ओल्ड एज में मसल्स लॉस एक कॉमन कंडिशन है। जिससे 50 की उम्र के बाद के 10 प्रतिशत लोग प्रभावित होते हैं। मिडिल एज के बाद व्यस्कों में 3 प्रतिशत मसल्स स्ट्रेंथ कम होने लगती है। इस कंडिशन को सारकोपीनिया (sarcopenia) भी कहा जाता है। सारकोपीनिया का कारण मसल्स सेल्स ग्रोथ के सिगनल्स और टियरडाउन सिगनल्स के बीच इम्बैलेंस होना है। मसल्स में कमी आने पर व्यक्ति की स्ट्रेंथ में कमी आने के साथ ही बैलेंस करने की क्षमता में कमी आने लगती है। सारकोपीनिया की वजह से इंसान रोज की गतिविधियों को करने में भी सक्षम नहीं रह जाता है। जिसमें सीढ़िया चढ़ना, किसी चीज को उठाना और चलना शामिल है। हालांकि, इस कंडिशन को रिवर्स किया जा सकता है। हेल्दी डायट और रेगुलर एक्सरसाइज के द्वारा ओल्ड एज में मसल्स लॉस को रिवर्स किया जा सकता है। पहले जान लेते हैं कि ओल्ड एज में मसल्स लॉस या सारकोपीनिया के कारण क्या हैं?
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ओल्ड एज में मसल्स लॉस होने के कारण (Causes of Muscle Loss Due to Aging)
इंटरनेशनल ऑस्टियोपरोरिस फाउंडेशन (International Osteoporosis Foundation) के अनुसार 40 साल की उम्र के बाद मसल्स मास कम होना शुरू हो जाता है और 60 और 70 की उम्र के बाद और तेजी से कम होने लगता है। मसल्स फाइबर में कमी और मसल्स के साइज में कमी दोनों मसल्स मास में कमी माना जाता है। कम और छोटे मसल्स फाइबर के कॉम्बिनेशन से मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। व्यक्ति की उम्र और उसके अनुसार बॉडी में होने वाले परिवर्तन भी सारकोपीनिया का कारण बनते हैं। इसके प्रमुख कारणों में निम्न शामिल हैं।
ओल्ड एज में मसल्स लॉस का कारण है प्रोटीन की कमी (Lack of protein is the reason for muscle loss in old age)
जब व्यक्ति की उम्र बढ़ती है तो बॉडी की प्रोटीन को प्रोड्यूस करने की क्षमता में कमी आने लगती है जो मसल्स ग्रोथ के लिए जिम्मेदार होता है। जैसे ही प्रोटीन का निर्माण कम होना शुरू होता है मसल्स सेल्स छोटी होती जाती हैं।
हॉर्मोन्स (Hormones) के कारण भी होती है ये परेशानी
एज रिलेटेड हॉर्मोनल चेंजेस भी मसल्स मास को कम करने का काम करते हैं। देखा जाए तो टेस्टोस्टेरॉन का लेवल और इंसुलिन जैसे ग्रोथ फैक्टर हॉर्मोन्स मसल्स ग्रोथ और मसल्स मास को प्रभावित कर सकते हैं। हॉर्मोन्स के लेवल में कमी मसल्स मास को कम करती है और ओल्ड एज में मसल्स लॉस का कारण बनती है।
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ओल्ड एज में मसल्स लॉस का कारण है असंतुलित डायट (Unbalanced diet is the reason for muscle loss in the old age)
ऐसी डायट जिसमें कैलोरीज और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में ना हो वह वेट लॉज के साथ ही मसल्स मास में कमी का कारण बन सकती है। बढ़ती उम्र के साथ लोग डायट पर ध्यान देना छोड़ देते हैं और डायट में कैलोरी और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों की मात्रा कम होने लगती है। जिसका कारण कभी-कभी इस उम्र में होने वाला स्वाद में बदलाव, दांतों और मसूड़ों में परेशानी, निगलने में कठिनाई आदि है। कई बार बुजुर्ग लोग परिवार के साथ नहीं रहते ऐसे में शॉपिंग और कुकिंग भी मुश्किल काम हो जाता है। ये सभी कारण मिलकर ओल्ड ऐज में मसल्स लॉस का कारण बन जाते हैं। सारकोपीनिया से बचने के लिए अपनी डायट में प्रोटीन को शामिल करना जरूरी है।
