हमारे आसपास कई ऐसे रोग हैं, जो संक्रमण से फैलते हैं। संक्रमण (Infection) से फैलने वाले रोग, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं, यह अपने आप में एक गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इसी तरह सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं। इसी सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन (Sexually transmitted infection) में से एक है क्लैमीडिया। क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या महिला और पुरुष दोनों में से किसी को भी हो सकती है। आज हम बात करने जा रहे हैं क्लैमीडिया के फैक्ट्स (Facts about Chlamydia) के बारे में। क्लैमीडिया के फैक्ट्स के बारे में जानकारी इस समस्या से बचने में आपके बेहद काम आ सकती है। लेकिन इससे पहले जानते हैं क्लैमीडिया से जुड़ी कुछ खास बातें।
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क्यों होती है क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या?
क्लैमीडिया के फैक्ट्स (Facts about Chlamydia) के बारे में बात करने से पहले जरूरी है यह जानना कि क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या आखिर क्या है। क्लैमीडिया एक सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन है, जिसका उपचार आसानी से किया जा सकता है। लेकिन यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो इसके कई गंभीर परिणाम व्यक्ति को भुगतने पड़ सकते हैं। इन कॉम्प्लिकेशन में अक्सर पुरुषों में टेस्टिकुलर पेन (Testicular pain) और महिलाओं में पेल्विक पेन (Pelvic pain) और इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। क्लैमीडिया से ग्रसित लोगों में अक्सर किसी भी तरह का लक्षण दिखाई नहीं देते, जिसके कारण क्लैमीडिया की समस्या को पहचानना मुश्किल साबित होता है। आइए जानते हैं क्लैमीडिया के क्या कारण हो सकते हैं।
क्लैमीडिया के कारणों में होता है इनका सामवेश! (Causes of Chlamydia)
क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होती है। इस बैक्टीरिया को क्लैमीडिया ट्रेकोमैटिस (Chlamydia trachomatis) कहा जाता है। यह बैक्टीरिया वजायना, यूरेथ्रा, सर्विक्स और रेक्टम (Vagina, urethra, cervix and rectum) में अपना घर बनाते हैं और कई बार आपकी आंखों और गले को भी संक्रमित कर सकते हैं। जो लोग सेक्शुअली एक्टिव होते हैं, उनसे यह समस्या संक्रमण के रूप में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा सकती हैं। क्लैमीडिया की समस्या सेक्शुअल कॉन्टैक्ट के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. यदि आपको क्लैमीडिया की समस्या है, तो आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
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क्लैमीडिया के लक्षण : पहचानने हैं जरूरी! (Syptoms of Chlamydia)
बात करें क्लैमीडिया के लक्षणों की, तो अक्सर यह लक्षण नजर नहीं आते। यही वजह है कि क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या होते हुए भी इसका उपचार नहीं किया जाता। जब क्लैमीडिया का इन्फेक्शन शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है, तो इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं –
महिलाओं में क्लैमीडिया के लक्षण –
- पीरियड के बीच में ब्लीडिंग या हैवी पीरियड (Heavy Periods)
- सेक्स के दौरान दर्द या/और ब्लीडिंग (Pain or Bleeding)
- पेल्विक पेन (Pelvic Pain)
- असामान्य वजायनल डिस्चार्ज (Vaginal Discharge)
- यूरिनेशन के दौरान दर्द
पुरुषों में क्लैमीडिया (Chlamydia) के लक्षण –
- पीनस के सिरे से पानी जैसा डिस्चार्ज (White Discharge from the Penis)
- यूरिनेशन के दौरान दर्द
- टेस्टिक्ल्स में दर्द (Pain in the Testicles)
क्लैमीडिया के अन्य लक्षण –
- आंखों में इंफेक्शन के कारण दर्द और सूजन या डिस्चार्ज (Infection in the Eyes)
- गले में इंफेक्शन (Infection in the Throat)
जैसा कि आपने जाना क्लैमीडिया की समस्या होते हुए भी इसे पहचान पाना बेहद मुश्किल माना जाता है। इसलिए क्लैमीडिया के फैक्ट्स जानने आपके लिए और भी जरूरी हो जाते हैं। आइए जानते हैं क्लैमीडिया के फैक्ट्स (Facts about Chlamydia) से जुड़ी बातें।
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क्लैमीडिया के फैक्ट्स : जरूरत है सही जानकारी की! (Facts about Chlamydia)
क्लैमीडिया के फैक्ट्स आपको क्लैमीडिया (Chlamydia) से जुड़ी ऐसी जानकारी देते हैं, जो आपको इस समस्या में बचाव में मदद कर सकती है। इसलिए क्लैमीडिया के फैक्ट्स आपके लिए जानने बेहद ज़रूरी माने जाते हैं। आइए जानते हैं क्लैमीडिया के फैक्ट्स (Facts about Chlamydia) के बारे में –
क्लैमीडिया के फैक्ट्स (Facts about Chlamydia) : क्लैमीडिया की समस्या कम उम्र की महिलाओं में आमतौर पर दिखाई देती है।
युवतियां, जिनकी उम्र 15 से 24 साल के बीच होती है, यह क्लैमीडिया के इंफेक्शन से सबसे ज्यादा ग्रसित होती हैं। जो युक्तियां सेक्शुअली एक्टिव होती हैं, उनमें पुरुषों के मुकाबले क्लैमीडिया (Chlamydia) होने का रिस्क ज्यादा होता है। खास तौर पर ऐसी युक्तियां, जो एक से अधिक सेक्शुअल पार्टनर रखती है, उनमें क्लैमीडिया होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। यही वजह है कि एक्सपर्ट इस एज ग्रुप की महिलाओं को क्लैमीडिया के लिए रेगुलर स्क्रीनिंग की सलाह देते हैं।
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क्लैमीडिया के फैक्ट्स : क्लैमीडिया की समस्या सेक्शुअल कॉन्टैक्ट से ही फैलती है।
क्लैमीडिया के फैक्ट्स (Facts about Chlamydia) में ये फैक्ट आपको जानना बेहद जरूरी है। क्लैमीडिया की समस्या आपको सिर्फ सेक्शुअल कॉन्टैक्ट होने के बाद ही हो सकती है। यह बीमारी छूने से या संक्रमित व्यक्ति के कपड़े पहनने या उसका झूठा खाने से नहीं होती। क्लैमीडिया (Chlamydia) के ऑर्गनिज़म इंटरनल कॉन्टैक्ट फैलते हैं ,ना कि एक्सटर्नल कॉन्टैक्ट से।
क्लैमीडिया के फैक्ट्स : क्लैमीडिया के कारण लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं।
क्लैमीडिया की समस्या का यदि समय पर उपचार न किया जाए, तो इसके लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशन दिखाई दे सकते हैं। महिलाओं में क्लैमीडिया (Chlamydia) के लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशन इस प्रकार हो सकते हैं –
- पेल्विक एरिया में पेन और इन्फेक्शन
- पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic inflammatory disease)
- रीप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में दरार
- इनफर्टिलिटी
- एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic pregnancy)
वहीं पुरुषों में क्लैमीडिया (Chlamydia) की वजह से लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशन के रूप में एपिडीडिमाइटिस (Epididymitis) की समस्या हो सकती है, जिसकी वजह से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या होती है। कई बार क्लैमीडिया के लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशन में रिएक्टिव अर्थराइटिस की समस्या भी देखी गई है।
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क्लैमीडिया के फैक्ट्स : क्लैमीडिया की समस्या मां से नवजात शिशु में आ सकती है।
यदि मां की क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या का उपचार नहीं किया गया है और यह इन्फेक्शन बच्चे के जन्म के समय मां को है, तो बच्चे को इसकी वजह से आय इन्फेक्शन और निमोनिया की समस्या हो सकती है। जिसे एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट (Antibiotic treatment) से ठीक करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी में क्लैमीडिया की समस्या बच्चे के प्रीमेच्योर बर्थ (Premature birth) का कारण भी बन सकती है।
क्लैमीडिया के फैक्ट्स (Facts about Chlamydia) : आप क्लैमीडिया के शिकार एक से ज्यादा बार हो सकते हैं।
कई ऐसे संक्रमण है, जिसके एक बार हो जाने के बाद शरीर इसके प्रति इम्यूनिटी बना लेता है। जिससे दोबारा इंफेक्शन के होने के चांसेस कम हो जाते हैं। लेकिन क्लैमीडिया की समस्या इससे अलग होती है। यदि आपको एक बार क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या हुई है, तो आपको भविष्य में भी दोबारा यह इंफेक्शन हो सकता है। यहां तक की यदि क्लैमीडिया का उपचार आपने हाल ही में पूरा किया है, तब भी दोबारा यह आपको हो सकता है।
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क्लैमीडिया के फैक्ट्स : क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या से बचाव संभव है।
क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या से बचाव तब संभव है, जब आप सेक्स से कुछ समय के लिए दूरी बना लें। यदि आप सेक्शुअली एक्टिव (Sexually active) हैं, तो आपको इन बातों का ध्यान रखने की जरूरत पड़ सकती है –
- कम से कम लोगों के साथ सेक्शुअली एक्टिव रहें
- समय -समय पर सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) के लिए होने वाले स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं
- सेक्स के दौरान लेटेक्स कॉन्डोम का इस्तेमाल करें
इस उपायों की मदद से आप क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या से बच सकते हैं।
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क्लैमीडिया के फैक्ट्स (Facts about Chlamydia) आपकी मदद इस समस्या को बेहतर समझने में कर सकते हैं। लेकिन क्लैमीडिया की समस्या परेशान करने वाली हो सकती है और यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए, तो यह आपको कई गंभीर परिणाम दे सकती है। इसलिए जरूरी है इसके लक्षणों पर ध्यान दिया जाए और जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लेकर इसका उपचार किया जाए। ध्यान रहे कि क्लैमीडिया (Chlamydia) की समस्या में उपचार का पूरा कोर्स करना जरूरी है, जिससे यह समस्या दोबारा ना हो।
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