backup og meta

एचआईवी मिथक को मिथक ही रहने दें और सही जानकारी हासिल करें

एचआईवी मिथक को मिथक ही रहने दें और सही जानकारी हासिल करें

एचआईवी और एड्स को लोग एक ही समझते हैं जबकि यह दोनों ही अलग होते हैं। एचआईवी एक तरह का वायरस है, जिसके गंभीर रूप लेने के बाद यह एड्स में बदल जाता है। लोगों का मानना है कि एचआईवी के बाद एक व्यक्ति सामान्य जिंदगी नहीं जी सकता, जो कि सिर्फ एक मिथक है। ऐसे कई एचआईवी मिथक हैं जिन्हें लोग सच मानकर एचआईवी और एड्स से पीड़ित लोगों के साथ दुव्र्यवहार करते हैं। एचआईवी के बारे में दबी नहीं खुली जुबान में बात करें और उससे पहले एचआईवी मिथक और फैक्ट्स की सही जानकारी को हासिल करें। हम ऐसे ही प्रचलित एचआईवी मिथकों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

और पढ़ेंः जानें एचआईवी इतनी तेजी से शरीर में कैसे फैलता है?

एचआईवी क्या है?

एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस। यह कोई बीमारी नहीं होती। यह एक प्रकार का वायरस होता है जो शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता चला जाता है। इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर शरीर किसी भी प्रकार की बीमारी और संक्रमण को रोक पाने में नाकामयाब साबित होता है। एचआईवी वायरस टी सेल्स को नष्ट कर देता है। यह सेल्स ही इम्यून सिस्टम बनाए रखते हैं इन्हें सीडी4+ सेल्स भी कहा जाता है। यदि समय रहते एचआईवी वायरस का उपचार न किया जाए तो शरीर में इंफेक्शन बढ़ने लगता है। यह इंफेक्शन ही एड्स को जन्म देता है।

कुछ प्रचलित एचआईवी मिथक

पहला एचआईवी मिथक है कि एचआईवी और एड्स एक ही होता है

कई लोगों का मानना है कि एड्स और एचआईवी एक ही चीज है। जबकि यह सरासर गलत है। एचआईवी एक वायरस है और एड्स एचआईवी वायरस के बढ़ने के कारण होने वाला विकार है।

और पढ़ें: जानिए किस तरह हेल्दी इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी हैं प्रोबायोटिक्स

दूसरा एचआईवी मिथक है कि एचआईवी से मरना निश्चित है

यह एचआईवी मिथक की सबसे गलत धारणा है। एचआईवी से बचाव संभव है। यदि आप पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफैलिकस का उपचार को सही से फॉलो करें तो आप एचआईवी से लड़ सकते हैं और यह एड्स की स्थिति में नहीं पहुंचता। एचआईवी के उपचार से एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति सामान्य और लंबी जिंदगी जी सकता है।

तीसरा एचआईवी मिथक है कि हाथ मिलाने, साथ बैठने से एचआईवी फैलता है

एचआईवी सीडी4 सेल को नष्ट करता है नाकि स्किन को। एचआईवी न ही किस करने, न ही हाथ मिलाने या साथ बैठने से फैलता है। किस में एचआईवी फैलने का खतरा तब ही रहता है जब एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का खून आपके संपर्क में आता है। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के मुंह में छाले हैं या फटे होंठों के कारण ऐसा संभव है लेकिन ऐसा भी बहुत ही कम देखने को मिलता है। वहीं थूक से कभी भी एचआईवी नहीं फैलता।

और पढ़ें: एचआईवी गर्भावस्था महिलाओं के लिए कितनी सही है? जानिए यहां

चौथ एचआईवी मिथक है कि मच्छरों या अन्य कीड़ों के काटेन से हो सकता है

मच्छर के काटने से या अन्य ​कीड़ों के काटने से एचआईवी नहीं फैलता। ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस इंसान से इंसान को ही फैल सकता है जानवरों को नहीं।

पांचवां एचआईवी मिथक है कि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को देखकर बताया जा सकता है कि उसे एचआईवी है

कई लोगों को मानना है कि एचआईवी पॉजिटिव का पता किसी भी व्यक्ति को देखकर बताया जा सकता है या उसके लक्षणों से अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि एचआईवी का पता लगाना एचआईवी टेस्ट के बिना मुश्किल ही होता है। कई बार दस वर्षों तक भी एचआईवी के लक्षणों का पता नहीं चल पाता।

छठा एचआईवी मिथक है कि आधुनिक अध्ययनों और दवाओं से अब एड्स अब कोई बड़ी बात नहीं

एचआईवी और एड्स के लिए कई प्रकार के उपचार और बचाव लाए गए हैं और कई पर शोध चल रहा है। इसके बावजूद एड्स अभी तक एक लाइलाज बीमारी ही है। ​यदि एचआईवी के बचाव की जानकारी प्राप्त की जाए और सावधानी बरती जाए तो एचआईवी से बचा जा सकता है। एचआईवी को पूरी तरह खत्म कर पाना अभी तक संभव नहीं हो पाया है। हां यह जरूर है कि एचआईवी वायरस को कुछ हद तक निष्क्रिय किया जा सकता है पर समाप्त नहीं।

