प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में बेबी बंप साफ तौर पर दिखने लगता है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में आप कदम रख चुकी हैं। प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में एक्सरसाइज करने पर आपको अधिक ध्यान देने की जरूरत है। आपको इस समय बहुत सावधानी की जरूरत है। सातवें महीने में एक्सरसाइज से लेकर खानपान के दौरान आपको ट्रेनर या फिर हेल्पर की जरूरत पड़ सकती है। जो महिलाएं पहली बार एक्सरसाइज कर रही हैं, उनमें डिस्बैलेंस होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। ऐसे में गिरना आपके साथ ही बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आपको प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में एक्सरसाइज एक्सरसाइज करते समय कुछ बातों पर गौर करना चाहिए।
जब हैलो स्वास्थ्य ने फोर्टिस हॉस्पिटल की कंसल्टेंट गाइनोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना सिन्हा से बात की तो उन्होंने कहा कि ‘प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में एक्सरसाइज करते समय महिलाओं को बैलेंस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। ऐसे समय में डिस्बैलेंस होना खतरनाक साबित हो सकता है। पेट बढ़ जाने के कारण हो सकता है कि बैठते या उठते समय दिक्कत लगे। पैल्विक मसल्स के फैलाव के लिए जमीन पर बैठना उचित रहेगा। अगर किसी भी तरह का कॉम्प्लीकेशन है तो एक्सरसाइज करने से पहले एक बार डॉक्टर से राय जरूर लें।’
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सातवें महीने में एक्सरसाइज में अवॉयड करें इन व्यायामों को
गर्भावस्था के सातवें महीने में एक्सरक्ट बेहद सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। क्योंकि इस दौरान छोटी सी गलती खतरनाक साबित हो सकती है। तीसरी तिमाही में पेट इतना बढ़ जाता है कि इसमें प्रेग्नेंट महिला को ठीक से उठने बैठने तक में दिक्कत होती है। पेट बाहर की ओर निकल जाने के कारण प्रेग्नेंट महिलाओं के एक्सरसाइज के दौरान ये बात याद रखें कि पेट के बल न लेटें। पेट पर अधिक दबाव आपको समस्या में डाल सकता है। साथ ही अगर आपको कोई कॉम्प्लिकेशन है तो एक बार पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें। बिना डॉक्टर से सलाह लिए एक्सरसाइज करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में एक्सरसाइज करना हो तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है क्योंकि यह गर्भवती महिला के साथ बच्चे के लिए भी परेशानी खड़ी कर सकता है।
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सातवें महीने में एक्सरसाइज करते हुए अधिक देर तक सांस न रोंके
अगर आप प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में योगा कर रही हैं तो सांस को अधिक देर तक न रोंके। ब्रीदिंग से ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर होता है। सांस को ज्यादा देर तक रोकने से ऑक्सिजन की कमी के कारण ब्लड सर्क्युलेशन प्रभावित हो सकता है। बेहतर होगा कि आप योगा किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें। सातवें महीने में एक्सरसाइज करने के दौरान सांस रोकना आपके बच्चे के लिए खतरे का कारण बन सकता है। इस दौरान किसी भी एक्सरसाइज को ट्रेनर की देखरेख में करें जो आपके लिए परेशानी बन सकता है।
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सातवें महीने में एक्सरसाइज के दौरान न लेटे पीठ के बल