दूसरी हेल्थ कंडिशन भी जिम्मेदार हैं सारकोपीनिया (Sarcopenia) के लिए
बढ़ती उम्र में दूसरी कई हेल्थ कंडिशन्स का सामना कर रहे मरीजों को भी ओल्ड ऐज में मसल्स लॉस का सामना करना पड़ता है। जो बीमारियां बॉडी को बुरी तरह प्रभावित करती हैं वे आगे जाकर सारकोपीनिया का कारण बनती हैं। उदाहरण के लिए क्रॉनिक लिवर डिजीज, क्रोनिक हार्ट फेलियर का सामना कर रहे लोगों में सारकोपीनिया के लक्षण पाए जाते हैं। इसी तरह क्रोनिक किडनी डिजीज और कैंसर का सामना कर रहे लोगों में मसल्स लॉस काफी ज्यादा होता है जिसके कारण सारकोपीनिया होता है।
ओल्ड एज में मसल्स लॉस का कारण है फिजिकल एक्टिवटीज ना करना (Lack of physical activities is the reason for muscle loss in old age)
फिजिकल एक्टिविटीज ना करना या कहें कि बहुत कम करना भी सारकोपीनिया के रिस्क को बढ़ा देता है। किसी बीमारी या सर्जरी के बाद लंबे समय का बेड रेस्ट मसल्स लॉस को प्रोत्साहित करता है। आपको बता दें कि दो से तीन हफ्ते वॉकिंग या दूसरी रेगुलर एक्टिविटीज में की गई कमी मसल्स मास और स्ट्रेंथ को कम कर देती है। ओल्ड एज में मसल्स लॉस जैसे ही शुरू होता है कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
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ओल्ड एज में मसल्स लॉस होने पर बॉडी में दिखाई देते हैं ये लक्षण (Symptoms of Muscle Loss Due to Aging)
मसल्स मास में कमी को लोग सीरियली नहीं लेते। जबकि यह कमजोरी, थकान, बीमार फील करना, गिरना आदि के रिस्क को बढ़ा सकता है। सारकोपीनिया या कहें कि ओल्ड एज में मसल्स लॉस होने पर बॉडी में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं।
- मसल्स साइज में कमी आना
- थकान का अनुभव
- शरीर का संतुलन बिगड़ना
- बार-बार गिरना
- चक्कर आना
- अकेले ना रह पाना या कहीं जाने में डरना
ओल्ड एज में मसल्स लॉस के लिए उपलब्ध ट्रीटमेंट (Treatments for Muscle Loss Due to Aging)
बता दें कि वर्तमान में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस स्थिति के लिए किसी प्रकार के मेडिकेशन को अप्रूव नहीं किया है। जिससे सारकोपीनिया का इलाज किया जा सके। कुछ रिसर्चेस में लीन मसल्स बढ़ाने के लिए हॉर्मोन थेरिपी के उपयोग पर जांच की जा रही है। शोधकर्ता टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) और विकास हॉर्मोन (growth hormone) के उपयोग पर स्टडी कर रहे हैं ताकि लोगों की उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद मिल सके, लेकिन हॉर्मोन थेरिपी (Hormone therapy) को सारकोपीनिया के इलाज के लिए अनुशंसित करने से पहले और अध्ययन की आवश्यकता है। हालांकि कुछ होम रेमेडीज के जरिए इस को नियंत्रित किया जा सकता है।
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ओल्ड एज में मसल्स लॉस को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव (lifestyle changes for Sarcopenia)
मेडिकेशन और हॉर्मोन थेरिपी की जगह लाइफस्टाइल में कुछ चेंजेस करके आप मसल्स लॉस को रोक सकते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
एक्सरसाइज (Exercises) को करें रूटीन में शामिल
