीरियड्स हो जाते हैं। हॉर्मोनल चेंजेस की वजह से पीरियड्स की डेट बदल जाती है। ये जरूरी नहीं है कि पीरियड्स का मिस होना हमेशा प्रेग्नेंसी की ही निशानी होता है। अगर आपको पीरियड्स से संबंधित समस्या हो रही है तो आप इस बारे में डॉक्टर को जानकारी दें। डॉक्टर आपको कुछ मेडिसिन देंगी तो पीरियड्स को रेगुलर करने में आपकी मदद करेगा। हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। आप चाहे तो प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) के बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं।
प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से कर रहे हैं जांच इन बातों का रखें ध्यान
अगर प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) से रिजल्ट निगेटिव आया है और आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आप पहले सुनिश्चित करें कि क्या पूरी तरह से स्वस्थ्य है। अगर नहीं तो डॉक्टर से जांच कराएं। अगर आपको किसी तरह की हेल्थ कंडीशन है तो बेहतर होगा कि डॉक्टर की आप डॉक्टर से जानकारी लें कि आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप स्वस्थ्य हैं और प्रेग्नेंट होना चाहते हैं तो डॉक्टर आपको फोलिक एसिड की दवा का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। आप प्रेग्नेंसी के लिए बेहतर होगा कि ओव्युलेशन किट का इस्तेमाल करें।
ध्यान दें
गर्भावस्था को सुनिश्चित करने के लिए घर पर ही प्रेग्नेंसी टेस्ट किट (Pregnancy test kit) से की गई जांच कितनी सही है या गलत? इसको तय करने के लिए महिलाओं को डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा इससे जुड़ा हुआ कोई सवाल या सुझाव आपके पास है तो आप हमसे कमेंट बॉक्स के जरिए साझा कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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