डॉक्टर महिलाओं को सोने की पुजिशन बताते वक्त पीठ के बल सोने को मना करते हैं। इस दौरान लेफ्ट या राइट करवट में लेटना सही माना जाता है। ठीक उसी तरह से सातवें महीने में एक्सरसाइज के दौरान पीठ के बल लेटकर कोई भी एक्सरसाइज न करें। जब प्रेग्नेंट लेडी पीठ के बल लेटती है तो उसके यूट्रस का पूरा भार शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ता है। इससे ब्लड सर्क्युलेशन भी बिगड़ सकता है। कई बार पीठ के बल लेटने से सांस संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। सातवें महीने में एक्सरसाइज करते हुए छोटी-छोटी चीजें परेशानी खड़ी कर सकती है इसलिए आपका केयरफुल रहना बहुत जरूरी है।
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अगर है ये समस्या तो न करें एक्सरसाइज
अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह का कॉम्प्लिकेशन है तो डॉक्टर आपको एक्सरसाइज करने से मना कर देगा। बेहतर होगा कि आप इस बात पर ध्यान दें। कुछ लक्षण जैसे-
- थकान
- पहले से ब्लड प्रेशर की समस्या
- अस्थमा की स्थिति
- कार्डिएक डिसऑर्डर
- मधुमेह या डायबिटीज
- योनि से खून बहना
- प्रीटर्म डिलिवरी
- व्यायाम करने के तुरंत बाद ज्यादा संकुचन महसूस होने पर
अगर आपको ये लक्षण दिख रहे हैं तो एक्सरसाइज न करें।
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सातवें महीने में एक्सरसाइज के दौरान इन बातों को नोटिस करें
- जब थकावट महसूस हो तो एक्सरसाइज करना बंद कर दें।
- चक्कर महसूस होने पर एक्सरसाइज न करें।
- ज्यादा गर्म वातावरण में भी एक्सरसाइज करने से बचें। आप चाहे तो वातानुकूलित जिम जा सकती हैं।
- भारी वजन उठाने से बचें। कमर में बेल्ट बांधकर एक्सरसाइज की जा सकती है।
- इन-लाइन स्केटिंग, सॉकर, डाउनहिल स्कीइंग और घुड़सवारी करने से बचें।
- ब्लीडिंग, प्लेसेंटा प्रीविया, गर्भाशय ग्रीवा में किसी प्रकार की समस्या होने पर एक्सरसाइज न करना बेहतर रहेगा।
- प्रेग्नेंसी के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी एक्सरसाइज न करें।
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सातवें महीने में एक्सरसाइज करते हुए रखें ध्यान
प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में एक्सरसाइज के दौरान शरीर का टेम्प्रेचर सामान्य से अधिक होता है। ऐसे में व्यायाम किसी भी बंद कमरे में न करें। गर्म कमरे में किया जाने वाला योग आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। साथ ही शरीर में खिचांव पैदा करने वाली एक्सरसाइज भी न करें। अगर आप आसन कर रही हैं तो कमर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर न झुकाएं। ऐसा पश्चिमोत्तानासन में किया जाता है। आपको ऐसे आसन को इग्नोर करना चाहिए। सातवें महीने में एक्सरसाइज के दौरान आपको आसान और लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज करना चाहिए। सातवें महीने में बहुत सी महिलाओं के बेबी बंप का साइज बड़ा हो जाता है। ऐसे में कोई भी ऐसी एक्सरसाइज जिससे महिला के पेट पर दबाव पड़े खतरनाक साबति हो सकती है।
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में आपको वेट चेकअप, हार्टबीट चेकअप के साथ ही बच्चे के मूमेंट पर भी ध्यान देने की भी जरूरत होती है। अगर डॉक्टर चेकअप के बाद सब नॉर्मल बताते हैं तो उनसे एक्सरसाइज के बारे में आप पूछ सकती हैं। इस दौरान पेट के बल लेटने की गलती न करें। एक्सपर्ट इसके लिए सख्त मना करते हैं। पेट पर अधिक दबाव आपको समस्या में डाल सकता है। साथ ही अगर आपको कोई कॉम्प्लिकेशन है तो एक बार पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें। बिना डॉक्टर की इजाजत के कोई भी एक्सरसाइज न करें। सातवें महीने में एक्सरसाइज करने से पहले अपने डॉक्टर और ट्रेनर को अपनी कॉम्प्लिकेशन के बारे में बताएं। डॉक्टर जो एक्सरसाइज निर्देश दे वहीं एक्सरसाइज करें।
हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में एक्सरसाइज करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसकी जानकारी दी गई है। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सपंर्क करें।
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