सातवां एचआईवी मिथक है कि बच्चों को या हेटरोसेक्शुअल को एचआईवी नहीं होता

एचआईवी किसी को भी हो सकता है। यह सच है कि बाइसेक्शुअल और गे को एचआईवी होने का चांस ज्यादा होता है लेकिन यह हेटरोसेक्शुअल पुरुषों को भी हो सकता है। बाइसेक्शुअल पुरुषों की महिला सेक्स पार्टनर को एचआईवी होने का खतरा ज्यादा होता है। वहीं बच्चों को मां से बच्चों को भी एचआईवी प्रभावित कर सकता है।

[mc4wp_form id=’183492″]

आठवां एचआईवी मिथक है कि प्री-एक्सपोजर प्रो में कॉन्डम की जरूरत नहीं पड़ती

कई लोगों को मानना है कि प्री-एक्सपोजर की दवा लेने के बाद सेक्स करने के समय कॉन्डम लेने की जरूरत नहीं पड़ती जो कि सरासर गलत धारणा है। प्री-एक्सपोजर 99 प्रतिशत तक नियमित रूप से दवा लेने पर बचाव करता है। वहीं कॉन्डम अन्य यौन संचारित बीमारियों से भी बचाव करता है।

और पढ़ें: एड्स पीड़ित व्यक्ति की स्थिति बता सकता है CD 4 टेस्ट

नौवां एचआईवी मिथक है कि एचआईवी पॉजिटिव का बच्चा एचआईवी पॉजिटिव ही होता है

यदि कोई एचआईवी पॉजिटिव महिला मां बनना चाहती है तो उसे अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और एआरटी उपचार शुरू करना चाहिए। इससे बच्चे में एचआईवी होने के जोखिम कम होते हैं। इसके साथ ही माना जाता है कि सी-सेक्शन डिलिवरी व अपना दूध ना पिलाकर बोतल से दूध पिलाना चाहिए। यह भी बच्चे को एचआईवी से बचाने में मददगार होता है। वहीं यदि एचआईवी पॉजिटिव पिता है और एचआईवी नेगेटिव मां है तो भी उपचार के जरिए मां और बच्चे को एचआईवी का जोखिम कम हो सकता है।

दसवां एचआईवी मिथक है कि काटने, नाखून लगने से एचआईवी फैल सकता है

दांत से काटने, नाखून लगने या थूक से एचआईवी फैलने का जोखिम नहीं होता।

एचआईवी से बचाव क्या है?

  • सेक्स के दौरान कॉन्डम का उपयोग करना न भूलें।
  • हर बार एक नया कॉन्डम इस्तेमाल करें।
  • ओरल और वजायनल दोनों सेक्स के लिए अलग-अलग कॉन्डम का उपयोग करें।
  • कम से कम लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाएं
  • यदि आपका पार्टनर एचआईवी पॉजिटिव है तो प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(PrEP) को अपनाएं। प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) का अर्थ है एचआईवी से बचाव के लिए दवा लेना। प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस एचआईवी नेगेटिव व्यक्ति की मदद एचआईवी के संक्रमण से प्रभावित होने में करता है। प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस एचआईवी से बचाव में 99 प्रतिशत मददगार साबित हो सकता है।
  • यदि आपको लगता है कि आप एचआईवी संक्रमण के संपर्क में आए हैं तो पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(पीईपी) का उपयोग करें। एचआईवी के संपर्क में आने के बाद ली जाने वाली दवा को पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(पीईपी) कहा जाता है। 72 घंटों के भीतर पीईपी कारगर साबित हो सकता है।

एचआईवी मिथक से भ्रमित होने से अच्छा है कि आप एचआईवी की पूरी जानकारी एकत्रित करें। एचआईवी की पुख्ता जानकारी के माध्यम से ही बचाव संभव है।

हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार मुहैया नहीं कराता।

[embed-health-tool-ovulation]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

9 Myths About HIV/AIDS
https://www.healthline.com/health/hiv-aids/misconceptions-about-hiv-aids#1

Accessed on 6/01/2020

HIV Transmission
https://hivcare.org/hiv-transmission/

Accessed on 6/01/2020

10 Common Myths About HIV and AIDS
https://www.webmd.com/hiv-aids/top-10-myths-misconceptions-about-hiv-aids#1

Accessed on 6/01/2020

MYTHS ABOUT HIV AND AIDS

https://www.avert.org/hiv-transmission-prevention/myths

Accessed on 6/01/2020

Busting HIV Transmission Myths
healthline.com/health/hiv-aids/transmission-myths

Accessed on 6/01/2020

Current Version

25/05/2020

Hema Dhoulakhandi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Ankita mishra


संबंधित पोस्ट

प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस एचआईवी से कैसे बचाता है?

एचआईवी के लक्षण दिखें ना दिखें, संदेह हो तो जरूर कराएं टेस्ट


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Hema Dhoulakhandi द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/05/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement