प्रेग्नेंसी में बाल कलर के लिए सलाह
यदि आप प्रेग्नेंसी में बाल कलर कराना चाहती हैं तो नीचे दिए गए बिंदुओं पर विचार कर सकती हैं।
दूसरे ट्राइमेस्टर तक इंतजार करें
प्रेग्नेंसी में बाल कलर को लेकर कुछ जानकार दूसरे ट्राइमेस्ट तक का इंतजार करने की सलाह देते हैं। इसमें कोई दोहराय नहीं है कि आप प्रेग्नेंसी के चौथे हफ्ते में हेयर कलर सकती हैं। इस अवधि में आपकी बॉडी में हाॅर्मोन प्रबल होते हैं और आपके बाल सामान्य के मुकाबले तेजी से बढ़ते हैं। इस दौरान बालों का टैक्सचर भी बदल जाता है।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती 12 हफ्ते शिशु के विकास के लिए काफी अहम होते हैं। इस दौरान भ्रूण का आकार, मांसपेशियों का विकास और वोकल कॉर्ड का निर्माण होता है। साथ ही नेल बेड्स और बालों के रोम का निर्माण शुरू हो जाता है।
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प्रेग्नेंसी में बाल कलर करने का सुरक्षित तरीका
डॉक्टर से प्रेग्नेंसी में बाल कलर कराने के लिए आपने सोच लिया है तो आपको हेयर कलर तकनीक का चुनाव करते वक्त समझदारी दिखानी होगी। रूट-टच अप (Root-touch-ups) और रूट-टु-टिप (root-to-tip) चेंज बालों को कलर करने की एक सिंगल प्रक्रिया है। इसका मतलब यह हुआ कि इन दोनों ही प्रक्रियाओं में हेयर डाई स्कैल्प पर लगाई जाती है, जहां पर त्वचा के रोम छिद्र होते हैं। इन्हीं रोम छिद्रों के जरिए कैमिकल्स आपकी बॉडी में जाता है। प्रेग्नेंसी में बाल कलर कराने के लिए आपको ऐसी तकनीक का चुनाव करना है, जिनमें हेयर डाई को बालों के साफ्ट पर लगाया जाता है (हाईलाइट्स, लोलाइट्स, फ्रोस्टिंग और स्ट्रीक)। उदाहरण के लिए बालों को स्कैल्प से उठाकर उनके ऊपर कलर लगाना थोड़ा असामान्य है, लेकिन यह तरीका सुरक्षित माना जाता है।
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