प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले बच्चे को किसी तरह का नुकसान न हो, इसके लिए मां हर संभव जतन करती है, लेकिन क्या आपको पता है कि प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग से किस प्रकार के खतरे हो सकते हैं ? ये जरूरी नहीं है कि होने वाली मां स्मोकिंग करेगी, तभी खतरा होगा। पैसिव स्मोकिंग का भी बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। हमारी हेल्थ के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा, ये बातें तो हमें पता ही होती हैं। हम सब जानते हैं कि स्मोकिंग या नशा करना बुरा होता है, लेकिन फिर भी इसे करते हैं।
फीमेल हॉस्पिटल एम्प्लॉइज के सर्वे में ये बात सामने आई कि चार लोगों में एक व्यक्ति को इस बात की जानकारी होती है कि स्मोकिंग के कारण इनफर्टिलिटी और मिसकैरिज का खतरा बढ़ जाता है। फिर भी लोग इसे नहीं छोड़ते हैं।
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प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग से हो सकती हैं ये समस्याएं
स्मोकिंग के कारण कैंसर का खतरा बढ़ने के साथ ही हार्ट संबंधी समस्या, एम्फेसिमा (emphysema) व अन्य हार्ट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग करने से कुछ रिस्क हो सकते हैं।
- बच्चे के साइज में परिवर्तन।
- प्रीमैच्योर बेबी का पैदा होना।
- स्टिल बर्थ (बच्चे का मरा हुआ पैदा होना)
- बच्चे को सांस संबंधी बीमारी का होना
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डेवलपिंग फीटस को टॉक्सिन्स से हो सकते हैं ये नुकसान
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग के कारण होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पांचवें से दसवां महीना बर्थ डिफेक्ट के लिए बहुत सेंसिटव रहता है। स्मोकिंग की वजह से होने वाले बच्चे की याददाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में बच्चे के मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग के खतरे को जानकर अगर मां धूम्रपान छोड़ देती है तो मां और बच्चे भविष्य में होने वाले बड़े खतरे से बच सकते हैं।
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फर्टिलिटी पर क्या पड़ता है असर?
स्मोकिंग के कारण होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है, साथ ही प्रेग्नेंसी के पहले भी कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
- फैलोपियन ट्यूब में समस्या होने से एग और स्पर्म के मिलने में समस्या होती है। स्मोकिंग के कारण एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) का रिस्क बढ़ जाता है।
- गर्भाशय ग्रीवा में परिवर्तन देखने को मिलता है। सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने का खतरा भी रहता है।
- ओवरीज में एग डैमेज (egg damage) हो सकते हैं।
- इन सब कारणों से प्रेग्नेंसी के दौरान मिसकैरिज का खतरा भी बढ़ जाता है।
- एक बात ध्यान रखें कि ये सभी समस्याएं सीधे स्मोकिंग की वजह से नहीं होती हैं। ये किसी हेल्थ से जुड़ी हुई समस्या भी हो सकती है।
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कंसीव करने के दौरान समस्या
आपने स्मोकिंग के कारण फर्टिलिटी पर प्रभाव, प्रेग्नेंसी के दौरान होने बच्चे पर बुरा प्रभाव तो पढ़ लिया। अब जानिए कि कंसीव करने के दौरान दो महिलाएं स्मोकिंग करती हैं, उन पर क्या असर होता है।
- जो महिलाएं एक साल से कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं और एक दिन में 20 से ज्यादा सिगरेट भी पीती हैं, उनकी कंसीव करने की क्षमता 25 % तक घट जाती है। अगर महिला स्मोकिंग बंद कर देती है तो कंसीव करने में समस्या नहीं होगी।
- अगर महिला स्मोकिंग नहीं छोड़ती है और कंसीव कर लेती हैं तो मिसकैरिज की संभावना बढ़ जाती है।
- फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (fertility treatment) का रिजल्ट खराब हो जाता है।
- महिलाओं को कम उम्र में मोनोपॉज होने की संभावना रहती है।
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प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग से प्लासेंटा को खतरा
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग कितनी खतरनाक हो सकती है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्लासेंटा को नुकसान पहुंच सकता है। प्लासेंटा पेट में पल रहे बच्चे को यानी फीटस को पोषण देने का काम करता है। प्लासेंटा को फीटस की लाइफलाइन कहा जाता है। न्यूट्रिएंट्स के साथ ही प्लासेंटा फीटस को ऑक्सिजन भी पहुंचाने का काम करता है। प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग के कारण प्लासेंटा यूट्रस से अलग हो सकता है जिसके कारण ब्लीडिंग अधिक होने की संभावना रहती है। कई बार मेडिकल अटेंशन न मिल पाने के कारण होने वाले बच्चे को खतरा हो सकता है। ये स्टिल बर्थ का कारण भी बन सकता है। प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग मां के साथ ही बच्चे के लिए भी बहुत खतरनाक होती है।
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प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग से पैदा होने वाले बच्चे पर असर
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग से स्टिल बर्थ का खतरा तो रहता ही है, अगर बच्चा जिंदा पैदा हो गया तो भी समस्या रहती है। प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग के कारण पैदा होने वाले बच्चे का वेट कम जाता है। लो वेट बच्चे की शारीरिक परेशानी का कारण बन जाता है। लो बर्थ वेट के कारण बच्चे में हेल्थ प्रॉब्लम के साथ ही डिसेबिलिटी की समस्या भी बढ़ जाती है। स्मोकिंग के कारण सीरियस प्रॉब्लम हो सकती है जैसे देर से डेवलपमेंट होना, सुनने या फिर देखने में समस्या, मस्तिष्क संबंधी समस्या आदि। अगर प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग को छोड़ दिया जाए तो बच्चे के साथ ही होने वाली मां भी कई तरह की समस्याओं से बच सकती है।
पुरुषों में स्मोकिंग के कारण समस्या
- पुरूषों में स्मोकिंग के कारण स्पर्म काउंट कम हो जाता है। साथ ही हेल्दी स्पर्म में भी कमी हो जाती है।
- जो पुरुष स्मोकिंग करते हैं उनके बच्चों को अस्थमा होने की संभावना ज्यादा रहती है।
- स्मोकिंग करने वाले पुरुषों में इरेक्शन के दौरान समस्या हो सकती है।
- महिला हो या फिर पुरुष, स्मोकिंग की आदतें छोड़ने के बाद इनफर्टिलिटी की उत्पन्न हुई समस्या को दूर किया जा सकता है।
डॉक्टर से कराएं उपचार
गर्भधारण की तैयारी कर रही महिलाएं कंसीव होने से पहले टॉक्सिन्स पदार्थों को लेना बंद कर दें। जो महिलाएं कंसीव करने के बाद ध्रूमपान नहीं छोड़ पाई हैं, उन्हें एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। कुछ कार्यक्रमों के तहत महिलाओं या पुरुषों को स्मोकिंग की आदत से छुटकारा दिलाया जा सकता है। कंसीव के दौरान ये बात जरूर ध्यान रखें कि आप एक नई जिंदगी को जन्म देने जा रहे हैं। इसलिए कोशिश करें कि अगर आपको किसी भी प्रकार की आदत या लत है तो उसको छोड़ दें ताकि होने वाले बच्चे को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। अगर आप प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो तुरंत डॉक्टर से इस समस्या के उपचार के बारे में पूछें।
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग आने वाले बच्चे के लिए खतरा पैदा कर सकती है। हर मां अपने बच्चे की अच्छी सेहत की कामना करती है। अगर आप ऐसा चाहती हैं तो स्मोकिंग छोड़ दें। प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग खतरनाक है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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