हम दो, हमारे दो … छोटा परिवार सुखी परिवार …ऐसे कई कहावते हैं, जो कपल या परिवार से जुड़े हुए हैं। और आज इस आर्टिकल में खासकर दूसरी प्रेग्नेंसी (Second pregnancy story) के बारे में समझेंगे। इसलिए हमनें दिल्ली की रहने वाली नवजोत सिंह से दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में समझने की कोशिश की। नवजोत की दूसरी प्रेग्नेंसी स्टोरी के बारे में जानने से पहले सेकेंड प्रेग्नेंसी से जुड़ी कुछ खास जानकारी आपके साथ शेयर करते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organisation) में पब्लिश्ड एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार सेकेंड बेबी प्लानिंग 24 महीने यानी 2 साल के बाद करना चाहिए। वहीं सेकेंड प्रेग्नेंसी प्लान (Second pregnancy plan) करने से पहले महिला को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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दूसरी प्रेग्नेंसी टिप्स (Second pregnancy tips)
1.फिजिकल हेल्थ (Physical health)
2. वजन संतुलित रखें (Weight balance)
3. फिटनेस का ख्याल रखें (Take care of fitness)
4. पौष्टिक आहार का सेवन करें (Eat nutritious food)
4. आहार में सप्लिमेंट्स शामिल करें (Include supplements in your diet)
5. उम्र (Your age) का ध्यान रखें
6. दवाओं की जांच करें (Recheck your medications)
7. फाइनेंशल प्लानिंग (Financial planning)
8. पहले बच्चे पर ध्यान देना न भूलें
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ये हैं 8 जरूरी बातें जिनका ध्यान सेकेंड प्रेग्नेंसी के प्लानिंग या सेकेंड प्रेग्नेंसी के दौरान जरूर रखना चाहिए। चलिए अब आर्टिकल में नवजोत सिंह (बदला हुआ नाम) से जानते हैं उनकी दूसरी प्रेग्नेंसी (Second pregnancy story) स्टोरी के बारे में।
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दूसरी प्रेग्नेंसी स्टोरी (Second pregnancy story)
आपका नाम, उम्र और आप क्या करती हैं?
मेरा नाम नवजोत सिंह, मेरी उम्र 38 है और मैं केनेडा की एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर हूं।
आपकी पहली प्रेग्नेंसी कब हुई?
नवजोत बताती हैं कि जब वह 31 साल की थीं तब उनकी बेबी हुई।
आपने दूसरी प्रेग्नेंसी क्यों प्लान की या आपकी दूसरी प्रेग्नेंसी अनप्लांड प्रेग्नेंसी थी?
दूसरी प्रेग्नेंसी के इस सवाल पर नवजोत मुस्कुराते हुए कहती हैं कि मेरी दूसरी प्रेग्नेंसी प्लांड और अनप्लांड दोनों ही है। दरअसल मेरी बेटी लोगों से जल्दी हिल मिल नहीं पाती थी और मैं केनेडा में रहती हूं, तो यहां वो थोड़ा ज्यादा ही अकेले वक्त बिताने लगी। यहां आसपास ऐसा नहीं है कि बच्चे नहीं हैं, लेकिन इंडिया की तरह बच्चे ज्यादा एक-दूसरे से मिल नहीं पाते हैं। मेरे रिलेटिव्स भी नहीं हैं यहां जिससे वो किसी दूसरे फेमली मेंबर के बच्चों से मिल सके। ऐसा नहीं है कि मैं और मेरे हस्बेंड उसके साथ वक्त नहीं बिताते थें, लेकिन उन्हें भी अपने उम्र के लोगों के साथ खेलने या वक्त बितानी की जरूरत पड़ती थी। इसलिए मैंने और मेरे हस्बेंड ने दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में सोचा।
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अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में बताएं।
मैं दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान करना चाहती थी, क्योंकि मेरी पहली प्रेग्नेंसी के दौरान मुझे 1 साल का वक्त लगा था कंसीव करने में। इसलिए मुझे लगा था कि सेकेंड प्रेग्नेंसी में भी शायद वक्त लगे। हालांकि यहां मैं अपने आपको लकी मानती हूं कि मैं सेकेंड बेबी प्लानिंग (Baby planning) कर ही रही थी और मैं प्रेग्नेंट भी हो गई। ये हमारे लिए या यूं कहें की हर कपल और फेमली मेंबर के लिए खुशी की बात होती है। इसलिए मैं अपनी सेंकड प्रेग्नेंसी को प्लान (Second pregnancy planning) और अनप्लांड दोनों ही मानती हूं।
पहली प्रेग्नेंसी की तुलना में आपकी दूसरी प्रेग्नेंसी में क्या फर्क था?
नवजोत मुस्कुराती हैं और कहती हैं प्रेग्नेंसी पहली हो या दूसरी एक मां के लिए ये ऐसा वक्त होता है, जिसका जितना भी जिक्र की जाय कम ही है। खैर जब मैं पहली बार प्रेग्नेंट हुई तो मैं वर्किंग थी और मुझे ऑफिस जाना रहता था। इस दौरान मुझे बहुत ज्यादा अटेंशन मिला पहला मेरे हस्बेंड फिर फेमली और फिर ऑफिस से। सबका बहुत सपोर्ट मिला और सबने मुझे बहुत पेम्पर किया। हालांकि दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान मैं वर्किंग नहीं थी क्योंकि मेरी बेटी 4 साल की थी तो मैं उसके साथ वक्त बिताना चाहती थी और मदरहुड (Motherhood) को एन्जॉय भी करना चाहती थी। यहां मेरा एक्सपीरियस थोड़ा अलग था क्योंकि पहली प्रेग्नेंसी के दौरान मुझे किसी का ध्यान नहीं रखना पड़ता था, लेकिन दूसरी प्रेग्नेंसी मुझे मेरी बेटी का ध्यान रखना था अब चाहे उसे स्कूल बस तक छोड़ना, उसे तैयार करना या फिर उसके डायट का ध्यान रखना। वैसे मेरे लिए ये सब इतना कठिन नहीं था, क्योंकि मेरे लाइफ पार्टनर मेरा पूरा ध्यान रखते थें।
दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान कोई कॉम्प्लिकेशन हुई?