मसल्स का यूज करके या कहें कि मसल्स पर काम करके मसल्स मास और स्ट्रेंथ को मैंटेन किया जा सकता है। जब मसल्स का उपयोग नहीं किया जाता तो ये सिकुड़ जाती हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और रेजिस्टेंस ट्रेनिंग मसल्स साइज, स्ट्रेंथ को बढ़ाने के साथ ही उन्हें टोन करती है। इसके साथ ही यह हड्डियों, लिगामेंट्स और टेंडन को भी मजबूत करती हैं। Centers for Disease Control and Prevention सीडीसी के अनुसार उम्रदराज व्यस्कों को हफ्ते में दो बार मसल स्ट्रेथनिंग एक्टिविटीज में हिस्सा लेना चाहिए। जिसमें मुख्य मसल्स ग्रुप्स पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए जिसमें पैर, हाथ, सीना, कंथे, पीठ और पेट का नीचे का हिस्सा शामिल है। स्ट्रेंथ एक्सरसाइज मसल्स कॉन्ट्रेक्शन में मदद करती है। जिससे मसल्स का साइज बढ़ता है और स्ट्रेंथ आती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए वेटर, रेजिस्टेंस बैंड्स, एक्सरसाइज मशीन आदि का उपयोग किया जाता है।
इसके साथ ही वॉकिंग भी मसल्स मास को बढ़ाने का काम करती है। वॉकिंग एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसे कोई भी किसी भी उम्र में आसानी से कर सकता है। अगर आप किसी सीवियर कंडिशन से जूझ रहे हैं तो वॉक पर जाने से पहले इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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डायट में शामिल करें पोषक तत्व (Healthy diet)
ओल्ड एज में मसल्स लॉस को रोकने के लिए एक अच्छी डायट बेहद जरूरी है। यह सारकोपीनिया को रोकने के साथ ही इसके लक्षणों को डिले कर सकती है। डायट में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा को शामिल करें। आईओएफ (International Osteoporosis Foundation) के अनुसार एडल्ट्स को बॉडीवेट के प्रति किलोग्राम पर 1.0-1.2 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। इसके लिए सीफूड्स जिसमें साल्मन शामिल है प्रोटीन का अच्छा सोर्स हैं। इसके अलावा जो लोग मीट नहीं खाते वे अपनी डायट में टोफू, दालें, बींस, क्विनवा आदि को शामिल कर सकते हैं। ये सभी प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं। इस बारे में डायटीशियन से भी सलाह ली जा सकती है।
ओल्ड एज में मसल्स लॉस को रोकने के लिए ले सकते हैं डायट्री सप्लिमेंट्स का सहारा (dietary supplements)
कुछ डायट्री सप्लिमेंट्स सारकोपेनिया में सुधार करने या स्थिति को रोकने में मदद करने का एक और तरीका हो सकता है। उदाहरण के लिए, क्रिएटिन की खुराक लेने से किसी भी उम्र के वयस्कों में ताकत और मांसपेशियों में वृद्धि हो सकती है। इसी तरह, विटामिन डी के पर्याप्त स्तर को बनाए रखना, चाहे वह डायट के माध्यम से हो या सप्लिमेंट्स के माध्यम से, वयस्कों और ओल्ड एज के लोगों को मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में मदद कर सकता है। किसी भी सप्लिमेंट्स का उपयोग करने से पहले, हमेशा डॉक्टर से विचार-विमर्श करना चाहिए।
इस तरह जीवनशैली के कुछ बदलाव इस बीमारी से लड़ने में मददगार साबित हो सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और ओल्ड एज में मसल्स लॉस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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