नहीं, मुझे पहली या दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान भी कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं हुई। मुझे मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness) या ऐसी कोई भी तकलीफ महसूस नहीं हुई। मैं अपने डेली वर्क को आराम से करती थी। मैं यहां एक बात जरूर शेयर करना चाहुंगी कि जितना हो सके अपने आपको रिलैक्स रखें और अपने गायनोकोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए टिप्स को या सलाह को इग्नोर ना करें। अगर आपको डॉक्टर से प्रेग्नेंसी के दौरान बेड रेस्ट (Bed rest) की सलाह दी है, तो उसे फॉलो करें। अगर कोई परेशानी नहीं है, तो ऐसा भी काम ना करें की जिससे प्रेग्नेंसी पीरियड (Pregnancy periods) में परेशानी शुरू हो जाए।
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सेकेंड प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर से कंसल्टेशन के बारे में बताएं।
नवजोत गहरी सांस लेते हुए कहती हैं दूसरी प्रेग्नेंसी (Second pregnancy) के दौरान जब डॉक्टर के पास अल्ट्रासाउंड या अन्य चेकअप के लिए जाना इंट्रेस्टिंग ज्यादा था मेरे लिए। पहली प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ पता नहीं होता है दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान आपको पता होता है कि क्या होने वाला है। अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के दौरान बेबी की मूवमेंट (Baby movement) को देख सकते हैं और हार्टबीट (Heart beat) को सुन सकते हैं। इस वक्त के बारे में आज भी मैं तुरंत कल्पना कर लेती हूं, क्योंकि एक कपल के लिए सच में ये एक बेहद अलग अनुभव होता है।
आपने अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी की जानकारी अपनी पहली बेबी को दी?
हमारा दूसरा बच्चा जितना हमारे लिए जरूरी था उतना ही मेरी बेटी के लिए। क्योंकि उसे अब एक साथ मिलेगा जहां वो उसके साथ खेलेगी और दोनों एक दूसरे के सिबलिंग और दोस्त दोनों होंगे। हमने उसे बताया अब जल्द ही घर में उसका भाई या बहन आने वाली है। हमनें उसे भी अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के दौरान साथ रखा था। वो भी काफी एक्साइटेड थी इस बात को लेकर। आज मेरी बेटी 8 साल की है और बेटा 4 साल का। दोनों को एक दूसरे के साथ व्यस्त देखकर हमभी रिलैक्स महसूस करते हैं। अब जब मैं ऑफिस से आती हूं या ऑफिस में होती हूं तो मुझे ऐसा नहीं लगता है कि मेरी बेटी अकेले होगी।
सेकेंड प्रेग्नेंसी में आपने किस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखा?
सेकेंड प्रेग्नेंसी के बारे में मैंने अपनी बेटी को बताया और साथ ही उसके साथ मैंने अपने नेचर में ऐसा कोई बदलाव नहीं लाया कि अब तो जो बेबी आने वाला है उसका ज्यादा ध्यान रखना होगा या मैं उसे ज्यादा प्यार करूंगी। मैं उसे हमेशा यही एहसास करवाती थी दोनों हमारे लिए इम्पोर्टेन्ट हैं। आपभी अपने पहले बेबी को इग्नोर फील ना होने दें और उन्हें इग्नोर ना करें।
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अपने दूसरी प्रेग्नेंसी के डिलिवरी के बारे में बतायें।
मुझे जो डिलिवरी की डेट दी गई थी वो उसी टाइम पर हुई। मेरी नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) थी और लेबर पेन तो हर महिला को फेस करना पड़ता है। मेरा बेबी हेल्दी हुआ और मुझे किसी तरह की कोई कॉम्प्लीकेशंस भी नहीं हुई।
क्या आप प्रेग्नेंट लेडीज को कोई मैसेज देना चाहेंगी?
जरूर, क्योंकि अब तो वक्त बदल चूका है, लेकिन फिर भी महिलाएं अपने हेल्थ के साथ किसी ना किसी कारण से थोड़ी-बहुत लापरवाह हो ही जाती हैं। अगर आपभी ऐसा करती हैं, तो प्लीज ऐसा ना करें। अपना ध्यान प्रेग्नेंसी के दौरान रखने के साथ-साथ सामान्य दिनों में भी रखें। क्योंकि अगर आप रहेंगी हेल्दी तो आपकी फेमली भी होगी हेल्दी।
तो ये रही नवजोत की दूसरी प्रेग्नेंसी (Second pregnancy story) स्टोरी। अगर आपभी अपनी प्रेग्नेंसी स्टोरी शेयर करना चाहती हैं, तो हमें शेयर करें और नवजोत की ही तरह हम आपकी भी प्रेग्नेंसी स्टोरी शेयर करेंगे।
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